कुंभ मेला में हुई करोड़ों की धांधली, अधिकारियों ने पकड़ी 150 करोड़ की गड़बड़ी
Prayagraj news, प्रयागराज। दो महीने तक पूरी दुनिया के लिये आकर्षण का केंद्र बने कुंभ मेला के समापन के बाद अब विवादों का दौर बढ़ता ही जा रहा है। कुछ दिन पहले कुंभ मेला को लेकर हुये निर्माण कार्यों में करोड़ो की धांधली पकड़ी गई तो अब उसी क्रम में ओवर बिलिंग का मामला सामने आया है। 150 करोड़ रुपये की भारी भरकम धनराशि को निगलने की तैयारी थी, लेकिन थर्ड पार्टी जांच में मामला पकड़ में आ गया है। मेला अधिकारी ने तत्काल प्रभाव से सभी बिलों के भुगतान पर रोक लगा दी है। साथ ही ओवर बिलिंग देने वाले विभागों से स्पष्टीकरण के लिऐ नोटिस जारी कर दिए है।
सरकारी विभागों में हुई बढ़ी धांधली
आश्चर्य की बात है कि यह काम किसी एक संस्था का नहीं बल्कि सरकारी डिपार्टमेंट के अलग-अलग 17 विभागों का है। ओवर बिलिंग का मामला सामने आते ही संबंधित विभागों के अफसरों में खलबली मची है। इस मामले में केंद्र तक का सीधा जुड़ाव होने के कारण अब जिम्मेदारी अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। फिलहाल कुंभ लेखा टीम की रिपोर्ट में ओवर बिलिंग का सच सामने आने के बाद अब जांच का दायरा भी बढ़ेगा और अगर पूर्व में कुछ और मामले में भी हुये होंगे तो लेखा टीम उसकी भी जांच करेगी।
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खूब बढ़ाया गया दाम
कुंभ कार्यों के दौरान विभन्न विभागों ने आवश्यक सामान की आपूर्ति कराई थी। जिनमें स्वास्थ्य विभाग, पीडब्ल्यूडी, सिंचाई विभाग, जल निगम, विद्युत विभाग आदि प्रमुखता से शामिल थे। इनके द्वारा किये गये सामान आपूर्ति का रनिंग भुगतान लगभग 50 फीसद तक पहले ही किया जा चुका था और जब फाइनल भुगतान के लिये मार्च के अंतिम सप्ताह में बिल लगाये गये तो सारे सामनों के दाम बढ़ा दिए गए। चूंकि वित्तीय वर्ष की समाप्ति हो रही थी और बजट के अनुरूप सबको भुगतान संबंधित वित्तीय वर्ष में ही करना था। इसलिए तेजी शुरू हुई। इस दौरान लेखा विभाग ने कई सामानों के हाई रेट देखें तो शक के आधार पर बिल चेक किये जाने लगे। बिलिंग देखकर लेखा टीम चौंक गई क्योंकि रनिंग भुगतान के दौरान और फाइनल भुगतान के दौरान सामान के दाम दोगुने रेट पर हो गये थे। आंकलन शुरू हुआ तो 17 सरकारी विभागों के लगभग 152 करोड़ रुपये की ओवर बिलिंग का मामला सामने आया। लेखा टीम ने मेला अधिकारी को रिपोर्ट दी तो तत्काल बिल के भुगतान पर रोक लगा दी गई है।
होगी जांच और कार्रवाई
इस
मामले
में
कुंभ
मेलाधिकारी
विजय
किरन
आनंद
ने
बताया
कि
जिन
विभागों
से
ओवर
बिलिंग
का
मामला
सामने
आया
है।
उन्हें
नोटिस
जारी
कर
स्पष्टीकरण
मांगा
गया
है।
ओवर
बिलिंग
का
भुगतान
नहीं
किया
जाएगा।
आगे
जांच
के
साथ
कार्रवाई
भी
की
जाएगी।
फिहाल
कुंभ
के
लिये
मिले
2600
करोड़
रुपये
के
बजट
में
से
ढाई
सौ
करोड़
रुपये
बचा
हुआ
है।
यह
पैसा
कई
विभागों
के
काम
नहीं
कर
पाने
के
कारण
बचा
है।
अब
इस
धनराशि
को
शासन
को
लौटाया
जाएगा।
गौरतलब
है
कि
इससे
पहले
पीडब्ल्यूडी
की
सड़क
में
भी
त्रुटियां
सामने
आयी
थी,
जिसके
बाद
लगभग
सौ
करोड़
रुपये
का
भुगतान
पहले
से
रुका
हुआ
है।
वहीं,
कुंभ
कार्यों
के
भुगतान
पर
कार्यालय
महालेखाकर
भी
नजर
बनाये
हुए
हैं
और
सभी
बड़े
व
एकमुश्त
भुगतान
की
सूची
तैयार
की
जा
रही
है।