सीबीआई ने बाहुबली अतीक अहमद के बेटे उमर समेत 13 पर दर्ज की FIR, रडार पर सारे ठिकाने
इलाहाबाद/प्रयागराज। बाहुबली अतीक अहमद पर लगातार शिकंजा कस रही सीबीआई ने अब अतीक अहमद के बेटे उमर अहमद पर भी एफआईआर दर्ज की है। प्रयागराज में अतीक अहमद के 4 ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी के बाद ही इतना तो तय हो गया था कि सीबीआई अब इस मामले में गड़े मुर्दे भी उखाड़ लेगी और वहीं क्रम अब सीबीआई ने शुरू भी कर दिया है। पुलिस ने अतीक अहमद के बेटे उमर अहमद समेत चार लोगों का नाम चार्जशीट से निकाल दिया था, पर सीबीआई ने उमर समेत सभी चारों नामों को न सिर्फ शामिल किया बल्कि अब एफआईआर में एक और नाम को भी जोड़ा है।
बेटे उमर अहमद के खिलाफ FIR
फिलहाल उमर अहमद की गिरफ्तारी के लिए अब सीबीआई ने अतीक के हर ठिकानों को अपने रडार रखा है। उमर की तलाश की जा रही है, लेकिन अभी तक उसका कोई सुराग नहीं मिला है। बता दें कि मोहित जायसवाल अपहरण केस के मामले में सीबीआई सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस मामले की तहकीकात कर रही है और अब तक 10 लोगों को इस मामले में सीबीआई ने न्यायिक हिरासत में ले रखा है।
पुलिस ने किया था खेल, अब CBI ने जोड़े नाम
सीबीआई जांच में पता चला है कि पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के बाद जब विवेचना शुरू की तो अतीक के प्रभाव के चलते जांच के दौरान अतीक के बेटे उमर अहमद समेत उसके चार करीबियों का नाम हटा दिया गया था। पुलिस ने कुल 8 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। सीबीआई जांच के दौरान पुलिस का यह खेल जब सामने आया तो अब जांच अधिकारी भी सवालों के घेरे में हैं। फिलहाल सीबीआई ने पुरानी एफआईआर पर सभी नामों को तो शामिल कर लिया है, साथ ही एक और नाम जोड़कर कुल 13 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। सीबीआई अब गिरफ्तारी के लिए जाल बिछा रही है और संभावना है कि जल्द ही उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया जाएगा। सीबीआई का कहना है कि अभी इस मामले में कई और नाम भी शामिल होंगे।
क्या है मामला?
अतीक अहमद ने लखनऊ के मोहित जायसवाल का 26 दिसंबर को गुर्गों के जरिए अपहरण कराया और उसे उसे अपने वर्चस्व के तहत देवरिया जेल के अंदर बुलाया गया था। आरोप था कि मोहित की जेल के अंदर ही अतीक ने बेरहमी से पिटाई की थी और उसकी करोड़ों रुपये की प्रापर्टी जबरन अपने व करीबियों के नाम करा ली थी। इस घटना के बाद जब मोहित किसी तरह छूटकर लखनऊ पहुंचा तो उसके बाद यह मामला खुला। मीडिया में मामला आने के साथ पुलिसिया कार्रवाई शुरू हुई। मुकदमा दर्ज करने के बाद लीपापोती होने लगी तो मोहित ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल कर सीबीआई जांच की मांग की थी। जिस पर कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए सीबीआई को जांच का निर्देश दिया था। जिसके बाद सीबीआई ने पिछले एक महीने से देवरिया के सिंचाई विभाग के डाक बंगले को अपना ऑफिस बनाया हुआ था और जेल में बंदियों, .कैदियों, बंदीरक्षकों व जेल अधिकारियों के बयान दर्ज किए थे। अब इसी क्रम में सीबीआई ने सबूत जुटाने के लिये अतीक अहमद के घर व कार्यालय पर छापेमारी की है। फिलहाल अब अतीक की मुश्किल तो और बढेंगी ही और बेटा व परिवार पर भी लगातार सीबीआई का कानूनी का शिकंजा बढ़ेगा।