बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले से चर्चा में आये BJP के पूर्व विधायक पवन पाण्डेय भेजे गये जेल
प्रयागराज। 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के दौरान राम मंदिर आंदोलन से जुड़े भाजपा के दिग्गज नेता पवन पाण्डेय को हत्याभियुक्तों को संरक्षण देने के मामले में जेल भेज दिया गया है। इन पर यह मुकदमा 24 साल पहले दर्ज हुआ था। प्रयागराज की सांसद विधायक स्पेशल कोर्ट ने इसी मामले में गैर जमानतीय वारंट समेत कुर्की की नोटिस भी जारी किया था, जिसके बाद पवन पाण्डेय ने स्पेशल कोर्ट में खुद को सरेंडर किया। स्पेशल कोर्ट में पवन पांडेय की ओर से जमानत के लिये अर्जी भी दी गयी थी, लेकिन लगातार अदालत के आदेश की अवहेलना करने से नाराज स्पेशल कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी अस्वीकार कर दिया। जिसके बाद उन्हें न्यायिक अभिरक्षा से ही नैनी सेंट्रल जेल भेज दिया गया है।
क्या
है
मामला
प्रयागराज
की
सांसद
विधायक
स्पेशल
कोर्ट
में
चल
रहे
मुकदमे
के
अनुसार
अंबेडकर
नगर
के
पूर्व
विधायक
पवन
कुमार
पांडेय
पर
24
साल
पहले
लखनऊ
के
हजरतगंज
थाने
में
दर्ज
मुकदमा
दर्ज
हुआ
था।
उन
पर
आरोप
था
कि
उन्होंने
लक्ष्मी
शंकर
की
मौत
के
आरोपितों
को
बचाने
के
लिये
उन्हें
अपने
पास
छिपाया
था
और
उस
दौरान
वह
शिवसेना
के
बड़े
नेता
था
और
अपनी
हनक
पर
आरोपियों
को
शिवसेना
कार्यालय
अकबरपुर
में
छिपा
कर
पनाह
दी
थी।
पुलिस
वहां
से
किसी
को
भी
गिरफ्तार
नहीं
कर
सकी
तो
इस
मामले
में
29
अक्टूबर
1995
के
लखनऊ
के
हजरतगंज
थाने
में
विजय
कुमार
यादव
ने
पवन
पांडेय
पर
रिपोर्ट
दर्ज
करायी
थी।
गौरतलब
है
कि
बीएसपी
शासनकाल
के
दौरान
मंत्री
रहे
अंगद
यादव
के
निर्माणाधीन
मकान
के
दौरान
रास्ता
का
विवाद
हो
गया
था।
आरोप
है
कि
इस
दौरान
अंगद
यादव
के
साथ
आये
असलहाधारियों
ने
फायरिंग
की
जिसमें
लक्ष्मी
शंकर
यादव
की
मौत
हो
गयी
थी।
इस
मामले
में
अंगद
आदि
को
पनाह
देने
के
मामले
में
पूर्व
विधायक
पवन
कुमार
पांडेय
पर
मुकदमा
लिखा
गया
था।
पवन
पांडेय
के
खिलाफ
धारा
216
के
आरोप
में
रिपोर्ट
दर्ज
की
गई।
स्पेशल
कोर्ट
में
आया
मुकदमा
पुलिस
ने
इस
मुकदमे
की
चार्जसीट
दाखिल
की
तो
लखनऊ
कोर्ट
में
मुकदमें
की
सुनवाई
शुरू
हुई।
वर्ष
2001
में
पवन
पाडेंय
के
विरूद्ध
अदालत
ने
गैर
जमानतीय
वारंट
जारी
किया,
लेकिन
वह
हाजिर
नहीं
हुये
और
पिछले
17
साल
से
एक
बार
भी
पवन
पांडेय
ने
जमानत
नहीं
करायी।
इन
दिनों
यह
मुकदमा
स्पेशल
कोर्ट
पहुंचा
और
सुनवाई
शुरू
हुई
तो
पवन
पाडेंय
ने
पूर्व
का
रवैया
ही
इस
अदालत
के
प्रति
भी
अख्तियार
किया।
जिस
पर
स्पेशल
कोर्ट
ने
गैर
जमानतीय
वारंट
के
साथ
कुर्की
की
नोटिस
जारी
की
थी।
जिस
पर
मंगलवार
को
पवन
पांडेय
ने
खुद
को
कोर्ट
में
सरेंडर
किया।
कोर्ट
की
न्यायिक
अभिरक्षा
में
लगभग
ढाई
घंटे
रहने
के
बाद
पाडेंय
की
जामनत
याचिका
पर
सुनवाई
हुई।
लेकिन,
अदालत
ने
पाडेंय
के
कोर्ट
के
प्रति
खराब
रूख
व
रिकार्ड
को
देखते
हुये
जमानत
देने
से
इन्कार
दिया
और
उन्हे
जेल
भेज
दिया
है।
मुकदमे
पर
सुनवाई
विशेष
न्यायाधीश
पवन
कुमार
तिवारी
ने
की
है।