IPL में एक करोड़ कमाने का था प्लान, पुलिस ने पकड़े 9 सट्टेबाज, दिल्ली और पुणे से होता था हैंडल
Prayagraj news, प्रयागराज। देश में इस समय आईपीएल का फीवर चल रहा है, लेकिन इस फीवर के बीच सट्टेबाजी का वायरस बड़े शहरों से चलकर अब छोटे शहरों को भी अपनी जद में ले चुका है। मंगलवार को प्रयागराज जिले में ऑनलाइन तरीके से चलाये जा रहे सट्टेबाजी के बड़े गिरोह को पुलिस ने दबोच लिया, जो करोड़ों रुपये का सट्टा लोगों से लगवा चुका था। इस गिरोह के 9 लोगों को पुलिस ने दबोच लिया है, जिनके पास से चार लाख रुपये, 20 मोबाइल और एक लेपटॉप बरामद हुआ है। गिरोह शहर के अलग-अलग हिस्से में सक्रिय था और लोगों को ऑनलाइन सट्टा लगाने के लिए सुविधा प्रदान कर रहा था। सट्टेबाजी के गिरोह का संचालन दिल्ली और पुणे से किया जा रहा था। दूसरे राज्य से तार जुड़ने के बाद वहां की पुलिस को भी इसकी सूचना भेज दी गई है और पूछताछ के बाद काफी जानकारी पुलिस के हाथ लगी है।
गिरोह के 9 लोग गिरफ्तार
एसपी क्राइम आशुतोष मिश्रा ने बताया कि शातिर लोगों ने दिल्ली और पुणे से एक मुख्य लाइन से लिंक होता है, जिससे गिरोह के सभी सदस्यों को मोबाइल के जरिये जोड़ा जाता है। इसके बाद स्थानीय स्तर पर गिरोह के सदस्य एक्टिव हो जाते हैं और लोगों को लैपटॉप और टीवी से लगातार मैच का जायजा लेकर मैच पर पैसा लगाने का ऑफर करते थे। हर दिन यह गिरोह सट्टा लगवाता था और करोडों रुपये हर दिन इधर से उधर किये जा रहे थे। मीरापुर में गिरफ्तार किये गये गिरोह के सदस्यों में कटरा का अंकित जायसवाल, नितिन साहू, मोनू साहू, विवेक साहू, मीरापुर सब्जी मंडी का नवनीत राय, कटघर का सिंटू केसरवानी, मुट्ठीगंज का सचिन अग्रहरि, ऊंचामंडी का कौशल सोनी और मुट्ठीगंज का अयूर गुप्ता शामिल हैं। इनके पास से तीन लाख 86 हजार, 20 मोबाइल फोन, एक लैपटॉप और दो बाइकें बरामद की गईं हैं।
एक करोड़ कमाने का था प्लान
आईपीएल सट्टेबाजी कोई नयी चीज नहीं है। वैसे भी आईपीएल इसे लेकर काफी किरकिरी झेल चुका है। लेकिन सट्टा लगाने के लिए लगातार और रोज सटोरियों को बेस्ट प्लेटफार्म मिल जाता है, जिसके कारण यह काला धंधा खूब फलता-फूलता है। मंगलवार को पुलिस लाइन प्रयागराज में जब इस गिरोह के 9 सदस्यों को मीडिया के सामने पेश किया गया तो एक बार फिर यह साफ हो गया कि छोटे शहरों व गांवों तक सटोरियों ने अपनी पहुंच बना ली है। इंटनरेट से ऑनलाइन तरीके से सभी को मैच का भाव, प्लेयर, रन, रन रेट समेत कयी तरीके से पैसे लगवाये जाते हैं। सटोरी गिरोह पैसा लगवाने के बदले में कमीशन लेता है, जो प्रतिदिन के हिसाब से केवल प्रयागराज शहर में लाखों रुपये से उपर का हो रहा था। सटोरियों का प्लान केवल इसी सीजन के दौरान ही एक करोड़ रुपये कमाने का टारगेट था, लेकिन वह पुलिस की पकड़ में आ गये।
दिल्ली और पुणे में तलाश
यहां का गिरोह दिल्ली और पुणे के बुकी हैंडल कर रहे थे। यह स्थानीय एजेंट थे, जो यहां का बिजनेस सम्भाल रहे थे। इसके लिऐ इन्हें अच्छा कमीशन मिल रहा था। हालांकि इनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड तो नहीं है, लेकिन ये कई साल से इस गोरखधंधे को चला रहे थे और इनके मोबाइल फोन से बहुत सी डीटेल हाथ लगी है। दिल्ली व पुणे की पुलिस से भी जानकारी साझा की जा रही है। यह एक बड़ा नेटवर्क है, जिसके तहत जाने के लिये जांच की जा रही है।
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