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फूलपुर-इलाहाबाद में कम मतदान प्रतिशत से बढ़ी भाजपा की मुश्किल, गठबंधन की बढ़ी उम्मीदें

By Amarish Manish Shukla
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Prayagraj news, प्रयागराज। 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान जब मोदी लहर पर सवार भाजपा प्रत्याशी फूलपुर व इलाहाबाद के चुनावी मैदान में थे तो बढ़े मतदान प्रतिशत का भी उन्हें ही पूरा का पूरा लाभ हुआ था। ऐसे में जब इस बार मतदान प्रतिशत घटा है तो उसका घाटा भी उनके हिस्से का जोड़कर देखा जा रहा है। प्रयागराज जिला प्रशासन ने फूलपुर में मतदान प्रतिशत का वास्तविक आंकड़ा जारी किया है, जिसके अनुसार इस बार फूलपुर में मतदान प्रतिशत पिछले चुनाव की अपेक्षा 50.20 फीसद से घटकर 48.53 प्रतिशत रह गया है।

भाजपा के चेहरे पर शिकन

भाजपा के चेहरे पर शिकन

फूलपुर में इस बार मतदान प्रतिशत 1.67 फीसदी घट गया। यह कमी भाजपा के लिए चिंताजनक है तो दूसरी ओर गठबंधन के लिए उम्मीदें बांध रही है। चूंकि भाजपा फूलपुर व इलाहाबाद दोनों सीटों पर शुरुआती समय से काफी आगे नजर आ रही थी और प्रत्याशी चयन, प्रचार व माहौल बनाने में बीजेपी विरोधी दलों से काफी आगे भी रही थी। लेकिन मतदान प्रतिशत में कमी भाजपा के लिए चिंताजनक है। भाजपा के लिये शहर उत्तरी विधानसभा में सबसे कम वोटिंग परसेंटेज सर्वाधिक नुकसान दायक होगा। चूंकि, यह पूरा क्षेत्र सर्वाधिक पढ़े-लिखे व उच्च वर्ग के लोगों के अलावा भाजपा का गढ़ है, भाजपा के लिए यहां हमेशा सर्वाधिक वोट पड़े और सवर्ण वोटों की अधिकता से भाजपा यहां चुनाव जीतने को आश्वस्तर रहती है, लेकिन इस बार कम वोटिंग ने भाजपा के चेहरे पर शिकन ला दी है।

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कम वोटिंग में जीतती है सपा

कम वोटिंग में जीतती है सपा

फूलपुर के पिछले चुनावी रिकॉर्ड को देखें तो जब कम वोटिंग होती है तब सपा का वर्चस्व यहां नजर आता है। बीते उप चुनाव के दौरान जब सपा प्रत्याशी नागेन्द्र सिंह को यहां से उतारा गया था, तो उस वक्त मात्र 37.39 प्रतिशत ही मतदान हुआ था। जिसका पूरा का पूरा फायदा नागेंद्र को हुआ और कम वोट प्रतिशत पाने के बावजूद भी वह चुनाव जीत गए। दूसरे शब्दो में फूलपुर लोकसभा क्षेत्र के बारे में कहा जाता है, यहां सवर्ण बिरादरी बदलाव की बात एसी-कूलर के बंद कमरे में बैठकर करती है और मतदान केंद्रों तक नहीं जाती। यही कारण है कि सवर्णों का बेहतर वोट प्रतिशत नजर नहीं आता और उसका नुकसान भाजपा में देखने को मिलता है।

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इलाहाबाद में भी सुगबुगाहट

इलाहाबाद में भी सुगबुगाहट

इलाहाबाद संसदीय सीट पर इस चुनाव में सबसे तगड़ी उम्मीदवार बीजेपी की रीता बहुगुणा जोशी रहीं और उनके सामने विरोधी दल के प्रत्याशी काफी पीछे नजर आए। हालांकि, मतदान के बाद जब आंकड़े जारी हुए तो यहां भी शिकन का दौर चल पड़ा है। जिला प्रशासन ने आंकड़ा जारी कर बताया है कि इलाहाबाद में 51.77 प्रतिशत मतदान हुआ है। यानी 2014 के मुकाबले मतदान प्रतिशत में 1.67 प्रतिशत की कमी आई है। 2014 में यह आंकड़ा 53.44 फीसदी था। साफ है कि घटे मतदान प्रतिशत का लाभ गठबंधन को ही मिलनी की संभावना है। वहीं, लड़ाई से बाहर मानी जा रही कांग्रेस को भी कम मतदान प्रतिशत ने जिंदा कर दिया है और जातिगत आंकड़ों के आधार पर कांग्रेस प्रत्याशी योगेश शुक्ला फाइट करते हुए नजर आ रहे हैं।

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English summary
lok sabha elections 2019 analysis of phulpur and prayagraj seat
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