शाही स्नान के साथ शुरू हुए कुंभ 2019 की तस्वीरें, स्मृति ईरानी ने भी लगाई डुबकी
#Kumbh Mela 2019, प्रयागराज (इलाहाबाद)। उत्तर प्रदेश में तीर्थराज प्रयाग में 49 दिन तक चलने वाले अर्द्धकुंभ की शुरुआत हो गई है। मंगलवार को यहां पहले शाही स्नान के मौके पर भारी संख्या में श्रद्धालु उमड़े। सबसे पहले संगम तट पर श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के साधु-संतों ने स्नान किया। इसके बाद श्री पंचायती अटल अखाड़े के संतों ने संगम तट पर डुबकी लगाई। बता दें कि कड़ाके की ठंड के बावजूद धर्म के इस सबसे बड़े मेले में सूर्य उगने से पहले ही लाखों लोग त्रिवेणी में पुण्य की डुबकी लगाने उपस्थित होने लगे। मंगलवार दोपहर 12 बजे तक ही लगभग 85 लाख श्रद्धालुओं ने यहां स्नान कर लिया।
आज कुंभ का पहला शाही स्नान, सवा करोड़ लोग लगाएंगे डुबकी
कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद के अनुसार, संगम स्नान रात्रि लगभग ढाई बजे शुभ मुहूर्त से शुरू हुआ। आज शाम तक लगभग सवा करोड़ लोग यहां स्नान करेंगे। ऐसा भी संभवत: पहली बार दिखा जब जूना अखाड़ा में शामिल किन्नर अखाड़ा ने भी सन्यासियों संग संगम पट पर शाही स्नान किया।
सनातन परंपरा के महापर्व की अनुभूति
शाही स्नान के लिए शिविरों से संन्यासियों के निकलने व उनके दर्शन का क्रम देर शाम तक चलेगा। गौरतलब है कि भोर में रात 2.19 मिनट भगवान सूर्य का मकर राशि में प्रवेश करते ही मकर संक्रांति का पर्व शुरू हुआ। श्रद्धालुओं ने अर्द्ध रात्रि से ही स्नान शुरू कर दिया था, जो सुबह की पहली किरण के साथ सनातन परंपरा का महापर्व बन चुका है।
सड़क के दोनों ओर जुट रहे श्रद्धालु
आज सुबह सबसे पहले स्नान के लिए महानिर्वाणी अखाड़े के संत, अचार्य और महामंडलेश्वर शाही अंदाज में रथों पर विराजमान होकर संगम तट की ओर बढ़े। इनके साथ हजारों नागा साधुओं का कारवां भी दौड़ते हुये चला। अखाड़े के देव भगवान कपिल देव तथा नागा संन्यासियों ने अखाड़े की अगुवाई की।
शाही जुलूस को देखने के लिए जुटे रहे श्रद्धालु
मकर संक्रांति पर परंपरा के मुताबिक, इधर सबसे पहले अखाड़े के भालादेव ने स्नान किया। उसके बाद नागा साधुओं ने, फिर आचार्य महामंडलेश्वर और साधु-संतों ने स्नान किया। सड़क के दोनों ओर लाखों श्रद्धालु शाही जुलूस को देखने के लिए जुटे रहे । संत भी कृपा बरसाते हुए द्रुत गति से संगम तट पर पहुंचे और शाही स्नान की परंपरा को पूरा किया।
सबसे बड़े अखाड़े की शाही स्नान के लिए बारी
महानिर्वाणी अखाड़े के बाद श्री पंचायती अटल अखाड़े के संत, आचार्य और महामंडलेश्वर संगम तट पर शाही अंदाज में पहुंचे। इन अखाड़े के संतों ने भी शाही स्नान कर लिया है। दोनों अखाड़ों के संत अपने शिविर की ओर प्रस्थान कर रहे हैं। इसी क्रम में श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा और तोपोनिधि श्री पंचायती आनंद अखाड़े के संत भी शाही स्नान के लिए अपने आचार्य, महामंडलेश्वर और ईष्ट देव के साथ संगम तट पर पहुंचे। इसका भी स्नान पूरा हो चुका है। दोनों अखाड़ों के संत अपने शिविर की ओर प्रस्थान कर रहे हैं।
स्मृति ईरानी भी पहुंचीं
पहले शाही स्नान पर डुबकी लगाने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी भी संगम नगरी प्रयागराज पहुंचीं हैं। इसके अलावा महानिर्वाणी के साधु-संत पूरे लाव-लश्कर के साथ शाही स्नान को संगम तट पर उपस्थित हुए ही थे।सुबह की पहली किरण के साथ अखाड़ों के स्नान का क्रम प्रारंभ हुआ। सभी अखाड़ों को बारी-बारी से स्नान के लिए 30 मिनट से 45 मिनट तक का समय दिया गया। इसमें सेलिब्रेटीज भी खूब पहुंच रहे हैं।
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महाशिव रात्रि तक चलेगा कुंभ
यह अर्द्धकुंभ मेला 4 मार्च यानी कि महाशिवरात्रि पर्व तक चलेगा। आखिरी शाही स्नान भी 4 मार्च को होगा।इसी दिन कुंभ मेले का समापन भी होगा। हर अखाड़े को स्नान के लिए 40 मिनट का समय दिया गया है। बता दें कि इस बार इस महामेले के लिए 800 स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं हैं। जबकि, इंटरनेट की दिक्कतें दूर करने के लिए 4 हजार हॉट स्पॉट भी शुरू कराए गए हैं।
13 में से 9 अखाड़ों के साधु-संतों ने डुबकी लगाई
देश के 13 में से 9 अखाड़ों के साधु-संत संगम तट पर डुबकी लगा चुके हैं। इन अखाड़ों में श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी, श्री पंचायती अटल अखाड़ा, श्री पंच दिगंबर अनि अखाड़ा, श्री पंच निर्मोही अनि अखाड़ा, श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा, श्री शंभू पंच अग्नि अखाड़ा, श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़ा,श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा एवं तपोनिधि श्री पंचायती आनंद अखाड़ा शामिल हैं। इसके अलावा बाकी अखाड़े भी धीरे-धीरे स्नान करेंगे।
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2013 के मुकाबले 3 गुना होगा खर्च
बताया जा रहा है कि इस कुंभ मेले वर्ष 2013 के मुकाबले 3 गुना ज्यादा खर्च आएगा। 2013 में सरकार द्वारा 1300 करोड़ रुपए कुंभ के लिए दिए गए थे, जिसमें अखिलेश सरकार को केंद्र की यूपीए सरकार ने अपने हिस्से के रूप में 341 करोड़ रुपए दिए थे। उसके अलावा 800 करोड़ का स्पेशल पैकेज और मिला था। इस पूरी रकम में से 1017 करोड़ रुपए तब खर्च हो गए थे। वहीं, योगी सरकार ने इस बार 4200 करोड़ रुपए की बात कही, जिसमें 2200 करोड़ रुपए केंद्र सरकार से लिए जाएंगे।
6 लाख गांव—शहरों के लोग पहुंच रहे
इस बार योगी सरकार की अगुवाई में यहां करीब 6 लाख गांव-शहरों और विदेशों से भी श्रृद्धालुओं को बुलाने की योजना बनाई गई। इसके लिए 'चलो कुंभ चलो' अभियान शुरु किया गया। साथ ही मेला स्थल पर करीब 192 देशों के झंडे भी लगाए गए हैं। विदेशी युवतियां भी भारी संख्या में इस पवित्र स्नान के लिए पहुंच रही हैं।
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