इलाहाबाद व फूलपुर के लिए आज से नामांकन प्रक्रिया शुरू, कांग्रेस-सपा को नहीं मिला कोई चेहरा
प्रयागराज। इलाहाबाद और फूलपुर लोकसभा सीट के लिए 16 अप्रैल से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है। वहीं, आश्चर्य की बात ये है कि दो बड़े सियासी दलों ने यानी कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने अपने प्रत्याशी का नाम तक उजागर नहीं किया है। वह किस रणनीति पर काम कर ही हैं, यह अब सियासी जानकारों की समझ से परे हो गया है। एक और भाजपा के प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार-प्रसार में युद्ध गति से शुरू कर दिया है तो दूसरी ओर कांग्रेस और गठबंधन अभी भी यह नहीं समझ पा रहा कि आखिर प्रचार किस चेहरे के लिये करें।
कांग्रेस-सपा को इलाहाबाद-फूलपुर सीट पर नहीं मिला कोई चेहरा
कांग्रेस पार्टी को इलाहाबाद सीट पर अभी तक कोई चेहरा नहीं मिला है। आपको बता दें कि इलाहाबाद सीट के लिए संजय दत्त से लेकर, श्वेता तिवारी और शेखर बहुगुणा तक का नाम जोर शोर से सामने आये औप उनके नामों पर चर्चा भी हुई। लेकिन कांग्रेस पार्टी किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। वहीं, सपा के लिये तो मुश्किल और भी है। क्योंकि सपा के पास दर्जनों की संख्या में प्रत्याशियों के नाम तो है, लेकिन कोई दम दार चेहरा नजर नहीं आ रहा। सपा फूलपुर सीट पर जातीय गुणा-गणित लगाने में जुटी हुई है।
पांच दिन तक भरा जायेगा नामांकन
चुनाव अधिकारी भी डीएम भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि इलाहाबाद सीट के लिए मुख्य राजस्व अधिकारी के न्यायालय कक्ष में नामांकन 23 अप्रैल तक होगा। लेकिन, इस दौरान 17 को महावीर जयंती, 19 को गुड फ्राइडे और 21 अप्रैल को रविवार को अवकाश रहेगा। इस तरह से नामांकन के लिए सिर्फ पांच दिन ही मिलेंगे। फूलपुर और इलाहाबाद लोकसभा सीट के लिए नामांकन करने वालों को 25 हजार रुपये का शुल्क (जमानत राशि) भरना होगा। एससी-एसटी के प्रत्याशियों को साढ़े बारह हजार रुपये शुल्क जमा करना होगा। नामांकन प्रपत्र के लिए अलग से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। चुनाव में अधिकतम व्यय की सीमा 70 लाख रुपये निर्धारित है। इसके अलावा प्रत्याशी को नामांकन पत्र के प्रारूप-26 के हर कालम को भरना होगा। प्रत्याशी को चल और अचल संपत्ति के साथ पांच वर्ष का पूरा विवरण देना होगा।
कार्यकर्ताओं को तैयार रहने का निर्देश
कांग्रेस और सपा ने अपने कार्यकर्ताओं को युद्ध स्तर पर प्रचार-प्रसार करने के लिए तैयार रहने को कहा है। दोनों ही दलों के प्रत्याशी की घोषणा के बाद प्रचार की रणनीति अलग से बनायी जायेगी और पार्टी प्रत्याशी चेहरे के अलावा पार्टी मुखिया के नाम पर वोट मांग जायेगा। इस बार बूथ लेवल पर भी तैयारियां हर पार्टी ने ही है, ऐसे में गांवों में अलग से चुनावी माहौल नजर आयेगा। ग्रामीणों को लुभाने के लिये हर दल ने अपनी ओर से कमर कस ली है। भाजपा जहां अपनी किसान योजना के तहत घर घर जा रही है। तो वहीं कांग्रेस 72 हजार के फार्मूले को भुना रही है।
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