पूर्व पीएम वीपी सिंह के करीबी को सपा ने दिया इलाहाबाद सीट से टिकट, जानिए उनके बारे में
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश की हाईप्रोफाइल मानी जाने वाली इलाहाबाद लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी ने अपने पत्ते खोल दिये है। सपा ने राजेंद्र सिंह पटेल को गठबंधन का उम्मीदवार बनाया है। बता दें कि राजेंद्र पटेल पूर्व पीएम वीपी सिंह के करीबियों में से एक है। यहां उनका मुकाबला भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार और यूपी सरकार में मंत्री रीता बहुगुणा जोशी से होगा। बता दें कि राजेंद्र पटेल के बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं। इसका बहुत बड़ा कारण उनका सक्रिय राजनीति से दूर रहना भी है।
कौन हैं राजेंद्र पटेल
राजेंद्र सिंह पटेल उर्फ राजेश खरे अंदावा, बहादुरपुर इलाहाबाद के रहने वाले है। राजेंद्र को राजनीति का लंबा अनुभव रहा है और अपने शुरूआती दिनों में वह बेहद ही तेज तर्रार व जमीनी नेता कहे जाते रहे थे। लेकिन व्यापार में बड़ा नाम कमाने वाले राजेंद्र को राजनीति घाटे का सौदा लगा तो वह पूरी तरह से राजनीति से दूर होकर व्यापार की दुनिया में चल गये थे। व्यापार में अपनी अलग पहचान बनाने के बाद मात्र एक महीने पहले ही उन्होंने सपा की सदस्यता हासिल की थी और सीधे सांसदीय के टिकट के लिये दावेदारी की थी। अखिलेश से नजदीकी का फायदा राजेंद्र को मिला और अब वह इलाहाबाद संसदीय सीट पर साइकिल दौडाने मैदान में आधिकारिक तौर पर उतार दिये गये हैं। हालांकि इन सबके बीच जो सबसे खास बात है वह यह है कि राजेंद्र पटेल फूलपुर लोकसभा सीट से भाजपा विधायक प्रवीण पटेल के चाचा हैं व पूर्व विधायक स्व. महेंद्र सिंह के भाई है।
पूर्व पीएम वीपी सिंह के साथ की थी शुरूआत
राजेंद्र पटेल ने अपनी राजनीति की शुरूआत जनता दल से की थी और पूर्व पीएम वीपी सिंह के करीबियों में इनका नाम शुमार था। राजेंद्र को जनता दल में काफी कद्दावर स्थानीय नेता माना जाता रहा और वह प्रदेश उपाध्यक्ष व राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य के रूप काम करते रहे। हालांकि वीपी सिंह के गुजर जाने के बाद वह धीरे-धीरे राजनीति की मोह माया से दूर होते गये, लेकिन राजनैतिक महत्वाकांक्षा उनमें हमेशा से जिंदा रही।
राजेंद्र रहे चुके हैं ब्लाक प्रमुख
राजेंद्र पटेल 2006 में बहादुर ब्लाक प्रमुख का चुनाव लडा था। चुनाव जीतकर ब्लाक प्रमुख बने थे और यह तय था कि आगे आने वाले समय में वह बडे चुनावों में उतरेंगे। लेकिन एकाएक उन्होंने अपने परिवार को राजनीति में आगे बढ़ने दिया और खुद पीछे हटकर व्यापार करने लगे। राजेंद्र के पिता गुलाब सिंह फूलपुर इलाके में पटेल बिरादरी के बीच बड़े नेता थे। जबकि इनके बडे भाई महेंद्र भी विधायक रहे हैं और मौजूदा समय में भतीजा प्रवीण पटेल भी फूलपुर से विधाायक है। राजेंद्र ने भी टिकट फूलपुर के लिये ही मांगा था, लेकिन समीकरण कुछ ऐसे बने की राजेंद्र को इलाहाबाद से उतारा गया है। राजेंद्र एक ओर जहां अखिलेश के नजदीकी हैं। वहीं, राजनैतिक पृष्ठभूमि के साथ लंबा राजनैतिक अनुभव है। पारिवारिक पृष्ठभूमि भी बेहद ही प्रभावशाली हैं और जातीय समीकरण राजेंद्र को आम से खास उम्मीदवार बना रहे हैं
टिकट से नाराजगी भी
सपा के युवा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों में राजेंद्र को लेकर एक समस्या जो सबसे बडी यह है कि राजेंद्र को लंबे समय से कोई नहीं जानता है। यहां तक की कई पुराने नेता भी उनकी पहचान पर सवाल उठा रहे हैं। हालांकि यहां चुनाव जातिगत आधार पर और पुरानी साख को देखकर होने वाला है और अगडा बनाम पिछडा की राजनीति से सपा रणनीतिक रूप से आगे बढ़ रही है।
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