अवैध रूप से भारत घुस आया चीनी नागरिक, इस शर्त पर मिली जमानत
Prayagraj news, प्रयागराज। फर्जी दस्तावेज के सहारे, फर्जी नाम से भारत में दाखिल हुए एक चीनी नागरिक का मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचने के बाद उसे जमानत पर रिहाई का आदेश दिया गया है। हालांकि जमानत उसे सशर्त मिली है और मामले में सुरक्षा एजेंसियां जांच भी कर रही हैं। दरअसल बिना पासपोर्ट वीजा के नेपाल के रास्ते अवैध रूप भारत से घुसे चीनी नागरिक को महाराजगंज जिले में पिछले साल 9 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। जांच में पता चला कि वह चीन का नागरिक है और उसका नाम ली जिकुन है।
हालांकि वह अपना पासपोर्ट और वीजा नहीं दिखा पाया और उसे खो जाने की दलील देता रहा। बाद में जांच के दौरान पता चला उसने फर्जी नाम से बैंक खाता व पैन कार्ड भी बनवा लिया है। जिसमें उसका नाम स्टीवन जेना है। मामले में गिरफ्तारी के बाद चीनी नागरिक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। जेल से रिहाई के लिये जमानत की कोशिश में जुटे चीनी नागरिक ने हाईकोर्ट की शरण ली, जहां से उसे बड़ी राहत देते हुए उच्चतम न्यायालय ने कड़ी शर्तों के साथ जमानत दे दी है। चीनी नागरिक की जमानत याचिका पर न्यायमूर्ति रामकृष्ण गौतम ने सुनवाई की।
क्या
है
मामला
हाईकोर्ट
में
दाखिल
जमानत
याचिका
के
अनुसार
चीनी
नागरिक
ली
जिकुन
2008
में
भारत
पढ़ाई
करने
के
लिए
आया
था
और
फॉरेन
लैंग्वेज
में
डिप्लोमा
करने
के
बाद
वह
2011
से
भारत
में
ही
नौकरी
कर
रहा
था।
अपनी
गिरफ्तारी
से
पहले
वह
चेन्नई
में
बतौर
चाइनीज
भाषा
अनुवादक
का
कार्य
कर
रहा
था।
जांच
में
पता
चला
कि
उसके
पास
ना
तो
पासपोर्ट
है
और
ना
वीजा।
पूछताछ
में
ली
जिकुन
ने
बताया
कि
उसका
पासपोर्ट
और
वीजा
2017
में
खो
गया
।
जिसके
बाद
उसने
अपने
दोस्त
सैयद
इमरान
की
मदद
से
एक
नये
नाम
स्टीवन
जेना
पर
पैन
कार्ड
बनवाया
और
फिर
इसी
नाम
पर
बैंक
एकाउंट
भी
खुलवा
लिया।
मौजूदा
समय
में
भी
आईडीबीआई
बैंक
में
स्टीवन
जेना
के
नाम
से
चीनी
नागरिक
का
खाता
है।
जांच
में
पता
चला
कि
चीनी
नागरिक
नेपात
के
रास्ते
इस
बीच
चीन
भी
गया
और
जब
वह
वापस
नेपाल
की
ओर
भारत
आ
रहा
था
तब
उसे
9
जुलाई
2018
को
सोनौली
महाराजगंज
में
शक
के
बिनाह
पर
गिरफ्तार
कर
लिया
गया।
पुलिस
हिरासत
में
आने
के
बाद
ना
तो
वह
वीजा
दिखा
सका
और
ना
ही
पासपोर्ट।
जिसके
बाद
उसे
जेल
भेज
दिया
गया।
जमानत
के
लिये
अब
इलाहाबाद
हाईकोर्ट
में
याचिका
दाखिल
हुई
तो
हाईकोर्ट
को
बताया
गया
कि
याची
को
20
अक्टूबर
2008
को
पासपोर्ट
वीजा
मिला
था
जो
19
अक्टूबर
18
तक
वैध
था।
लेकिन
वीजा
पासपोर्ट
खो
जाने
के
कारण
इसकी
अवधि
बढ़ाई
नहीं
जा
सकी।
सशर्त
जमानत
चीनी
नागरिक
के
अधिवक्ता
संत
शरण
उपाध्याय
और
साधना
उपाध्याय
ने
बताया
कि
इलाहाबाद
हाईकोर्ट
ने
चीनी
नागरिक
को
सशर्त
जमानत
दे
दी
है।
हाईकोर्ट
ने
कहा
है
कि
चीनी
नागरिक
को
तभी
रिहा
किया
जाये
जब
उसे
पासपोर्ट
और
वीजा
मिल
जाये।
इसके
लिये
अब
जिला
विधिक
सेवा
प्राधिकरण
की
ओर
से
चीनी
नागरिक
के
पासपोर्ट
और
वीजा
बढ़ाने
की
अर्जी
दी
जायेगी
और
दोनों
कागजात
मिलने
के
बाद
उसे
सीजेएम
महाराजगंज
की
कोर्ट
में
जमा
किया
जायेगा।
इसके
बाद
जमानतीय
कार्रवाई
पूरी
होगी
और
चीनी
नागरिक
को
रिहा
किया
जायेगा।
हालांकि
हाईकोर्ट
ने
चीनी
नागरिक
को
सख्त
हिदायत
दी
है
कि
इस
दौरान
वह
किसी
दूसरे
अपराध
या
साक्ष्यों
से
छेड़छाड़
नहीं
करेगा
और
ना
ही
बिना
कोर्ट
की
पूर्व
अनुमति
वह
क्षेत्राधिकार
से
बाहर
जाएगा।
कोर्ट
ने
चेतावनी
दी
है
कि
अगर
उसे
गवाहों
पर
दबाब
डालने
या
कोर्ट
में
बुलाये
जाने
पर
उपस्थिति
न
होने
पर
उसकी
जमानत
निरस्त
कर
दी
जाएगी।
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