नानी ने पीटा तो घर छोड़ भागे 2 भाई, झारखंड से इलाहाबाद पहुंचे, 1 माह बाद जन्माष्टमी पर लौट पाए
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के रहने वाले दो भाई अपनी मां के साथ नानी के घर झारखंड गये हुए थे। शैतानी करने पर नानी ने दोनों की पिटाई कर दी तो नाराज होकर वहां से उत्तर प्रदेश की ओर लौट पड़े। दोनों ने तय किया कि वे अपने घर बिजनौर चले जायेंगे। ट्रेन में बैठकर वे बिजनौर के लिए निकले। लेकिन, जब भूख से दोनों का हाल बेहाल हुआ तो इलाहाबाद जंक्शन पर उतर गये। दोनों की बुरी हालत देखकर पुलिसकर्मियों को कुछ संदेह हुआ। दोनों से पूछताछ की गयी तो पता चला कि वह भूखे हैं और भटक गये हैं। दोनों इतना डर गये थे कि अपना नाम और पता तक नहीं बता पा रहे थे।
दोनों आपस में मौसेरे भाई, उम्र महज 8 साल
दोनों की उम्र लगभग 8 साल थी। बच्चों को राजकीय बाल गृह आवास ले जाया गया, जहां वह पिछले एक महीने से रह रहे थे। अब जबकि, कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर बच्चों को पुलिस ने उनके घर पहुंचाने का प्रयास किया तो उनकी कहानी सामने आई। पुलिस ने दोनों भाइयों से दोस्ताना अंदाज में धीरे-धीरे सबकुछ पूछा और पूरी कहानी सामने आ गयी। दोनों आपस में मौसेरे भाई निकले।
अपने साथ बालगृह ले गई थी पुलिस, जन्माष्टमी पर चला पता
पुलिस के मुताबिक, बिजनौर के रहने वाले आसिफ तंदूरी रोटी बनाने का काम करते हैं। उनका 8 साल का बेटा खालिद नींदों खास बिजनौर में कक्षा 3 में पढ़ता था। खालिद के साथ उसका मौसी का बेटा आजम भी पढ़ता था, उम्र तो दोनों की समान थी, लेकिन वह कक्षा चार में पढता था। दो महीने पहले दोनों अपनी मां के साथ नानिहाल झारखंड गये हुए थे। जहां एक दिन शैतानी करने पर दोनों की नानी ने पिटाई कर दी तो दोनों घर छोड़कर भाग निकले और वापस अपने घर बिजनौर आने के लिये रेलवे स्टेशन से ट्रेन पकड़ ली। लेकिन, रास्ते में भयंकर भूख लगने के बाद वे परेशान थे, इसी बीच ट्रेन जब इलाहाबाद जंक्शन पहुंची तो वह वहां उतर गये। 23 जुलाई को रेलवे स्टेशन पर इन्हें रेलवे पुलिस ने देखा तो अपने साथ बालगृह ले गयी। पुलिस देखकर वह और डर गये और फिर उन्हें लगा कि अब कभी अपने घर नहीं जा सकेंगे। इधर मां बाप व परिजनों ने बच्चों की तलाश शुरू की, पर दोनों का कहीं कोई पता नहीं चल सका। जिसके बाद दोनों की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करायी गयी।
पिता से मिलते ही बिलख पड़े बच्चे
सहायक पुलिस अधीक्षक एवं क्षेत्र अधिकारी नगर तृतीय प्रयागराज अमित कुमार आनंद के निर्देशन में एंटी रोमियो टीम इन बच्चों को मिलाने के काम में जुटी और पूछताछ में जो जानकारियां हाथ लगी उससे कडियां जोड़ी जाने लगी। बिजनौरी पुलिस से संपर्क किया गया और उनसे खोये हुये बच्चों के बावत जानकारियां साझा की गयी। बताया कि बच्चे नींदों खास बिजनौर के रहने वाले हैं और दोनों की उम्र लगभग 8 साल है। बिजनौर पुलिस ने दर्ज की गयी गुमशुदगी रिपोर्ट की छानबीन की तो दो बच्चों के लापता होने की सूचना थाना धामपुर में दर्ज हुई थी। थाना प्रभारी से संपर्क करने के बाद वह खुद परिजनों के घर पहुंचे और बच्चों के परिजनों से बातचीत की तो बच्चों की पहचान पूरी हो सकी। जिसके बाद जन्माष्टमी को परिजन प्रयागराज पहुंचे। रेलवे स्टेशन पर जब दोनों बच्चों ने अपने अपने पिता को देखा तो दौड़कर उनसे लिपट गये और लगभग आधे घंटे तक बस रोते रहे। अपनों से वापस मिलकर बच्चों की खुशियां वापस लौटी तो लिखापढ़ी कर बच्चों को परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।