स्वामी चिन्मयानंद की जमानत अर्जी पर हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित
प्रयागराज। पूर्व केंद्रीय मंत्री और यौन शोषण के आरोपी स्वामी चिन्मयानंद की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल जमानत अर्जी पर सुनवाई पूरी हो चुकी है। हालांकि, अदालत ने शनिवार को अपना फैसला इस पर नहीं सुनाया और अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया है। चिन्मयानंद को जमानत मिलेगी या नहीं, इस पर अब हाईकोर्ट का निर्णय ही आगे की राह तय करेगा। हालांकि इस केस में प्रतिपक्ष की ओर से जबरस्त विरोध किया गया है और जमानत न देने की मांग की गई है। बता दें कि स्वामी चिन्मयानंद लगातार अपनी जमानत के लिए प्रयासरत हैं और हाईकोर्ट में इसी बावत उनकी याचिका पर सुनवाई पूर्ण हुई है।
अदालत में क्या हुआ
इलाहाबाद हाईकोर्ट में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद की जमानत अर्जी पर न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने सुनवाई की। सुनवाई के दौरान चिन्मयानंद के वकील दिलीप कुमार इस केस में यह दावा करते नजर आये कि ब्लैकमेलिंग केस में फंसने के डर से युवती ने उन पर मनगढंत केस लगाया है। दुराचार की झूठी रिपोर्ट दर्ज करायी गयी और झूठे आरोप में उन्हें फंसाया गया है। अदालत में चिन्मयानंद की ओर से दलील दी गयी कि ब्लैकमेलिंग करने के पर्याप्त सबूत उपलब्ध हैं। और यह भी सच सामने आ चुका है कि युवती खुद ही अपनी मर्जी से रक्षाबंधन के पहले शाहजहांपुर से दोस्तों के साथ चली गयी थी। जबकि उसके पिता की ओर से लापता होने का मुकदमा दर्ज कराया गया।
पीड़िता पक्ष से क्या आई दलील
दूसरी ओर चिन्मयानंद की जमानत के विरोध में पीड़िता के पक्ष से वरिष्ठ अधिवक्ता रवि किरण जैन ने जबरस्त तरीके से अपना प्रतिरोध दर्ज कराया और अदालत में कहा कि पीड़िता पर अत्याचार हुआ है और स्वामी चिन्मयानंद का पूरा सच वीडियो क्लिपिंग में सामने आ चुका है। चिन्मयानंद पर पहले ही अपनी शिष्या के संग दुराचार के आरोप में लगे हैं और इतना ही नहीं कयी और मामले में छात्राओं से दुराचार के आरोप चिन्मयानंद पर है। अगर ऐसे में चिन्मयानंद को जमानत दी जाती है तो अपराधियों को बढ़ावा मिलेगा और निष्पक्ष विचारण नहीं हो पाएगा। फिलहाल अब अदालत ने चिन्मयानंद की जमानत अर्जी पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है।
अयोध्या: 6 साल की बच्ची से गैंगरेप के बाद हत्या मामले में दो आरोपियों को फांसी की सजा