कुम्भ मेला इलाहाबाद: इस बार डुबकी लगाएंगे 15 करोड़ लोग, ये होंगे मुख्य स्नान
Prayagraj Kumbh mela 2019 : Uttar pradesh, इलाहाबाद। गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम प्रयागराज में 15 जनवरी से 4 मार्च तक कुंभ मेला लगेगा। यह है तो अर्धकुंभ, लेकिन चुनावी साल होने की वजह से इसकी तैयारियां कुंभ मेले जैसी हैं। यही कारण है कि इस मेले की औपचारिक शुरुआत हो गई है। श्रीपंचायती अखाड़े की पेशवाई निकली है और सनातनी वैभव भी नजर आ रहा है।
देश के सभी 13 अखाड़ों के संत जुट रहे
तंबूओं के शहर में श्रीपंचायती अखाड़े की भव्य पेशवाई के साथ संतों का शिविरों में बसने का क्रम जारी है। संगम की रेती पर पिछले दिनो जूना अखाड़े की पेशवाई के साथ ही कुंभ मेले में देश के सभी तेरह अखाड़ों के संतों की सनातन संस्कृति रचती बसती नजर आने लगी है। मंगलवार को सनातन परंपरा के अनुसार, हर-हर महादेव के जयघोष के बीच आस्था और विश्वास की भव्यता सड़क पर नजर आई।
आंगतुकों के स्वागत में उमड़ रहा प्रयाग
गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के मिलन-स्थल पर पहुंचने की धुन में रमे सन्यासी नाचते-गाते पूरे मार्ग पर उत्साह से लबरेज रहे। ट्रैक्टर की ट्रालियों पर रखे सोने-चांदी के रथों पर ही छत्र, चंवर के साथ चांदी की छड़ियां लिए अखाड़े के कोतवाल मौजूद रहे। अखाड़े के ध्वज, अखाड़े के देवता भगवान की पालकी और भाला लेकर चले नागा संन्यासियों की अगुवाई में संतों का हुजूम कुंभ नगरी की ओर बढा तो उनके स्वागत के लिए पूरा शहर ही सड़क किनारे उमड़ पड़ा।
सजी-धजी चतुरंगिणी सेना भी पहुंची
शरीर पर भभूत लगाए नागाओं ने हाथ में तलवार, फरसा आदि से शस्त्र कला का भी प्रदर्शन किया। हाथी, घोड़ा, ऊंट सहित नागाओं की फौज, अखाड़े के पदाधिकारियों, संतों, श्रीमहंतों, महामंडलेश्वरों के साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालु पेशवाई में शामिल हुए। हालांकि पांटून पुलों की सुरक्षा के मद्देनजर चतुरंगिणी सेना में शामिल हाथी, ऊंट आदि को पांटून पुल से पहले रोक दिया गया था।
15 करोड़ लोग लगाएंगे डुबकी
कुंभ में लगभग 15 करोड़ श्रद्धालु पुण्य की डुबकी लगाएंगे और इसके लिए इस समय जोर-शोर से तैयारियों चल रही हैं। तमाम निर्माण कार्य चल रहे हैं। श्रद्धालुओं को संगम नगरी तक आने और उसके पश्चात लौटने में असुविधा न हो, इसके लिए सारे इंतजाम किये जा रहे हैं।
प्रशासन के लिए चुनौती
प्रशासन के लिए असली चुनौती कुंभ के स्नान पर्वों पर होगी, क्योंकि इस दिन अथाह श्रद्धालुओं का रेला संगम पहुंचता है। स्नान पर्वों में मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी का स्नान प्रमुख है।
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प्रमुख स्नान
1
-
मकर
संक्रान्ति
(प्रथम
शाही
स्नान)
15
जनवरी
2019,
मंगलवार
2
-
पौष
पूर्णिमा
21
जनवरी
2019,
सोमवार
3
-
मौनी
अमावस्या
(द्वितीय
शाही
स्नान)
04
फरवरी
2019,
सोमवार
4
-
बसंत
पंचमी
(तृतीय
शाही
स्नान)
10
फरवरी
2019,
रविवार
5
-
माघी
पूर्णिमा
19
फरवरी
2019,
मंगलवार
6
-
महाशिवरात्रि
04
मार्च
2019,
सोमवार
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