मेनका गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले चंद्रभद्र सिंह के खिलाफ SC/ST एक्ट के तहत मामला दर्ज, जेल भेजे गए
प्रयागराज। सुल्तानपुर से मेनका गांधी के खिलाफ चुनाव लड़े पूर्व बसपा विधायक चंद्रभद्र सिंह उर्फ सोनू सिंह जेल भेज दिए गए हैं। एससी-एसटी के मुकदमे में उन्होंने स्पेशल कोर्ट प्रयागराज में सरेंडर किया था, जहां उनकी जमानत याचिका कोर्ट ने स्वीकार नहीं किया। एमपी-एलएलए स्पेशल कोर्ट ने उन्हें उनके भाई यशभद्र के साथ नैनी जेल भेजा है। दोनों भाइयों पर मुकदमा जिला पंचायत अध्यक्ष ऊषा सिंह ने दर्ज कराया था। जिसमें मारपीट और जानलेवा हमले के साथ एसटी एसटी एक्ट की भी धाराएं लगी हुई थी। मुकदमे की सुनवाई स्पेशल जज एमपी एमएलए कोर्ट पीके तिवारी कर रहे हैं।
क्या
है
मामला
सुल्तानपुर
में
अपने
राजनैतिक
रसूख
के
लिये
जाने
जाने
वाले
पूर्व
विधायक
सोनू
सिंह
और
उनके
भाई
मोनू
सिंह
पर
2016
में
ब्लाक
प्रमुख
चुनाव
के
दौरान
मुकदमा
दर्ज
हुआ
था।
इन
दोनों
पर
जिला
पंचायत
अध्यक्ष
ऊषा
सिंह
ने
मुकदमा
दर्ज
कराते
हुये
आरोप
लगाया
था
कि
5
फरवरी
2016
को
इन
दोनों
ने
अपने
साथियों
के
साथ
उनसे
व
समर्थकों
से
मारपीट
की
थी।
इस
दौरान
गोली
चलाई
गयी,
जिसमें
सिराज
नाम
के
एक
युवक
को
गोली
भी
लगी
थी।
जबकि
जाति
सूचक
गालियां
देकर
धमकी
दी
गयी
थी।
मुकदमे
के
अनुसार
उषा
सिंह
ब्लॉक
प्रमुख
चुनाव
के
लिए
समाजवादी
पार्टी
की
प्रत्याशी
नीलम
कोरी
का
नामांकन
कराने
गई
थी
और
इसी
दौरान
यह
बवाल
हुआ
था।
नहीं
हो
रहे
थे
हाजिर
सोनू
सिंह
व
उनके
भाई
पर
एससीएसटी
एक्ट
और
अन्य
गंभीर
धाराओं
में
दर्ज
हुए
मुकदमे
की
सुनवाई
जब
स्पेशल
कोर्ट
में
शुरू
हुई
तो
दोनों
को
हाजिर
होने
के
लिये
कई
बार
सम्मन
और
वारंट
जारी
किया
गया।
लेकिन,
अदालत
में
वह
हाजिर
नहीं
हुये।
जिस
पर
इन
दोनों
के
विरूद्ध
गैर
जमानतीय
वारंट
जारी
किया
गया
था
और
उसके
बाद
सोनू
सिंह
ने
भाई
के
साथ
कोर्ट
में
सरेंडर
किया।
स्पेशल
कोर्ट
ने
दोनों
के
सरेंडर
करने
पर
सख्ती
दिखाई
और
कोर्ट
का
समय
बर्बाद
करने
पर
जमानत
अर्जी
स्वीकार
नहीं
की
और
जेल
भेजने
का
आदेश
दिया।
जिसके
कारण
दोनों
को
नैनी
सेंट्रल
जेल
ले
जाया
गया।
हालांकि
कोर्ट
में
उनकी
ओर
से
दलील
दी
गयी
कि
बीमारी
के
कारण
दोनों
समय
से
उपस्थित
नहीं
हो
सके
और
हाईकोर्ट
ने
उन्हें
45
दिन
का
समय
सरेंडर
करने
के
लिये
दिया
था।
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