जया प्रदा की याचिका पर हाईकोर्ट ने आजम खान को जारी किया नोटिस
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प्रयागराज। रामपुर से चुनाव हारने वाली जयाप्रदा व बदायूं से चुनाव हारने वाले धर्मेंद्र यादव की याचिका पर आजम खान व भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्य के खिलाफ हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है। यह याचिका संघमित्रा के चुनाव के खिलाफ सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव ने दाखिल की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 21 अगस्त को होगी और इसी तिथि पर आजम खान के मामले की भी सुनवाई की जाएगी।
आजम
खान
की
बढ़
सकती
है
मुश्किलें
जयप्रदा
की
ओर
से
दाखिल
की
गई
चुनाव
याचिका
में
आजम
खान
के
लिए
मुश्किलें
बढ़ना
तय
मानी
जा
रही
है।
क्योंकि
जिन
आधारों
पर
आजम
खान
को
चैलेंज
किया
गया
है,
उसके
पर्याप्त
सुबूत
हाई
कोर्ट
को
सौंप
दिए
गए
हैं।
इनमें
पहला
आधार
यह
है
कि
आजम
खान
जौहर
विश्वविद्यालय
रामपुर
के
कुलाधिपति
के
लाभ
पद
पर
हैं
और
लाभ
पद
पर
रहते
हुए
ही
उन्होंने
लोकसभा
चुनाव
लड़ा
है।
जबकि
संविधान
में
साफ
कहा
गया
है
कि
किसी
भी
सरकारी
लाभ
के
पद
पर
रहते
हुए
चुनाव
नहीं
लड़ा
जा
सकता
है।
ऐसे
में
उनका
निर्वाचन
संवैधानिक
नहीं
माना
जा
सकता
और
ना
ही
उनका
नामांकन
वैध
होना
चाहिए।
वही,
दूसरा
आधार
धार्मिक
मामले
को
लेकर
है।
जिसमें
आजम
खान
पर
आरोप
है
कि
उन्होंने
धार्मिक
आधार
पर
वोट
मांगे
थे।
मतदाताओं
की
भावनाओं
को
भड़काया
था
और
धार्मिक
माहौल
बनाकर
हिंदू
मुसलमानों
के
नाम
पर
वोट
मांगा,
जो
की
आचार
संहिता
का
उल्लंघन
था
और
चुनाव
में
इस
तरह
से
वोट
मांगने
वाले
का
नामांकन
रद्द
किया
जाना
संवैधानिक
है।
याचिका
में
मांग
की
गयी
है
कि
इन
आधारों
पर
आजम
खान
का
चुनाव
निरस्त
किया
जाए।
इस
मामले
पर
न्यायमूर्ति
एसडी
सिंह
सुनवाई
कर
रहे
हैं।
याचिका
पर
अगली
सुनवाई
21
अगस्त
को
होगी।
संघमित्रा
मौर्य
के
लिए
भी
मुश्किल
बदायूं
से
पहली
बार
चुनाव
लड़ने
वाली
संघमित्रा
मौर्य
भाजपा
की
सांसद
चुन
तो
ली
गई
है।
लेकिन,
अब
इलाहाबाद
हाईकोर्ट
में
दाखिल
चुनाव
याचिका
के
जरिए
उनकी
मुश्किलें
बढ़ाने
की
तैयारी
थी
शुरू
हो
गई
है।
दरअसल
समाजवादी
पार्टी
के
कद्दावर
नेता
और
मुलायम
परिवार
के
सदस्य
धर्मेंद्र
यादव
ने
चुनाव
याचिका
दाखिल
की
है
और
कोर्ट
को
बताया
है
कि
कुछ
बूथों
पर
वोट
तो
कम
पड़े।
लेकिन,
जब
गिनती
की
गई
तो
वोट
अधिक
गिने
गए
हैं
और
जो
वोट
अधिक
गिने
गए
वह
संघमित्रा
मौर्य
को
ही
मिले
हैं।
धर्मेंद्र
यादव
ने
कोर्ट
में
इस
बाबत
हलफनामा
दिया
है
कि
उन्होंने
इसके
लिए
आपत्ति
भी
दाखिल
की
थी
मगर
उनकी
आपत्ति
बगैर
किसी
ठोस
आधार
व
उन्हें
संतुष्ट
किये
खारिज
कर
दी
गई।
मामले
में
धर्मेंद्र
यादव
ने
दोबारा
मतगणना
कराने
और
संघमित्रा
के
निर्वाचन
को
रद्द
करने
की
मांग
की
है।
इस
मामले
पर
सुनवाई
न्यायमूर्ति
रमेश
सिन्हा
कर
रहे
हैं
और
उस
पर
अगली
सुनवाई
21
अगस्त
को
होगी।
बता
दें
कि
संघमित्रा
मौर्य
उत्तर
प्रदेश
सरकार
के
कैबिनेट
मंत्री
स्वामी
प्रसाद
मौर्य
की
बेटी
है।
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