वकील हत्याकांड: साथी वकील और प्रॉपर्टी डीलरों ने 2 लाख में शूटरों से कराई थी हत्या
प्रयागराज। 23 जून को हुई वकील सुशील पटेल की हत्या का प्रयागराज पुलिस ने खुलासा कर दिया है। सुशील के साथियों ने ही उसकी हत्या का षड़यंत्र रचा और 2 लाख रूपये देकर शूटरों से उसकी हत्या कर दी। मामले में पुलिस ने सुशील के साथी अधिवक्ता व प्रॉपर्टी में पार्टनर रहे दो प्रॉपर्टी डीलरों को गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए तीनों आरोपियों से पुलिस ने पूछताछ की है।
क्या था मामला
23 जून की रात को वकील सुशील की फाफामउ गोहरी रेलवे क्रांसिंग के पास गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। सुशील के भाई की तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर पुलिस जांच में जुटी थी। प्रारंभिक जांच के बाद साफ हो गया था कि सुशील वकालत के साथ साथ प्रापर्टी का काम भी करते थे। पुलिस ने इसी एंगल से जांच शुरू की तो कई खुलासे होने लगे। इसी बीच सुशील पटेल की कॉल डीटेल्स से भी महत्वपूर्ण सुराग मिल गए।
दोस्त ही निकले हत्यारे
पुलिस के अनुसार सोरांव के लेहरा तिवारीपुर गांव निवासी अधिवक्ता सुशील कुमार पटेल की हत्या के बाद जब जांच शुरू हुई तो यह स्पष्ट हो गया था कि हत्या प्रपर्टी के विवाद में ही हुई है। पुलिस ने कॉल डिटेल और विवादों की फेरहिस्त बनाई तो प्राइम सस्पेक्ट साथी अधिवक्ता व प्रापर्टी डीलरों पर शिकंजा कसा गया। पुलिस पूछताछ के बाद कुछ खास हाथ न लगा तो अधिकारियों ने भी मामले में पूछताछ शुरू की और पता चला कि प्रापर्टी के विवाद में ही सुशील की हत्या शूटरों से कराई गयी है।
क्या था विवाद
पुलिस के अनुसार, फाफामऊ में बसहा नाले के पास एक जमीन की प्लाटिंग का पूरा विवाद था। दरअसल, सुशील के साथ शिवकुटी थाना क्षेत्र के रहने वाले एक अधिवक्ता तथा रूदापुर और प्रसिद्ध का पूरा का रहने वाले दो प्रापर्टी डीलरों उसी जमीन की प्लाटिंग में शामिल थे। जमीन बेचने के विवाद में सुशील का साथी अधिवक्ता तथा दोनों प्रापर्टी डीलरों में विवाद हो गया था। समय बीतने के साथ साथ विवाद बढ़ता गया। मामला इतना बढ़ गया कि सुशील ने घर से बाहर निकलना तक बंद कर दिया था। सुशील ने प्लाट में अपना हिस्सा मांगा था और 30 लाख रूपये देने के लिये दबाव बनाया था। यही विवाद इतना बढ़ गया कि साथियों ने 2 लाख रूपये में शूटर बुला लिये और सुशील की हत्या करा दी गयी।
कॉल डिटेल से खुला राज
सुशील हत्या कांड की गुत्थी को सुलझाने में सबसे अधिक मदद फोन कॉल्स से मिली है। सुशील लगातार अपने आरोपित साथियों के संपर्क में थे और अपने पैसों को लेकर बातचीत कर रहे थे। प्लाट का पैसा देने का उन्हें आश्वासन दिया गया था। घटना वाले दिन भी उनसे बात हुई थी और उनके बुलाने पर ही सुशील घर से बाहर निकले थे। आम तौर पर सुशील अकेले घर से नहीं निकल रहे थे, लेकिन उस दिन वह अकेले ही थे, जिसके कारण शूटरों को वारदात को अंजाम देने में भी आसानी हुई है।
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