इलाहाबाद / प्रयागराज न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

प्रयागराज में बाढ़ का खतरा, गंगा-यमुना नदियों का जलस्तर खतरे के निशान पर, लोगों ने छोड़े घर

Google Oneindia News

इलाहाबाद/प्रयागराज। नदियों से घिरे प्रयागराज शहर पर एक बार फिर से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। दोनों ही नदियां अब खतरे के निशान से सिर्फ दो मीटर नीचे बह रही हैं। जिला प्रशासन ने पूरे शहर व नदियों के किनारे बसे गांव में अलर्ट जारी किया है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा है। सैकड़ों लोग घर को खाली कर चुके हैं, जबकि बाढ़ से बचाव व राहत के लिए एनडीआरएफ की टीम भी बुला ली गई है, जो लगातार हालात का निरीक्षण कर मदद पहुंचाने के लिए रणनीति तैयार कर रही है।

पार कर जाएगा खतरे का निशान

पार कर जाएगा खतरे का निशान

दरअसल बेतवा और केन नदियों पर बने बांधों से पानी छोड़े जाने से गंगा-यमुना से संगम का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। सोमवार की शाम निचले इलाकों में पानी घुसना शुरू हो गया और दर्जनों रास्ते डूब जाने से आवागमन ठप हो गया है। पिछले एक सप्ताह से हो रही बारिश से गंगा और यमुना दोनों के खतरे के निशान को पार करने की संभावना तेज हो गई है। आशंका है कि मंगलवार रात तक यहां जल स्तर खतरे के निशान को पार कर जायेगा। प्रशासन के अलर्ट के बाद लोगों को घर छोड़कर सुरक्षित स्थान पर रहने को कहा गया है। संगम क्षेत्र में तो तीर्थ पुरोहित और दुकानदारों को सोमवार को प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया।

बनाए गए राहत केंद्र

बनाए गए राहत केंद्र

प्रयागराज में बाढ़ के खतरे के बाद अब बाढ़ राहत केंद्रों को शुरू कर दिया गया है और बेघर हो रहे लोगों को वहीं आश्रय दी जा रही है। इस समय संगम जाने वाले सभी रास्ते और इसके नजदीक स्थित सभी मठ-मंदिर और आश्रमों में भी बाढ़ का पानी भर चुका है। हनुमान मंदिर के भी कपाट बंद कर दिये गये हैं और पानी बख्शी बांध से टकरा रहा है। हालांकि प्रशासन को इतनी तेजी से पानी के बढ़ने की संभावना नहीं थी, जिसके कारण अभी व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं दिखाई पड़ रही है। जानकारी देते हुये सिंचाई विभाग के सहायक अभियन्ता दिनेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि हमने बाढ़ कन्ट्रोल रूम बनाया है और जगह-जगह बाढ़ चौकियां भी स्थापित की है। जहां से हर पल की रिपोर्ट कंट्रोल रूम को मिल रही है। डेंजर लेवल अभी दो से ढाई मीटर नीचे है, लेकिन अलर्ट लेवल करीब एक मीटर बचा हुआ है। शहर के नालों के गेट बंद कर दिये गये हैं, ताकि नदियों का पानी शहर में दाखिल ना हो। फिलहाल पूरी सावधानी के साथ रणनीति पर काम किया जा रहा है। एनडीआरएफ ने भी मोर्चा संभाल लिया है।

यहां सबसे ज्यादा प्रभाव

यहां सबसे ज्यादा प्रभाव

प्रयागराज में बाढ़ का असर दारागंज के दशाश्वमेध घाट के आसपास, नेवादा के कछारी इलाके, बघाड़ा, छोटा बघाड़ा, जोंधवल, सलोरी, शिवकुटी, शंकरघाट, रसूलाबाद, ऊंचवागढ़ी, म्योराबाद, नयापुरवा मेंहदौरी, बेली, राजापुर, अशोकनगर, नई छावनी आदि शामिल हैं। यहां घरों में पानी घुस चुका है। राजापुर और सलोरी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट गंगा के पानी में घिर चुका है। कुंभ से पहले बनी नागवासुकि के सामने की तीन किमी लंबी सड़क डूब गई है। स्ट्रीट लाइट की सप्लाई बंद कर दी गई थी। रसूलाबाद, दशाश्वमेध घाट, नारायण आश्रम घाट, बलुआघाट पर पानी आ जाने से अब अंतिम संस्कार के लिये ऊपर के स्थान चुने जा रहे हैं।

ये<strong> भी पढ़ें-आपत्तिजनक हालत में दिखे प्रेमी-प्रेमिका तो ग्रामीणों ने दी ये सजा, VIDEO वायरल</strong>ये भी पढ़ें-आपत्तिजनक हालत में दिखे प्रेमी-प्रेमिका तो ग्रामीणों ने दी ये सजा, VIDEO वायरल

Comments
English summary
ndrf team called as water level of river ganga and yamuna increasing
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X