UPPSE: परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार की मुश्किल बढ़ी, कोर्ट ने बढ़ाई 14 दिन की न्यायिक हिरासत
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की निलंबित परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। जेल में बंद अंजू कटियार की जमानत याचिका खारिज होने के बाद अब उन्हें दुबारा न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है। बता दें कि पुलिस ने उन्हें विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) की अदालत में पेश किया था। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए अंजू कटियार की 14 दिन की न्यायिक हिरासत और बढ़ा दी। इस दौरान अंजू को जिला कारागार भेज दिया गया।
अदालत
से
पुलिस
ने
मांगा
है
सर्च
वारंट
एलटी
ग्रेड
टीचर
भर्ती
परीक्षा
के
पेपर
लीक
मामले
परीक्षा
नियंत्रक
रही
अंजू
कटियार
के
प्रयागराज
स्थित
कार्यालय
की
तलाशी
के
लिए
एसटीएफ
ने
पूरा
जोर
लगा
दिया
है
और
अदालत
में
प्रार्थना
पत्र
देकर
सर्च
वारंट
मांगा
है।
सर्च
वारंट
के
लिये
दलील
दी
गयी
है
कि
आयोग
की
ओर
से
कोई
सहयोग
नहीं
मिल
रहा
है
और
धांधली
से
संबंधित
अहम
दस्तावेज
नष्ट
किए
जा
सकते
हैं।
हालांकि
विशेष
न्यायधीश
रामचंद्र
के
अवकाश
पर
चले
जाने
के
कारण
एसटीएफ
की
इस
अर्जी
पर
अभी
कोई
सुनवाई
नहीं
हो
सकी
है।
हालांकि
इसकी
पूरी
संभावना
है
कि
एसटीएफ
को
सर्च
वारंट
दिया
जायेगा,
लेकिन
सवाल
यह
है
कि
क्या
तब
तक
सबूत
कार्यालय
में
रह
पायेगा।
फिलहाल
मामले
को
लेकर
इस
वक्त
छात्रों
से
लेकर
सरकार
और
आयोग
के
बीच
तनातनी
का
माहौल
बना
हुआ
है।
यहां
है
पेंच
एसटीएफ
के
अनुसार
जेल
में
पूछताछ
के
बाद
अंजू
कटियार
ने
बताया
है
कि
सेफ
कस्टडी
लॉकर
और
कार्यालय
की
चाभी
उनके
पास
नहीं
है।
चाभी
को
उन्होंने
पति
अखिलेश
वर्मा
के
माध्यम
से
सीलबंद
लिफाफे
में
आयोग
के
सचिव
को
भेज
दिया
है।
एसटीएफ
को
अब
यही
बात
खटक
रही
है
और
यही
पेंच
अब
जांच
में
मुश्किल
भी
ला
सकता
है।
चूंकि
एसटीएफ
ने
यह
पहले
ही
आशंका
जता
दी
है
कि
सेफ
कस्टडी
लाकर
और
कार्यालय
में
रखे
कागजातों
में
हेरफेर
होगी,
साथ
ही
ऐसे
कागजों
को
नष्ट
भी
किया
जा
सकता
है,
जिससे
एसटीएफ
इस
मामले
की
तह
तक
जा
सकती
है।
फिलहाल
अब
एसटीएफ
का
पूरा
ध्यान
सर्च
वारंट
पाने
पर
है
और
विशेष
न्यायधीश
के
वापस
आने
पर
सर्च
वारंट
मिलने
की
संभावना
है।
क्या
है
मामला
उत्तर
प्रदेश
लोक
सेवा
आयोग
की
परीक्षा
नियंत्रक
अंजू
कटियार
को
प्रयागराज
स्थित
मुख्यालय
से
एसटीएफ
ने
एलटी
ग्रेड
परीक्षा
पेपर
लीक
मामले
में
गिरफ्तार
किया
था।
उनके
खिलाफ
पेपर
लीक
करने
वाले
गैंग
के
सरगना
व
प्रिंटिंग
प्रेस
के
संचालक
ने
बयान
दिया
और
दस
लाख
देने
की
बात
कही
है।
इसी
मामले
में
लगभग
10
घंटे
तक
अंजू
से
एसटीएफ
ने
कडी
पूछताछ
की
और
सवालों
का
जवाब
न
दे
पाने
पर
मोबाइल
फोन
व
लैपटॉप
आदि
जब्त
कर
लिया
था।
मोबाइल
व
लैपटाप
में
अंजू
की
संलिप्तता
पेपर
लीक
कांड
से
जुडी
हुई
पाई
गयी
है,
जिसके
कारण
उन्हे
गिरफ्तार
कर
वाराणसी
की
भ्रष्टाचार
निवारण
कोर्ट
में
पेश
किया
गया
था।
जहां
से
उन्हें
न्यायिक
हिरासत
में
जिला
कारागार
भेज
दिया
गया
है।
इसमें
एसटीएफ
ने
दावा
किया
है
कि
उनके
पास
अंजूलता
कटियार
और
कौशिक
कुमार
की
मिलीभगत
के
साक्ष्य
हैं।
इसी
मामले
में
अंजू
लता
को
सस्पेंड
कर
दिया
गया
है।
ये भी पढ़ें:- कुशीनगर: नाबालिग गैंगरेप पीड़िता के इलाज में लापरवाही, हालत बिगड़ी