अनामिका के नाम पर फर्रुखाबाद की रीना प्रयागराज में कर रही थी नौकरी, चौंकाने वाली बातें भी आई सामने
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के 25 जिलों में एक साथ नौकरी करने वाली शिक्षिका अनामिका शुक्ला को लेकर रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। ताजा मामला प्रयागराज जिले से सामने आया है। यहां अनामिका शुक्ला के नाम पर फर्रुखाबाद की रीना सिंह नौकरी कर रही थी। इससे पहले कासगंज पुलिस ने भी कथित अनामिक शुक्ला को गिरफ्तार करने का दावा किया था। लेकिन पूछताछ में उसने अपना प्रिया जाटव बताया था। हालांकि, बाद में पता चला की उसका असली नाम सुप्रिया है। सुप्रिया फर्रुखबाद के विकासखंड कायमगंज की रहने वाली है। उसके पिता ने भी कई बड़े और चौंकाने वाले खुलासे किए।
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नहीं हुआ था एक भी रुपए का भुगतान
शिक्षा विभाग की जांच पड़ताल में सामने आया है कि रीना कायमगंज की रहने वाली है। अन्य जिलों में खुलासे के बाद जब जांच की गई तो आवेदन में लगे निवास प्रमाणपत्र के सत्यापन के बाद यहां भी फर्जीवाड़े की बात सामने आ गई। रीना के पिता का नाम चन्द्रभान सिंह है। यहां उसकी नियुक्ति 29 नवम्बर 2019 को हुई थी। कथित अनामिका इसी आवासीय बालिका विद्यालय में रहती थी। रीना यहां खुद को अनामिका शुक्ला बताकर सामने आई और इस दौरान अनामिका के प्रमाणपत्र लगाए थे। हालांकि उसे वेतन के रूप में एक रुपए का भुगतान नहीं हुआ था।
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अनामिका शुक्ला के बार में पता चली ये बात
वहीं अनामिका के बारे में पता चला है कि उसने दसवीं और बारहवीं की परीक्षा यूपी बोर्ड से पास की थी। अनामिका का जन्म 20 जनवरी 1992 को गोंडा में हुआ था। उसके पिता का नाम सुभाष चंद्र शुक्ला और मां का नाम सुषमा शुक्ला है। अनामिका ने दसवीं की परीक्षा 2007 में गोंडा की रेलवे कॉलोनी स्थित बालिका इंटर कॉलेज से पास की थी। उसका रोल नंबर 1933977 था। दसवीं के 6 में से 5 विषयों में उसे 75 फीसदी से अधिक नंबर हासिल हुए थे। 12वीं की परीक्षा भी उसने परसपुर गोंडा के एसएमजेएसआईसी (SMJSIC) से प्रथम श्रेणी में पास किया था। डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध युनिवर्सिटी फैजाबाद से संबद्ध गोंडा सिविल लाइंस के रघुकुल महिला विद्यापीठ डिग्री कॉलेज से 2012 में बीएससी प्रथम श्रेणी में पास किया। अवध विवि से ही संबद्ध अंबेडकर नगर के जियापुर बरुआ स्थित आदर्श कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय से 2014 में बीएड किया था। बीएड की लिखित और प्रायोगिक परीक्षा में प्रथम श्रेणी के अंक मिले थे। उसने 2015 में 91 अंकों के साथ उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा पास की।
रीना के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा
बहरहाल अनामिका के नाम पर गड़बड़ी पाए जाने के बाद जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय कुशवाहा की शिकायत पर प्रयागराज पुलिस ने फर्जीवाड़े की रिपोर्ट दर्ज कर ली है। कथित अनामिका के नाम पर शहर की कर्नलगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है। प्रयागराज के एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज का कहना है कि इस मामले में जांच शुरू कर दी गई है और जल्द ही जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं, बीएसए संजय कुशवाहा के मुताबिक अनामिका शुक्ला को प्रयागराज के कस्तूरबा विद्यालय से बर्खास्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। राहत की बात सिर्फ इतनी रही कि कथित अनामिका शुक्ला उर्फ रीना सिंह को प्रयागराज से एक भी महीने की सैलरी अभी नहीं दी गई थी। उसने दो महीने बैंक का खाता खुलवाने में लगा दिया था और उसके बाद लॉकडाउन के चलते विद्यालय में छुट्टी कर दी गई थी।
धुंधली तस्वीर से धोखा खा गए 25 जिलों के अधिकारी
यूपी के 25 जिलों के अधिकारियों को शिक्षिका अनामिका शुक्ला के धुंधले दस्तावेजों ने धोखा दे दिया। दरअसल अनामिका के दस्तावेजों में छपी फोटो स्पष्ट नहीं है, इस कारण उसकी पहचान ही नहीं हो सकी है। महज रोल नंबर के आधार पर ही सत्यापन होते रहे और उसकी जगह कोई और नौकरी करता रहा। मानव सेवा पोर्टल पर जब शिक्षकों की आईडी फीडिंग का काम शुरू हुआ तब एक ही नाम से कई जगह नौकरी करने का मामला सामने आया। कासगंज में गिरफ्तार युवती अनामिका के नाम से नौकरी कर रही थी।