कुंभ: जवान ने अपनी जान देकर संगम में डूब रहे श्रद्धालु की जिंदगी बचाई
प्रयागराज। संगम में डूब रहे श्रद्धालु को बचाने में घायल हुए एनडीआरएफ के जवान कांस्टेबल राजेंद्र गौतम की दिल्ली में इलाज के दौरान मौत हो गई है। कॉन्स्टेबल के निधन की सूचना कुंभ मेला पुलिस हेड क्वार्टर तक पहुंचते ही साथियों में मातम है। गौरतलब है कि 19 फरवरी को सोमेश्वर घाट पर पानी में डूब रहे श्रद्धालु को बचाने के लिए कांस्टेबल राजेंद्र गौतम ने अपनी जान की बाजी लगा दी थी और जब वह श्रद्धालु को बचाकर तट की ओर वापस लौट रहे थे तब किसी भारी चीज से टकरा गए। घायलावस्था में उन्हे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां बीती रात उन्होंने इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
बीएसएफ से एनडीआरएफ की थी ज्वाइन
एनडीआरएफ में कार्यरत कांस्टेबल राजेंद्र गौतम हिमाचल प्रदेश के जिला विलासपुर लाहर के रहने वाले थे। मूलरूप से वह बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) में तैनात थे। उन्होंने वर्ष 2013 में एनडीआरएफ ज्वाइन कर लिया था। मौजूदा समय में उनकी पोस्टिंग पटना स्थित 9वीं वाहिनी एनडीआरएफ में थी। कुंभ मेले में एनडीआरएफ की टीम के साथ वह भी कुंभ मेले में ड्यूटी करने के लिए प्रयागराज आये थे।
कैसे हुई घटना
राजेन्द्र की ड्यूटरी कुंभ मेला के सेक्टर 20 के सोमेश्वर घाट पर थी। 19 फरवरी को माघी पूर्णिमा पर मेला क्षेत्र में भारी भीड थी और लोग स्नान के लिए लगातार बैरीकेटिंग के आसपास पहुंच रहे थे। सुबह 5.45 मिनट पर एक बुजुर्ग श्रद्धालु स्नान करने के दौरान बैरीकेटिंग के पार चला गया और तेज धार में बहने लगा। गंगा में डूबते श्रद्धालु को देखते ही राजेन्द्र ने वायरलेस पर सूचना प्रसारित की और बुजुर्ग को बचाने के लिए राजेन्द्र ने गंगा में छलांग लगा दी और श्रद्धालु को बचाकर तट की ओर वापस आने लगे। वापसी के दौरान वह किसी चीज से टकरा गये और घायल हो गये। हालांकि घायल होने के बावजूद भी राजेन्द्र ने श्रद्धालु को रास्ते में नहीं छोडा, बल्कि वह उन्हें अपने साथ लेकर तट पर आये और तट पर पहुंचने के बाद तेज दर्द के चलते बेहोश हो गये।
3 जगह से टूट गयी थी कमर की हड्डी
घायल राजेन्द्र को बेहोशी हालत में मेला क्षेत्र स्थित अस्पताल ले जाया गया जहां से गंभीर हालत में उन्हें एसआरएन अस्पताल रेफर कर दिया गया। जांच के बाद डॉक्टरों ने बताया कि उनकी रीढ़ की हड्डी तीन जगह से टूट गई है। जिससे उनके कमर के नीचे का हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया। हालत में सुधार न होने पर रात में ही उन्हें एयर एंबुलेंस से दिल्ली स्थित सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया। अगले दिन राजेन्द्र का ऑपरेशन हुआ लेकिन, उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ। शुक्रवार को इलाज के दौरान ही राजेन्द्र ने अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली।
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