लोकसभा चुनाव 2019: गंगा के मुद्दे के साथ अपने सबसे पुराने किले को बचाने प्रयागराज आ रहीं प्रियंका गांधी
Prayagraj news, प्रयागराज। चुनावी समर में उतर चुकीं प्रियंका गंगा के मुद्दे के साथ प्रयागराज में शंखनाद करेंगी और जल मार्ग से अपने यूपी फतह के यात्रा का प्रारंभ करेंगी। प्रियंका का मिशन दिल्ली 18 मार्च से प्रयागराज में शुरू होगा। प्रियंका गांधी अपने परनाना पंडित जवाहर लाल नेहरू के घर और उनकी कर्मस्थली इलाहाबाद आ रही है। उनकी उम्मीद यहां की आवाम है और वह खुद कांग्रेस और स्थानीय नेता कार्यकताओं की आखिरी उम्मीद हैं। पिछले दिनों पीएम मोदी ने कुंभ के सहारे प्रयागराज से ही अपनी रणनीति को जाहिर किया था और उसी हिंदुत्व की आस्था का केन्द्र पतित पावनी गंगा के सहारे प्रियंका पीएम मोदी को घेरेंगी। प्रियंका न सिर्फ इलाहाबाद (प्रयागराज) कांग्रेस में जान फूंकेंगी, बल्कि वाराणसी तक जाकर नरेन्द्र मोदी को उनके संसदीय क्षेत्र में घेरेंगी।
बेहद अहम है ये दौरा
यह दौरा बेहद अहम है और यूपी में यह साफ हो जायेगा कि प्रियंका क्या रोल अदा करने वाली हैं। यह भीड़ जुटाने का मौका तो होगा ही जन-जन तक पहुंचने के लिये प्रियंका ने अलग ही रणनीति बनायी है। वह जल मार्ग के सहारे उन गांवों तक पहुंचेंगी, जो गंगा का किनारा होने के कारण मुख्य धारा से कहीं न कहीं कटे होते हैं और उनके पास अलग मुद्दे और समस्याएं भी होती है। इसके लिये प्रियंका का पूरे रास्ते गंगा किनारे गांवों में नुक्कड़ कार्यक्रमों जैसा प्लान तैयार है। नास्ता, भोजन, विश्राम सबकुछ जनता के बीच आवाम के साथ और उनका सुख दुख पूछते हुये ही होगा। नमामि गंगे, मिशन फार क्लीन गंगा को के नाम पर अभी तक हुई लीपापोती प्रियंका मुद्दा बनाकर जन भवनाओं के सहारे अपने राजनैतिक सफर को आयाम देंगी। प्रियंका प्रयागराज से स्टीमर के सहारे लगभग 100 किलोमीटर का सफर तय करने वाली हैं और जगह जगह उनके स्वागत की तैयारी होगी जहां ग्रामीण महिलाओं के साथ स्थानीय मुद्दे भी नजर आयेंगे ओर उन्हें अपनी आवाज देने में प्रियंका कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगी।
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यूूपी की जिम्मेदारी
प्रियंका गांधी पर इस चुनाव में पूर्वी यूपी की पूरी जिम्मेदारी है कि वह अपना जादू इन सीटों पर दिखाये। 17 मार्च से यूपी में चुनावी समर को धार देने के लिये प्रियंका यूपी में दौड़ शुरू करेंगी। प्रियंका की इमेज अभी तक टीवी, अखबारों ने जो दिखाई है वहीं लोगों तक धुंधली और आधी अधूरी पहुंची है, लेकिन यह पहली बार होगा जब प्रियंका अपनी कहानी के साथ खुद गांव गांव पहुंचेंगी। जनता से मिलेंगी और लोग खुद जानेंगे कि आखिर प्रियंका में क्या खास है। राहुल का कुछ खास असर बीते कुछ सालों में देखने को नहीं मिला और जनता