रिटायर्ड आईएएस डॉ. प्रभात UPPSC के अध्यक्ष पद पर होंगे तैनात, राज्यपाल ने दी मंजूरी
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के तेज तर्रार आईएएस अफसर रहे डॉ. प्रभात कुमार सेवानिवृति के बाद एक बार फिर वापसी कर रहे हैं। 1985 बैच के आईएएस प्रभात कुमार सूबे की सबसे हॉट सीट कही जाने वाली लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष की कुर्सी संभालेंगे। स्वच्छ और भ्रष्टाचार विरोधी छवि के चलते ही सरकार ने उन्हें इस बड़ी जिम्मेदारी को देने का ऐलान किया है। सहकारिता समेत कई विभागों में भ्रष्टाचार की जांच कर भ्रष्टाचारियों को सजा दिला चुके प्रभात कुमार का का कार्यकाल 62 वर्ष की उम्र तक रहेगा और आयोग में भी उनसे उनकी छवि के अनुरूप ही काम करने की उम्मीद जताई जा रही है। वह मौजूदा अध्यक्ष अनिरूद्ध सिंह यादव की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 30 जून को खत्म हो रहा है।
राज्यपाल
ने
दी
मंजूरी
प्रभात
कुमार
के
नाम
पर
सीएम
योगी
आदित्यनाथ
ने
संस्तुति
प्रदान
कर
फाइल
अनुमोदान
के
लिये
राज्यपाल
के
पास
भेजी
थी,
जिसे
राज्यपाल
राम
नाईक
ने
मंजूरी
दे
दी
है।
आयोग
की
मटियामेट
हो
चुकी
साख
को
बचाने
और
प्रतियोगियों
में
आयोग
की
गरिमा
को
वापस
लाने
के
लिये
न
सिर्फ
प्रभात
कुमार
पर
बड़ी
जिम्मेदारी
होगी,
बल्कि
योगी
सरकार
को
भी
इसी
बहाने
युवाओं
की
अग्नि
परीक्षा
से
गुजरना
होगा।
संभावना
है
कि
1
जुलाई
को
प्रभात
कुमार
कार्यभार
ग्रहण
करेंगे।
बता
दें
कि
प्रभात
कुमार
30
अप्रैल
को
कृषि
उत्पादन
आयुक्त
के
साथ
ही
अपर
मुख्य
सचिव
बेसिक
शिक्षा,
यमुना
एक्सप्रेसवे
प्राधिकरण
के
अध्यक्ष
पद
से
सेवानिवृत्त
हुए
हैं।
कौन
हैं
प्रभात
कुमार
डा.
प्रभात
कुमार
सिविल
सेवा
में
आने
से
पहले
चिकित्सक
थे।
1985
बैच
के
आईएएस
अधिकारी
प्रभात
कुमार
बीते
30
अप्रैल
को
कृषि
उत्पादन
आयुक्त
तथा
अपर
मुख्य
सचिव
बेसिक
शिक्षा
के
पद
रिटायर
हो
चुके
हैं।
प्रभात
कुमार
उस
वक्त
खूब
चर्चा
में
आये
थे
जब
इन्होंने
मेरठ
का
मंडल
कमिश्नर
रहते
हुये
कई
घोटालेबाजों
को
जेल
भेजा
था।
इन्होंने
ही
प्रदेश
में
अक्षम
कर्मियों
को
अनिवार्य
सेवानिवृत्ति
देने
की
शुरुआत
की
थी
और
मेरठ
में
इनके
इस
एक्शन
को
खूब
पसंद
किया
गया
था।
इसी
एक्शन
को
बाद
में
सरकार
ने
प्रदेश
भर
में
लागू
कर
दिया,
जो
इस
समय
पूरी
तत्परता
से
चल
रहा
है।
होंगी
कई
चुनौतियां
उत्तर
प्रदेश
लोक
सेवा
आयोग
के
अध्यक्ष
के
तौर
पर
सेवानिवृत्त
आईएएस
अफसर
प्रभात
कुमार
के
सामने
कई
बड़ी
चुनौतियां
होंगी।
जिनमें
आयोग
की
परीक्षाओं
की
सीबीआई
और
एसटीएफ
जांच
के
साथ
विवादित
परीक्षओं
नें
आयोग
की
साख
को
बट्टा
लगा
चुकी
हैं।
ऐसे
में
नये
अध्यक्ष
को
इन
विवादों
को
निपटाने
के
साथ
आने
वाली
परीक्षाओं
की
शुचिता
को
भी
सुनिश्चित
करना
होगा।
पीसीएस
2016,
पीसीएस
2017,
आरओ
2016,
पीसीएस
जे
2018
,
एपीएस
2010
के
विवाद
को
सुलझा
कर
एलटी
ग्रेड
परीक्षा
में
परीक्षा
नियंत्रक
अंजू
कटियार
को
जेल
जाने
वाले
मामले
को
भी
हलाभला
करना
होगा।
परीक्षाओं
का
समय
से
आयोजन
कराना
और
समय
पर
रिजल्ट
घोषित
करने
के
साथ
पारदर्शिता
बनाना
व
युवाओं
का
भरोसा
फिर
से
आयोग
पर
लौटाकर
आयोग
की
गरमी
की
वापसी
बड़ी
चुनौती
होगी।
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