यूपी पीसीएस रिजल्ट 2017: टीचर से एसडीएम बने शत्रुघ्न पाठक
प्रयागराज। पीसीएस 2017 की परीक्षा में चौथी रैंक के साथ टॉप करने वाले शत्रुघ्न पाठक ने अपनी मेहनत के दम पर एक बार फिर सफलता की नई कहानी लिखी है। बतौर सहायक अध्यापक पीसीएस परीक्षा में शामिल होने और एसडीएम बनने की कहानी बेहद ही प्रेरणादायक है। मौजूदा समय में शत्रुघ्न बहराइच के हुजूरपुर क्षेत्र के निजामपुर प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। उनकी सफलता की सूचना जैसे ही उनके स्कूल पहुंचे बच्चों से लेकर शिक्षक व ग्रामीण तक पहुंची, हर कोई उनके परिजनों की तरह खुश हो गया।
बेटे को हमेशा से अफसर बनना देखना चाहते थे मां-बाप
शत्रुघ्न मूल रूप से श्रावस्ती जिले के गिलौला के रामपुर पैडा गांव के रहने वाले हैं। शत्रुघ्न के पिता पोस्ट मास्टर रहे हैं, जबकि उनकी मां प्रधानाध्यापिका रही हैं। दोनों ही इस समय रिटायर हो चुके हैं। मां बाप की हमेशा से इच्छा थी कि बेटा अफसर बने और उसी दिशा में शत्रुघ्न लगातार प्रयासरत थे। शत्रुघ्न की प्रारंभिक परीक्षा नेहरू स्मास्क इंटर कालेज गिलौला से हुई। 8वीं तक की पढ़ाई करने के बाद वह मार्डन स्कूल बलरामपुर में पढ़ने चले गए। यहां उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई की। इसके बाद अपना कुरूक्षेत्र शत्रुघ्न ने इलाहाबाद को बनाया और यहीं पर स्नातक, बीटीसी करने के बाद सिविल की तैयारी करने लगे। 2018 में शत्रुघ्न का चयन सहायक अध्यापक के पद पर हो गया और वह बहराइच में तैनात हैं, लेकिन अब पीसीएस परीक्षा में टॉपर बनने के बाद वह एसडीएम बन गए हैं।
स्कूल के चर्चित टीचर
बहराइच के हुजूरपुर क्षेत्र के निजामपुर प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत शत्रुघ्न की गिनती उन टीचरों में की जाती है, जो बच्चों के प्रति पूरी तरह से समर्पित रहते हैं। स्कूल में बच्चों के साथ घुले मिले शत्रुघ्न का मानना है कि अगर शुरुआती शिक्षा बेहतर हो तो उसे तराशने में वक्त नहीं लगता। बच्चों के साथ होली खेलने से लेकर खेलकूद और पढ़ाई के लिए शत्रुघ्न नयी तकनीक शिक्षा पर भरोसा करते हैं और बच्चों को रटाने के बजाए समझाने का प्रयास करते हैं। बेहद ही धार्मिक प्रवृति के शत्रुघ्न कहते हैं ईश्वर के प्रति आस्था तो उनके नाम से ही झलकती है और माता पिता के आशिर्वाद से वह यह उपलब्धि हासिल करने में सफल रहे हैंं।
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के पीसीबी हॉस्टल में जश्न
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के पीसीबी हॉस्टल के अन्तवासी रहे शत्रुघ्न के एसडीएम बनने की खबर के बाद पूरे हॉस्टल में जश्न का माहौल है। यूं तो इलाहाबाद के हर हॉस्टल में हर बार इसी तरह का जश्न होता है, लेकिन शिक्षक से एसडीएम बनने की कहानी बहुत कम ही नजर आती है। 2016 के रिजल्ट में भी शिक्षिका से एसडीएम बनने की कहानी सामने आई थी और अब उसकी अनुक्रम में शत्रुघ्न का नाम भी जुड़ गया है।
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