में उनकी इमेज अभी तक एक परिपक्व राजनेता की नहीं बन पायी है, ऐसे में दिल्ली के कुर्सी के लिये मोदी के अलावा क्या कोई विकल्प होगा? यह प्रियंका के प्रभाव पर बहुत कुछ निर्भर करने वाला है। इसमें कोई शक नहीं कि अगर महागठबंधन में कांग्रेस भी होती तो सियासत का समीकरण अलग होता, परन्तु अपने दम पर चुनाव लडने और अपनी खोई साख को वापस पाने के लिये कांग्रेस की यह जद्दोजहद भविष्य की बेहतरीन तैयारी के तौर पर दिख रही है।
जरूरी भी और खास भी है इलाहाबाद
देश को पहला प्रधानमंत्री देने वाला शहर इलाहाबाद (प्रयागराज) नेहरू जी की जन्मस्थली थी, कांग्रेस की शुरूआत यहीं से हुई। कांग्रेस का सबसे मजबूत किला भी यही रहा। एकतरफा वोटिंग, एक तरफा लोकप्रियता की बानगी आाजादी के बाद कांग्रेस के ही हिस्से में आयी। पंडित नेहरू की उसी पुरानी चमक को देखने के लिये तरस रही कांग्रेस के लिये इलाहाबाद में वापसी जरूरी भी और खास भी। क्योंकि पूर्वांचल को अपना संदेश देने वाली फूलपुर व इलाहाबाद लोकसभा की सीट खोने के बाद ही कांग्रेस के बुरे दिन भी शुरू हो गये थे, जिसका क्रम अब थमने का नाम नहीं ले रहा। अपने परनाना की कर्मभूमि से आशीर्वाद लेकर अपने अभियान की शुरूआत कर रही प्रियंका भी इन दोनों सीटों की अहमियत जानती हैं, इसलिये वह शुरूआत भी यहीं से कर रही हैं। आपको याद होगा कि पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने भी इलाहाबाद को अपनी प्रथम वरीयता पर रखा। यहां भाजपा की बैठक से लेकर सारे बडे संगठनात्मक कार्य हुये और लोगों को एहसास कराया गया कि इलाहाबाद के लिये भाजपा कुछ भी करेगी। ऐसे में प्रियंका भी उसी रणनीति पर चले तो कोई आश्चर्य नहीं होगा और प्रयागराज के रास्ते वह पीएम मोदी के गढ वाराणसी को भी ढहने के लिये जल मार्ग का प्रयोग रही हैं। यह एक तरह का प्रयोग भी है क्योंकि अभी तक इस तरह का प्रचार किसी दल की ओर देखने को नहीं मिला था। प्रियंका जल मार्ग के सहारे उन अनछुये इलाकों तक पहुंचने का प्रयास करेंगी, जहां अभी तक जाना संभव नहीं हो पाता था।
कार्यक्रम की रूप रेखा
प्रियंका गांधी वायुयान से 18 मार्च को सुबह 11 बजे बमरौली एयरपोर्ट पहुंचेंगी। एयरपोर्ट पर बडे कांग्रेसी नेता व स्थानीय पदाधिकारी उनका स्वागत करेंगे। प्रियंका एयरपोर्ट से अपने परनाना के घर स्वाराज भवन पहुंचेगी। स्वाराज भवन में पार्टी नेताओं व पदाधिकारियों के साथ बैठक होगी। जिसमें कार्यक्रम के अलावा स्थानीय मुद्दे भी विषय होंगे। इसके बाद वह संगम तट से स्टीमर के माध्यम से जलयात्रा शुरू करेंगी। प्रयागराज से वाराणसी के बीच कयी स्थानों पर उनका नुक्कड सभा का कार्यक्रम तय है। ग्रामीण क्षेत्र में ही चाय, नास्ता, भोजन, व रात्रि प्रवास का भी कार्यक्रम तय किया गया है।
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