UPPCS : 3rd रैंक पाने वाले नवदीप शुक्ला ने लिया था ये रिस्क, जिसने बना दिया टॉपर
Prayagraj News, प्रयागराज । उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की पीसीएस भर्ती 2016 के टॉपर और थर्ड रैंक हासिल करने वाले नवदीप शुक्ला ने पांचवे प्रयास में पीसीएस क्वॉलीफाई किया और सीधे टॉपर बन गये। इससे पहले वह संघ लोक सेवा आयोग में भी अपनी किस्मत अजमा चुके लेकिन, आखिरी समय में एक-दो नंबरों ने उनका रास्ता रोक दिया, पर नवदीप रुके नहीं और अब वह युवाओं के लिए एक शानदार प्रेरणा बनकर उभरे हैं। प्राइवेट सेक्टर की बड़ी नौकरी छोड़कार अपने कैरियर में बड़ा रिस्क उठाने वाले नवदीप कहते हैं कि -'बिना रिस्क के आप कुछ नहीं कर सकते हो, जिंदगी में कुछ करना है तो रिस्क उठाना पड़ेगा और मेरा दावा है अगर आप में रिस्क लेने की क्षमता है तो न आपको कोई परीक्षा रोक सकती है और न ही इंटरव्यू कभी डराएगा।'
प्राइवेट सेक्टर छोड़कर करने लगे तैयारी
नवदीप मूलत: उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के रहने वाले हैं। हालांकि अब वह और उनका परिवार वर्षो से प्रयागराज के नैनी इलाके में शिफ्ट हो चुका है। नवदीप के पिता यहां भारत पम्स में नौकरी करते थे, जिसके कारण नवदीप भी प्रयागराज में रहने लगे। उनकी शुरुआती शिक्षा यहीं हुई। सरकारी कॉलेज से बारहवीं करने के बाद कुरक्षेत्र हरियाणा से नवदीप ने बिटेक की पढ़ाई की और कैंपस सलेक्शन के जरिए टाटा डोकोमो में बड़े औधे पर चुन कर लखनऊ में नौकरी करने आ गये। 4 साल तक नवदीप ने नौकरी की, लेकिन वह अपनी सोसाइटी और लोगों के लिये कुछ ना कर पाने से खुद को असंतुष्ट पाने लगे। उन्हें लगने लगा कि वह सिर्फ अपने लिये ही कुछ कर पा रहे हैं।
छोड़ दी नौकरी
नवदीप बताते हैं कि उन्होंने नौकरी छोड़ने का फैसला किया और सिविल सर्विसेस की तैयारी करने का निर्णय घर वालों को बताया। घर वालों ने इतनी अच्छी नौकरी छोड़ने पर सवाल किया, लेकिन नवदीप ने कहा कि वह हर हाल में अब प्रशासनिक अफसर बनेंगे। दोस्तों ने समझाया कि इतना बड़ा रिस्क मत लो वरना कैरियर चौपट हो जायेगा। इतनी बढिया नौकरी के लिए लोग तरसते हैं और तुम उसे छोड़ रहे हो। नवदीप ने रिस्क लेने का फैसला किया और लखनऊ छोड़कर वापस तैयारी करने प्रयागराज चले आये। नवदीप ने इसी बीच एसएससी की परीक्षा पास कि और वह असिसटेंट ऑडिटर के पद पर चुने गये।
यूपीएससी में मौके खत्म और पीसीएस 5 वीं बार
सरकारी नौकरी मिलने के बाद नवदीप की शादी हो गयी, लेकिन नवदीप ने पढाई नहीं छोड़ी और सिविल की तैयारी में जुटे रहे। नवदीप बताते हैं कि उनकी पत्नी माधुरी उन्हें हमेशा स्पोर्ट करती रहीं और कभी पढ़ाई के बीच कोई डिस्टरबेंस नहीं आने दिया। लेकिन 9 से 6 की नौकरी के बाद इतना समय नहीं बचता था कि वह नवदीप पढाई कर सकें। लगातार आईएएस के एग्जाम में नवदीप आखिर में पहुंच कर भी सफल नहीं हुये और यही हाल पीसीएस में भी हो रहा था। 1-2 नंबर से नवदीप का चयन नहीं हो पा रहा था और आईएएस परीक्षा में बैठने की समय सीमा भी खत्म हो गयी। लगातार चार पीसीएस एग्जाम में भी नवदीप को हार ही मिली। लेकिन लगातार परीक्षा दे रहे नवदीप को 2016 की भर्ती ने स्वर्णिम उपलब्धि दे दी और वह टॉपर बनकर प्रदेश स्तररीय सबसे बड़ी नौकरी हासिल करने में सफल रहे।
युवाओं को संदेश
नवदीप युवाओं को तैयारी के लिए संदेश देते हुये कहते हैं कि चीजों को शार्टलिस्ट करना बहुत जरूरी है। क्या पढ़ना है ? जरूरी यह है कि क्या नहीं पढ़ना है। कम मैटेरियल हो और जादा बार उसे पढ सके यह होना चाहिए। अपनी अलग स्टाइल बनाइये, किसी की कॉपी से आप आखिरी समय में चयन से चूक जाते हो। मैंने अपनी हर हार में कुछ सीखा और पाया कि जब मैं अपने उसी ही कार्य को अलग तरीके से करने लगा तो मैं न सिर्फ पास हुआ बल्कि टॉपर भी बन गया। अंग्रेजी माध्यम से परीक्षा देने वाले नवदीप बताते हैं कि उन्होंने कोई कोचिंग नहीं की इंटरनेट के जरिये मिले जानकारी व सहीं कटेंट की नोट्स तैयार की और रेगुलर पढाई की। नवदीप बताते हैं कि सप्ताह में वह 5 दिन ऑफिस से आने के बाद 4-5 घंटे पढते थे, लेकिन जब शनिवार व रविवार को अवकाश होता तो कम से कम 10 घंटे पढ़ते थे। टिप्स देते हुये नवदीप बताते हैं कि इंटरव्यू में कभी कोई भी चीज कृतिम तरीके से न करें आप जैसे हैं वैसा ही खुद को दर्शाएं। आप अगर नौकरी में हैं तो सबसे ज्यादा सवाल वहीं से होने हैं, इसलिये बेस को बिल्कुल मजबूत करें।
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