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यादवों को OBC सूची से बाहर करने की उठी मांग, मामला पहुंचा इलाहाबाद हाईकोर्ट

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प्रयागराज। देश में चुनावी माहौल के बीच एक बार फिर से आरक्षण का मुद्दा गरमा गया है। यादव बिरादरी को पिछड़ा वर्ग की श्रेणी से बाहर निकाल कर जनरल कैटेगरी में शामिल करने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका में दलील दी गयी है कि यादव वर्ग आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से संपन्न है, ऐसे में आरक्षण का लाभ इन्हें दिया जाना संविधान की मंशा के अनुरूप नहीं है। वहीं, इस मामले में हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा है और पूछा है कि मौजूदा समय में यादव बिरादरी को किस आधार पर आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है।

Petition filed in Allahabad High Court to exclude Yadavas from OBC list

हो सकता है बड़ा फैसला
यादव बिरादरी के ऊपर देशव्यापी डाटा संकलन के बाद पृथ्वी फाउंडेशन की और से इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गयी है। जिस पर न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल और न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की पीठ सुनवाई कर रही है। याचिका में बताया गया है कि आरक्षण का लाभ दिए जाने के लिए मानक तय किये गये हैं और आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से पिछड़े लोगों के जीवन सुधार व उन्हें मुख्य धारा में जोडकर समाजिक समरसता बनाने के लिए आरक्षण की व्यवस्थ की गयी है। लेकिन मौजूदा समय में यादव बिरादरी को इसका लाभ ऐसे समय दिया जा रहा है जब पूरे देश में इस बिरादरी के लोगों का आर्थिक जीवन सुदृढ हो चुका है। यह सामाजिक रूप से उच्च श्रेणी को प्रदर्शित करते हैं और सांस्कृतिक रूप से यह समाज के मुख्य धारा का हिस्सा हैं। ऐसे में इन्हें आरक्षण दिया जाना संविधान सम्मत नहीं हैं। इन्हें आरक्षण सूची से बाहर कर जनरल कैटेगरी में डालना चाहिए और अभी तक इन्हें मिल रहे आरक्षण का लाभ जरूरतमंदों को दिया जाना चाहिये।

सरकार दाखिल करेगी जवाब
इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल इस याचिका को कोर्ट ने विचारणीय मानते हुए केंद्र और राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। याचिका के सापेक्ष अब राज्य सरकार व केंद्र सरकार को अपना पक्ष रखना है। सरकार के पक्ष रखने के बाद यह स्पष्ट होगा कि याचिका में किया गया दावा और सरकारी आंकडा क्या कहता है। चूंकि 1990 के मंडल आयोग की रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण का यह क्रम चल रहा है। जिसमें लंबे समय से बदलाव की मांग की जा रही है। लेकिन राजनैतिक इच्छा शक्ति की कमी और चुनाव में जातिगत वोटों से नुकसान के डर से कोई भी राजनैतिक दल इस पर बात नहीं करते। हालांकि हाईकोर्ट में दाखिल इस जनहित याचिका ने यह मुद्दा उठाया है और संभावना है कि सुनवाई में न सिर्फ आरक्षण का दायरा फिर से स्पष्ट होगा, बल्कि आरक्षण दिया जाने व लाभ पाने वालों की सिथति भी स्पष्ट हो जायेगी।

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English summary
Petition filed in Allahabad High Court to exclude Yadavas from OBC list
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