69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में हाईकोर्ट ने दिया फैसला, कट ऑफ मार्क्स के जरिए होगी नियुक्ति
प्रयागराज। 69 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर बुधवार (6 मई) को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बड़ा फैसला दिया है। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने योगी सरकार को बड़ी राहत देते हुए कट ऑफ मार्क्स के जरिए शिक्षकों की नियुक्ति को सही ठहराया। फैसले के बाद सामान्य वर्ग के लिए 65 प्रतिशत और अरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 60 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य होगा। जस्टिस पंकज कुमार जायसवाल और जस्टिस करुणेश सिंह पवार ने यह फैसला सुनाया।
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कोर्ट ने छह महीने के अंदर भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करने का आदेश दिया है। आपको बता दें कि भर्ती प्रक्रिया करीब डेढ़ साल से अटकी थी। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी को 150 में से 97 अंक हासिल करने होंगे, जबकि अरक्षित वर्ग के लिए 90 अंक जरुरी है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में शिक्षा की योग्यता और गुणवत्ता को अहम बताया। साथ ही योगी सरकार को योग्यता के आधार पर रिजल्ट जारी कर भर्ती प्रक्रिया को शुरू करने का आदेश दिया।
राज्य सरकार समेत अन्य अभ्यर्थियों की विशेष अपीलों पर अदालत ने 3 मार्च को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था। इनमें एकल न्यायाधीश के उस फैसले व आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें भर्ती परीक्षा में न्यूनतम अर्हता अंक सामान्य वर्ग के लिए 45 और आरक्षित वर्ग के लिए 40 फीसदी अंक रखे जाने के निर्देश सरकार को दिए गए थे। उधर बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि जल्द ही सरकार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर लेगी और स्कूलों में शिक्षक पठन-पाठन का काम शुरू करेंगे।
आपको बता दें कि प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में 69 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए 5 दिसंबर 2018 को शासनादेश जारी कर ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की गई थी। छह जनवरी 2019 को 69 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी। इनमें 4,10,440 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी थी और 21 हजार 26 परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ दी थी।
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