इलाहाबाद हाईकोर्ट को मिले 28 स्थायी न्यायधीश, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया नियुक्त
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट को 28 स्थायी न्यायधीश मिले हैं। सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में 28 अतिरिक्त न्यायधीशों को पदोन्नति देकर स्थायी न्यायधीश बनाने की सिफारिश की थी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उस सिफारिश पर मुहर लगा दिया है और इलाहाबाद हाईकोर्ट को 28 नए स्थायी जज दिए हैं। केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय में ज्वाइंट सेक्रेटरी राजेंद्र कश्यप ने इसकी अधिसूचना जारी की है। अधिसूचना में यह लिखा है कि संविधान के आर्टिकल 217 के क्लाउज 1 के प्रावधानों में दी गई शक्ति का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में इन 28 अतिरिक्त न्यायधीशों को न्यायधीश के तौर पर नियुक्ति दी है।
इन
न्यायधीशों
को
राष्ट्रपति
ने
नियुक्त
किया
है-
1.
न्यायधीश
प्रकाश
पाड़िया
2.
न्यायधीश
आलोक
माथुर
3.
न्यायधीश
पंकज
भाटिया
4.
न्यायधीश
सौरभ
लवनिया
5.न्यायधीश
विवेक
वर्मा
6.
न्यायधीश
संजय
कुमार
सिंह
7.
न्यायधीश
पीयूष
अग्रवाल
8.
न्यायधीश
सौरभ
श्याम
शमशेरी
9.
न्यायधीश
जसप्रीत
सिंह
10.
न्यायधीश
राजीव
सिंह
11.न्यायधीश
श्रीमती
मंजू
रानी
चौहान
12.
न्यायधीश
करुणेश
सिंह
पवार
13.
न्यायधीश
योगेंद्र
कुमार
श्रीवास्तव
14.
न्यायधीश
मनीष
माथुर
15.
न्यायधीश
रोहित
रंजन
अग्रवाल
16.
न्यायधीश
राम
कृष्ण
गौतम
17.
न्यायधीश
उमेश
कुमार
18.
न्यायधीश
प्रदीप
कुमार
19.
न्यायधीश
अनिल
कुमार
IX
20.
न्यायधीश
राजेंद्र
कुमार
IV
21.न्यायधीश
मोहम्मद
फैज
आलम
22.
न्यायधीश
विनय
कुंवर
श्रीवास्तव
23.
न्यायधीश
वीरेंद्र
कुमार
श्रीवास्तव
24.
न्यायधीश
सुरेश
कुमार
गुप्ता
25.
न्यायधीश
सुश्री
घंडीकोटा
श्री
देवी
26.
न्यायधीश
नरेंद्र
कुमार
जौहरी
27.
न्यायधीश
राज
बीर
सिंह
28.
न्यायधीश
अजीत
सिंह
सभी न्यायधीश जिस तिथि से कार्यभार संभाल लेंगे तभी से उनकी नियुक्ति को प्रभावी माना जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने अगस्त के आखिरी सप्ताह में इलाहाबाद हाईकोर्ट में 28 अतिरिक्त न्यायधीशों को स्थायी न्यायधीश के तौर पर नियुक्त करने की सिफारिश की थी। इस कॉलेजिएम में प्रधान न्यायधीश एस ए बोबडे के अलावा न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा, न्यायमूर्ति रोहिंग्टन नरिमन और न्यायमूर्ति उदय यू ललित शामिल रहे। इलाहाबाद हाईकोर्ट में स्वीकृत जजों के पद 160 हैं लेकिन कभी भी सभी पद भरे नहीं गए। हाईकोर्ट में लंबित मामलों की संख्या लाखों में हैं। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन लंबित मामलों के जल्दी निपटारे के लिए जजों की नियुक्ति की मांग करता रहा है।
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