रियल स्टेट कंपनी सुपरटेक के निदेशकों को हाईकोर्ट ने दिया झटका, 5 जून तक करना होगा सरेंडर
Prayagraj news, प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रियल स्टेट क्षेत्र की दिग्गज कंपनी सुपरटेक के निदेशकों की गिरफ्तारी पर लगी रोक हटा दी है। हाईकोर्ट ने कंपनी के निदेशकों को बड़ा झटका देते हुए सरेंडर करने को कहा है। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद यह साफ हो गया है कि अगर 5 जून तक कोर्ट में सरेंडर की प्रक्रिया नहीं अपनाई गई तो पुलिस इनकी गिरफ्तारी करेगी। गौरतलब है कि सीजीएम कोर्ट ने पिछले साल कंपनी से जुड़े आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। लेकिन, गिरफ्तारी से पहले ही आरोपी इलाहाबाद हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गए और गिरफ्तारी पर रोक की मांग की थी। जिसपर हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी, जिसे अब हटा दिया गया है। यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह ने दिया है।
क्या
है
मामला
रियल
स्टेट
कंपनी
सुपरटेक
ने
गाजियाबाद
में
अपने
बड़े
प्रोजेक्ट
के
तहत
व्यावसायिक
कॉम्प्लेक्स
बनाया
था
और
बुकिंग
व
बिक्री
की
थी।
2016
में
इस
कॉम्प्लेक्स
की
एक
दुकान
को
वैशाली
की
रहने
वाली
सोनम
रूंगटा
ने
भी
15
लाख
70
हजार
रूपये
में
खारीदा
था।
हालांकि
बाद
में
यह
व्यावसायिक
कॉम्प्लेक्स
उस
वक्त
विवादों
में
आ
गया
जब
गाजियाबाद
डेवलपमेंट
अथॉरिटी
ने
इस
व्यावसायिक
कॉम्प्लेक्स
को
अवैध
घोषित
कर
दिया।
दरअसल
यह
पूरा
निर्माण
ग्रीन
बेल्ट
पर
हुआ
था,
जिसके
कारण
इस
अवैध
करार
करने
के
बाद
ध्वस्तीकरण
की
भी
कार्रवाई
शुरू
हो
गई
और
जीडीए
ने
इसे
ध्वस्त
कर
दिया
था।
सहमति
से
नहीं
सुलझा
मामला
दुकान
हाथ
से
जाने
के
बाद
दुकान
की
खीरदार
रूंगटा
ने
सुपरटेक
के
पदाधिकारियों
से
पौने
अठारह
लाख
रुपये
मांगे
तो
विवाद
में
फंसने
के
डर
के
चलते
कंपनी
ने
पैसे
देने
पर
सहमति
भी
दे
दी।
हालांकि
बाद
में
कंपनी
अपने
वादे
से
मुकर
गई
और
सोनम
को
पैसे
नहीं
दिये
गये।
जिस
पर
सोनम
ने
इंदिरापुरम
थाने
में
कंपनी
के
पदाधिकारियों
के
विरुद्ध
मुकदमा
दर्ज
उनके
खिलाफ
मुकदमा
दर्ज
कराया।
इसमें
सुपरटेक
के
चैयरमेन
आरके
अरोड़ा,
ज्वाइंट
मैनेजिंग
डायरेक्टर
संगीता
अरोड़ा,
एमडी
मोहित
अरोड़ा
और
निदेशक
जीएल
खेड़ा
आदि
पर
धोखाधडी
समेत
अन्य
धाराओं
में
मुकदमा
दर्ज
किया
गया
था।
सीजीएम
कोर्ट
से
गैर
जमानतीय
वारंट
इस
मामले
में
पुलिस
ने
चार्जशीट
दाखिल
की
तो
मुकदमे
पर
सीजेएम
कोर्ट
में
सुनवाई
शुरू
हो
गई।
अदालत
ने
आरोपियों
को
हाजिर
होने
के
लिये
समन
जारी
किया
पर
कोई
भी
जब
अदालत
में
हाजिर
नहीं
हुआ
तो
इनके
विरुद्ध
गैर
जमानती
वारंट
जारी
किया
गया।
इसी
मुकदमे
में
आरोपियों
पर
गिरफ्तारी
की
तलवार
लटकी
तो
गिरफ्तारी
से
बचने
के
लिये
सभी
हाईकोर्ट
पहुंच
गए।
जहां
हाईकोर्ट
ने
सभी
को
बड़ी
राहत
देते
हुए
इनकी
गिरफ्तारी
पर
रोक
लगा
दी।
हालांकि
अब
इनकी
गिरफ़्तारी
पर
रोक
लगाने
का
आदेश
हाईकोर्ट
ने
समाप्त
कर
दिया
है
और
साथ
ही
चेयरमैन
समेत
चार
लोगों
को
5
जून
तक
सीजीएम
कोर्ट
में
पेश
होने
के
आदेश
दिया
है।