UPPSC विवाद पर बोले सीएम योगी 'समाजवादी सरकार के पाप के पचड़े को साफ करने के लिए सफाई अभियान चल रहा है'
Prayagraj news, प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की भर्तियों में धांधली और पेपर लीक के मामले के उजागर होने के बाद पूरे सूबे में हड़कंप मचा हुआ है। आयोग की परीक्षा नियंत्रक की गिरफ्तारी के बाद प्रयागराज शहर पिछले तीनों दिनों से छात्रों के आक्रोश से सुलग रहा है और पुलिस लगातार गिरफ्तारियां कर माहौल को शांत कराने में जुटी हुई है। इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परीक्षा नियंत्रक अंजूलता कटियार की गिरफ्तारी पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कानूनी कार्रवाई द्वारा समाजवादी सरकार के पाप के पचड़े को साफ करने के लिए सफाई अभियान चल रहा है। जो भी हमारे युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने की कुत्सित चेष्टा करेगा, जो भी दोषी होगा, कितना ही बड़ा क्यों न हो इन सबकी जगह जेल होगी। यह पूरे प्रदेश की जनता को मैं आश्वस्त करता हूं।
सपा पर हमलावर हुई योगी सरकार
यूपी पीएससी में धांधली का ठीकरा योगी सरकार की ओर से सपा के कार्यकाल पर ही फोड़ा जा रहा है। पहले सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने इस पूरे प्रकरण की असल वजह सपा को बताते हुए हमला बोला और अब सीएम योगी ने भी धांधली और पेपर लीक का पूरा हिस्सा सपा के माथे कर दिया है। दरअसल, अंजू लता की तैनाती भी सपा सरकार के दौरान हुई है, जबकि आयोग के अध्यक्ष अनिरूद्ध यादव भी सपा के कार्यकाल में ही तैनात हुए हैं। अनिरूद्ध को तो योगी सरकार ने आते ही हटाने का प्रयास किया था, लेकिन मामला इस तरह से राजनैतिक हुआ और कोर्ट तक पहुंचा कि अनिरूद्ध को चाहते हुए भी योगी सरकार नहीं हटा सकी थी। चूंकि उत्तर प्रदेश लोकसेवा अयोग एक सांविधानिक संस्था है और इसकी स्वायत्ता को देखते हुए इसे काफी छूट मिल जाती है।
क्या बोले सीएम योगी
सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने आधिकारिक ट्वीटर एकाउंट पर यूपीपीएससी में मचे बवाल पर अपनी ओर से बयान जारी किया है। ट्वीटर पर उनके दो अलग अलग पोस्ट जारी किये गये है। जिसमें एक में वह सपा सरकार पर हमला बोलते हुये नजर आ रहे हैं। जबकि दूसरे वह यूपी के सभी आयोगों के अध्यक्षों पर सख्ती करते हुये दिखायी पड़ रहे हैं। सीएम योगी ने कहा है कि प्रदेश में माध्यमिक, उच्च, प्राविधिक शिक्षा की या कोई भी प्रतियोगी परीक्षा हो, पारदर्शिता और पूरी ईमानदारी दिखनी चाहिए। मैंने सभी आयोगों के अध्यक्षों को बुलाकर स्पष्ट किया है कि यह उनकी जिम्मेदारी है कि प्रदेश के किसी भी युवा को नियुक्तियों में धांधली के चलते परेशान न होना पड़े। वहीं, अंजू लता कि गिरफ्तारी मामले में सीएम ने कहा कि कानूनी कार्रवाई द्वारा समाजवादी सरकार के पाप के पचड़े को साफ करने के लिए सफाई अभियान चल रहा है। जो भी हमारे युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने की कुत्सित चेष्टा करेगा, जो भी दोषी होगा,कितना ही बड़ा क्यों न हो इन सबकी जगह जेल होगी। यह पूरे प्रदेश की जनता को मैं आश्वस्त करता हूँ।
पीसीएस अफसरों ने बढ़ाई चिंता
उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग के बाहर छात्रों का प्रदर्शन इस समय पूरे देश में गूंज रहा है और फल फूल रहे भ्रष्टाचार पर सरकार की भी किरकिरी हो रही है, लेकिन इन सबके बीच सरकार के लिए सबसे बड़ी समस्या पीसीएस अफसरों की नाराजगी व लामबंदी है। यूपीपीएससी का भी पूरा स्टाफ विरोध में उतर आया है और अब सरकार से टकराहट की स्थिति उत्पन्न हो रही है। केवल आरोप के बिनाह पर परीक्षा नियंत्रक की गिरफ्तारी को प्राकृतिक न्याय और विधि की प्रक्रिया के विरूद्ध कार्रवाई से जोड़कर इसे संस्थान की गरिमा और प्रतिष्ठा से खिलवाड़ बताया गया है। अफसरों की मांग है कि इसे पूरे प्रकरण की विधिक जांच हो साथ ही अंजू से पूछताछ यूपीपीएससी परिसर में ही की जाए और तब तक आयोग के अन्य कार्य भी ठप कर दिए जाएं।
क्या है मामला
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार को प्रयागराज स्थित मुख्यालय से एसटीएफ ने एलटी ग्रेड परीक्षा पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया है। उनके खिलाफ पेपर लीक करने वाले गैंग के सरगना व प्रिंटिंग प्रेस के संचालक ने बयान दिया और दस लाख देने की बात कही है। इसी मामले में लगभग 10 घंटे तक अंजू से एसटीएफ ने कड़ी पूछताछ की और सवालों का जवाब न दे पाने पर मोबाइल फोन व लैपटॉप आदि जब्त कर लिया है। मोबाइल व लैपटॉप में अंजू की संलिप्तता पेपर लीक कांड से जुडी हुई पाई गई है, जिसके कारण उन्हें गिरफ्तार कर वाराणसी की भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट में पेश किया गया था, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जिला कारागार भेज दिया गया है।
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