तिरंगा लेकर ब्रिज पर चढ़े रजनीकांत को पुलिस ने तीन दिन बाद उतारा नीचे, लैंडर से संपर्क होने तक उतरने से किया था इनकार
प्रयागराज। तिरंगा लेकर यमुना ब्रिज के पिलर पर चढ़े रजनीकांत बिंद को आखिरकार तीन दिन बाद सकुशल नीचे उतार लिया गया है। उसे नीचे उतारने के लिए वाराणसी से स्पेशल क्रेन मंगाई गयी थी, जिसके इस्तेमाल से उसे नीचे उतारा गया है। वह पिछले तीन दिनों से पुल के पिलर पर चढ़ा हुआ था और पुलिस की लाख मशक्कत के बाद भी नीचे नहीं आ रहा था। रजनीकांत का कहना था कि जब तक चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम से इसरो का संपर्क नहीं हो जाता तब तक वह चंद्रदेव से प्रार्थना करता रहेगा।
क्या
है
पूरा
मामला
यमुना
ब्रिज
पर
चढ़े
युवक
का
नाम
रजनीकांत
है,
वह
प्रयागराज
जिले
के
मांडा
थाना
क्षेत्र
के
भौसरा
नरोत्तम
गांव
का
रहने
वाला
है।
16
सितंबर
को
रजनीकांत
घर
से
निकला
और
तिरंगा
झंडा
लेकर
नए
यमुना
पुल
के
पिलर
नंबर
18
पर
शाम
को
लगभग
सात
बजे
के
चढ़
गया।
लोगों
ने
पुल
पर
तिरंगा
लहराते
युवक
को
देखा
तो
सूचना
पुलिस
को
दी।
पुलिस
टीम
पहुंची
और
पिलर
पर
तिरंगा
झंडा
लगाकर
बैठे
रजनीकांत
को
उतारने
की
कोशिश
करने
लगी,
लेकिन
रजनीकांत
ने
विक्रम
लैंडर
के
लिए
प्रार्थना
करने
का
दावा
करते
हुए
नीचे
उतरने
से
इनकार
कर
दिया
था।
प्रयागराज
पुलिस
के
पास
पुल
की
उंचाई
वाली
क्रेन
न
होने
के
कारण
उसे
पिछले
तीन
दिन
से
नीचे
नहीं
उतारा
जा
सका
था।
समझा-बुझाकर
उतारा
नीचे
दरअसल,
यमुना
ब्रिज
के
पिलर
पर
चढ़े
रजनीकांत
ने
एक
लोहे
की
प्लेट
में
बांधकर
अपना
संदेश
भेजा,
जिस
पर
लिखा
था
'चंद्रयान-2
का
लैंडर
विक्रम
से
इसरो
का
जब
तक
सम्पर्क
नहीं
हो
जाता
है,
तब
तक
मैं
पिलर
पर
ही
रहकर
चंद्रदेव
से
प्रार्थना
करूंगा।'
युवक
के
संदेश
मिलने
के
घंटों
बाद
भी
रात
करीब
11
बजे
तक
पुलिसकर्मी
युवक
को
समझाकर
नीचे
उतारने
की
कोशिश
करते
रहे,
लेकिन
पुलिसकर्मियों
के
मिन्नत
का
युवक
पर
कोई
भी
असर
नहीं
हुआ।
बुधवार
18
सितंबर
को
वाराणसी
से
क्रेन
बुलाकर
शाम
को
पुलिस
ने
उसे
नीचे
उतारने
की
कोशिश
की
तो
वह
पुल
के
और
ऊपर
चढ़
गया।
जब
रजनीकांत
क्रेन
की
पहुंच
से
ऊपर
चला
गया
तो
फायर
ब्रिगेड
की
सीढ़ी
लगाकर
उसके
पास
पहुंचा
गया
और
समझा-बुझाकर
नीचे
उतारा
गया।
फिलहाल
रजनीकांत
को
नैनी
कोतवाली
भेज
दिया
गया
हैं।
गुरूवार
को
शांतिभंग
करने
के
मामले
में
उसका
चालान
किया
जायेगा।