विधायक को जूते से पीटने वाले शरद त्रिपाठी समेत दो पूर्व सांसदों की गिरफ्तारी का आदेश
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज स्थित सांसद विधायक स्पेशल कोर्ट ने संतकबीरनगर जिले में जूताकांड के बाद चर्चित हुए बीजेपी सांसद शरद त्रिपाठी व यहीं से 1991 में सांसद रहे दिग्गज नेता अष्टभुजा शुक्ल की गिरफ्तारी का आदेश दिया है। स्पेशल कोर्ट में चल रहे मुकदमे में हाजिर न होने पर कोर्ट ने इन दोनों पूर्व सांसदों के विरूद्ध सख्त रूख अख्तियार कर लिया है और आदेश दिया है कि दोनों को गिरफ्तार कर अगली सुनवाई पर पेश किया जाए। मामले की अगली सुनवाई 16 जुलाई को होगी। बता दें, यह मुकदमा संत कबीर नगर में ही चल रहा था, लेकिन अब यह मुकदमा ट्रांसफर होकर प्रयागराज स्पेशल कोर्ट में आया हुआ है। जहां हाजिर होने के लिये दोनों पूर्व सांसदों समेत अन्य आरोपियों को वारंट जारी किया गया था, लेकिन कोई भी आरोपी स्पेशल कोर्ट में सुनवाई के दौरान हाजिर नहीं हुए हैं, जिस पर कोर्ट अब कार्रवाई के मूड में नजर आ रहा है।
क्या है मामला
संत कबीर नगर के थाना खलीलाबाद में 26 जून 2012 को पूर्व सांसद शरद त्रिपाठी, पूर्व सांसद अष्टभुजा शुक्ल समेत श्याम सुंदर वर्मा, संजीव राय, सत्येंद्र पाल, संतभान राय, गिरीश, जगदम्बा श्रीवास्तव आदि पर मुकदमा लिखा गया था। आरोप था कि इलाके में धारा 144 लागू थी, लेकिन इन लोगों ने धारा 144 तोड़कर कानून का उल्लंघन किया। पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट तैयार कर कोर्ट में दाखिल कर दी, जिसके बाद इस मुकदमे पर सुनवाई शुरू हुई।
नहीं कराई जमानत
2012 में मुकदमा दर्ज होने के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संत कबीर नगर के समक्ष सुनवाई शुरू हुई तो वहां आरोपित रहे नामी चेहरों ने ना तो जमानत कराई और न ही किसी सुनवाई पर हाजिर हुए। अब यह मामला जब स्पेशल कोर्ट पहुंचा और स्पेशल न्यायालय ने पत्रावली के अवलोकन किया तो पाया कि अभियुक्तगण आज तक इस मुकदमे में हाजिर ही नहीं हुए और जमानत भी नहीं कराई है। कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए पूर्व सांसदों समेत अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर कोर्ट में अगली सुनवाई के दौरान पेश करने को कहा है।
जूताकांड के बाद चर्चा में आए थे शरद त्रिपाठी
बता दें कि संतकबीरनगर जिले में विकास योजनाओं की मीटिंग के दौरान प्रभारी मंत्री आशुतोष टंडन और डीएम की मौजूदगी में शरद त्रिपाठी ने सरेआम पार्टी विधायक राकेश बघेल की जूते से पिटाई की थी। इस घटना ने पूरे सूबे में सियासी भूचाल लाया था और त्रिपाठी की किरकिरी के बाद उनके टिकट कटने की भी संभावना थी जिसके क्रम में इस बार उनका टिकट भी काट दिया गया था। उनकी जगह प्रवीण निषाद को प्रत्याशी बनाया गया है, जबकि भाजपा नेता अष्टभुजा शुक्ल को 1991 में सांसद बनने के बाद अब उन्हें संगठन की जिम्मेदारी दी गई है।
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