अभ्यर्थियों के लिये खुशखबरी, अब शिक्षक भर्ती में नहीं जुड़ेंगे हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के नंबर
Prayagraj news, प्रयागराज। विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिये बड़ी खबर है। भर्ती प्रक्रिया से जुड़ी व्यवस्था में बड़ा बदलाव किया गया है। जिससे मेधावी व योग्य शिक्षकों के लिये चयन के सुगम मार्ग खुल जायेंगे। दरअसल यूजीसी रेगुलेशन-2018 के तहत असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में जो बदलाव किया गया है, उसके अनुसार अब भर्ती एकेडमिक परफॉर्मेंस इंडेक्स (SPI) स्कोर में हाईस्कूल और इंटर के अंक नहीं जोड़े जाएंगे। यानी जिस स्कोरिंग के आधार पर अभ्यर्थी को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है, उसका निर्धारण अब बगैर हाईस्कूल व इंटर के अंकों के होगा। हालांकि एकेडमिक परफॉर्मेंस इंडेक्स में स्नातक, परास्नातक, नेट, जेआरएफ व पीचडी आदि के अंक पूर्ववत जोड़े जायेंगे।
अब
पीएचडी
होगी
जरूरी
पिछले
कुछ
वर्षों
में
पीएचडी
करने
के
बावजूद
भी
नौकरी
न
मिल
पाने
की
समस्या
होने
लगी।
दरअसल
यूजीसी
रेगुलेशन-2018
के
तहत
असिस्टेंट
प्रोफेसर
भर्ती
में
पीएचडी
का
महत्व
बढ़ा
दिया
गया
है
और
अब
पीएचडी
करने
वालों
को
एकेडमिक
परफॉर्मेंस
इंडेक्स
के
अन्तर्गत
30
अंक
मिलेंगे।
जबकि
पीएचडी
न
करने
वालों
को
यह
अंक
दूसरे
किसी
अन्य
प्रकार
से
नहीं
मिल
पायेंगे।
यानी
नेट
या
जेआरएफ
को
आधार
बनाकर
अब
नौकरी
पाना
पीएचडी
करने
वालों
के
सापेक्ष
नगण्य
होगा।
दरअसल इंटरव्यू के लिए जिन अभ्यर्थियों को बुलाया जायेगा, उन्हें एकेडमिक परफॉर्मेंस इंडेक्स के तहत तैयार श्रेष्ठता सूची के तौर बुलाया जायेगा। एकेडमिक परफॉर्मेंस इंडेक्स में इस बार 100 अंक तक मिलेंगे और इसमें से 30 अंक पीचडी के होंगे। यानी बिना पीएचडी के अधिकतम अंक 70 ही पहुंच पाएंगे। ऐसे में पीएचडी धारकों के लिये अब असिस्टेंट प्रोफेसर बनाना आसान होगा।
अंकों
की
पूरी
प्रक्रिया
जाने
असिस्टेंट
प्रोफेसर
के
लिये
तैयार
होने
वाली
एकेडमिक
परफॉर्मेंस
इंडेक्स
में
स्कोर
करने
के
लिये
तय
मानक
से
गुजरना
होगा।
जिसके
अनुसार
अभ्यार्थी
को
स्नातक
से
लेकर,
अवार्ड
तक
के
नंबर
मिलेंगे।
एकेडमिक
परफॉर्मेंस
इंडेक्स
में
पहला
स्कोर
स्नातक
से
ही
होगा।
स्नातक
में
अगर
आपने
80
फीसदी
से
अधिक
अंक
पाए
हैं
तो
आपको
अधिकतम
15
अंक
मिलेंगे।
60
से
80
फीसदी
अंक
पाने
वाले
कोर
13
अंक।
60
से
55
फीसदी
अंक
पाने
वाले
अभ्यर्थी
को
10
अंक
व
55
से
45
फीसदी
अंक
पाने
वाले
को
5
अंक
मिलेंगे।
परास्नातक
में
80
फीसदी
से
अधिक
अंक
पर
25
नंबर,
80
से
60
फीसदी
पर
23
अंक,
60
से
50
फीसदी
अंक
पाने
पर
20
अंक
मिलेंगे।
जबकि
इस
प्रक्रिया
में
पीएचडी
में
सर्वाधिक
अंकों
का
प्रावधान
किया
गया
है,
जिसके
तहत
30
अंक
निर्धारित
किये
गये
हैं।
जबकि
एमफिल
में
60
फीसदी
से
अधिक
अंक
पाने
पर
7
अंक
व
60
से
55
फीसदी
नंबर
पर
5
अंक
मिलेंगे।
इसके
अलावा
जेआरएफ
के
लिए
7
अंक,
नेट
के
लिए
5
अंक
और
स्लेट/सेट
के
लिए
3
अंक
निर्धारित
किये
गये
हैं।
वहीं,
रिसर्च
पब्लिकेशन
के
लिए
10
अंक
निर्धारित
किये
हैं
और
अधिकतम
5
रिसर्च
पब्लिकेंस
के
अंक
जोड़े
जायेंगे।
इसमें
1
रिसर्च
के
लिये
2
अंक
मिलेंगे।
जबकि
अनुभव
के
स्कोर
में
टीचिंग
एवं
पोस्ट
डॉक्टरल
एक्सपीरियंस
के
लिए
अधिकतम
10
अंक
मिलेंगे।
इसमें
प्रत्येक
एक
साल
के
लिये
2
अंक
निर्धारित
हैं।
स्कोरिंग
के
लिये
अंतिम
तौर
अवार्ड
को
रखा
गया
है।
जिसमें
इंटरनेशनल
या
नेशनल
अवार्ड
के
लिए
अधिकतम
3
अंक
मिलेंगे।
जबकि
राज्य
स्तरीय
अवार्ड
के
लिए
अधिकतम
2
अंक
दिये
जायेंगे।
इसी
आधार
पर
स्कोर
तय
होगा
और
श्रेष्ठता
सूची
के
आधार
पर
इंटरव्यू
के
लिये
अभ्यर्थी
बुलाये
जायेंगे।
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