UPPSC: परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार की जमानत याचिका खारिज, जेल में ही रहेंगी कुछ दिन
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की निलंबित परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। जेल में बंद अंजू कटियार की जमानत के लिए दाखिल याचिका पर अदालत ने उन्हें किसी भी तरह की राहत देने से इनकार कर दिया है। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत अंजू की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है, जिससे यह साफ हो गया है कि वह अगले कुछ दिन अभी जेल में ही गुजारेंगी। हालांकि, अंजू के पास उच्च अदालतों में जाने का रास्ता भी खुला है और संभावना है कि अंजू हाईकोर्ट में अपनी जमानत के लिये याचिका दाखिल कर सकती हैं।
पेपर लीक मामले गिरफ्तार हुईं थी अंजू कटियार
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग द्वारा आयोजित एलटी ग्रेड टीचर भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले परीक्षा नियंत्रक रही अंजू कटियार को प्रयागराज मुख्यालय से गिरफ्तार किया गया है और उन्हें वाराणसी की भ्रष्टाचार रोधी विशेष अदालत में पेशी के बाद न्यायिक अभिरक्षा में रखते हुये जेल भेज दिया गया है। बता दें कि विशेष न्यायाधीश ने अंजू को पूर्व में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था। इस मामले पर सुनवाई विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) रामचंद्र कर रहे हैं।
गैंग का एक सदस्या बन गया सरकारी गवाह
एसटीएफ के अनुसार, आयोग की परीक्षाओं के पेपर लीक करने व धांधली कर लोगों को नौकरी दिलाने के लिए एक बहुत बड़े गैंग के सक्रिय होने की पूरी कड़िया लगभग जुड़ गई है। इस गैंग के सक्रिय सदस्य रहे अशोक देव चौधरी की गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ ने उसे सरकारी गवाह बना लिया है और पूरे खुलासे व सुबूतों को जुटने में चौधरी ही मुख्य कड़ी बना हुआ है। फिलहाल चौधरी के सरकारी गवाह बन जाने के कारण परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार की मुश्किल और बढ़ गई है। फिलहाल, अब एसटीएफ इस बड़े व हाईप्रोफाइल गैंग के हर एक सदस्य तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। संभावना है कि जल्द ही कुछ और गिरफ्तारियां की जाएंगी। इस मामले में एसटीएफ की एक टीम को कोलकाता भी भेजा गया है, जो पेपर छापने वाले प्रिंटिंग प्रेस, हाईकोर्ट में दाखिल याचिका समेत अन्य जगह से मिलने वाली जानकारी व साक्ष्य जुटा रही है।
गैंग का मास्टर माइंड भी है हिरासत में
लोकसेवा आयोग में भ्रष्टाचार की तह खोलने में जुटी एसटीएफ के हाथ सबसे बड़ी उपलब्धि एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक करने वाले गिरोह के सरगना की गिरफ्तारी है, जिसे 27 मई की रात चोलापुर से गिरफ्तार किया गया था। कौशिक कुमार नाम का यह मास्टर माइंड ही इस पूरे गिरोह को चला रहा था। दरअसल कौशिक ही कोलकाता के उस प्रिंटिंग प्रेस का मालिक है, जहां एलटी ग्रेड परीक्षा का पेपर छपा था। इतना ही नहीं कयी अन्य परीक्षाओं के पेपर भी इसी जगह से छपे हैं। पूर्व में शिकायत के बाद इस प्रेस पर शिकंजा कसने वाला था और गोपनीयता भंग आदि करने के मामले में कार्रवाई भी होती। लेकिन परीक्षा नियंत्रक अंजू की विशेष कृपा प्राप्त कौशिक को दागी होने के बावजूद न सिर्फ काम मिलता रहा, बल्कि वह नौकरी देने के लिये एक पूरा नेटवर्क चलाता रहा। अब एसटीएफ इसी पूरे मामले की कड़ियां जोड़कर बड़े खुलासे की ओर बढ़ रही है।
आयोग से नहीं मिल रहा सहयोग
आयोग में भ्रष्टाचार की परत खोलने में जुटी एसटीएफ के सामने इस समय सबसे बड़ी समस्या लोकसेवा आयोग द्वारा पूर्व सहयोग न मिलना है। स्वयत्ता के नाम पर एसटीएफ को सहयोग नहीं दिया जा रहा है। जिससे जांच उस गति से नहीं बढ़ पा रही है, जिस गति से उम्मीद की जा रही थी। इस मामले की विवेचना कर रहे सीओ अनिल राय ने बताया कि सरगना कौशिक के खास रंजीत की लोकेशन झारखंड में है, उसकी घेराबंदी का प्रयास किया जा रहा है। सबसे ज्यादा जानकारियां उसके पास मौजूद हैं। वहां से काफी कुछ सुबूत मिलने की संभावना है। अनिल राय ने आयोग द्वारा सहयोग न मिल पाने का भी जिक्र किया और बताया कि प्रयागराज स्थित लोकसेवा आयोग से दो दिवस में मांगी गई थी, लेकिन 6 दिन बीत जाने के बाद भी जानकारी नहीं दी गयी है।
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