भाजपा विधायक अशोक सिंह चंदेल समेत 10 को आजीवन कारावास, 26 जनवरी 1997 को किया था सामूहिक हत्याकांड
प्रयागराज। हमीरपुर जिले के भाजपा विधायक अशोक सिंह चंदेल को 22 साल पुराने सामूहिक हत्याकांड मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोषी पाते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। इस मामले में कोर्ट ने विधायक समेत 10 लोगों को दोषी करार दिया है। साथ ही हाईकोर्ट ने सभी को पुलिस कस्टडी में लेने का आदेश दिया है।
क्या
है
मामला
उत्तर
प्रदेश
के
हमीरपुर
जिले
में
26
जनवरी
1997
को
दिनदहाड़े
पांच
लोगों
की
हत्या
कर
दी
गई
थी।
साथ
ही
पांच
अन्य
घायल
भी
हुए
थे।
इस
सनसनीखेज
हत्याकांड
ने
बुंदेलखंड
ही
नहीं
बल्कि
आसपास
के
जिलों
को
हिलाकर
रख
दिया
था।
हत्याकांड
में
विधायक
अशोक
चंदेल,
उनके
निजी
गनर
सहित
11
लोगों
को
नामजद
किया
गया
था।
मुकदमा
दर्ज
करने
के
बाद
पुलिस
ने
जांच
चार्जशीट
कोर्ट
में
दाखिल
कर
दी।
निचली
अदालत
में
सुनवाई
के
दौरान
सबूतों
के
अभाव
में
चंदेल
को
रिहा
कर
दिया
गया
था।
हालांकि
चंदेल
की
रिहाई
की
खबर
जैसे
ही
कोर्ट
से
बाहर
निकली,
पूरे
यूपी
में
फिर
से
आवाज
उठी
और
पीड़ित
पक्ष
की
शिकायत
पर
नयायिक
जांच
हुई।
जिसमें
चंदेल
को
बरी
करने
वाले
तत्कालीन
जजा
पर
भी
कार्रवाई
की
गयी
थी।
इसके
बाद
इस
मामले
में
आये
आदेश
के
खिलाफ
राज्य
सरकार
ने
हाईकोर्ट
में
अपील
की।
जबकि
पीड़ित
राजीव
शुक्ला
ने
भी
हाईकोर्ट
में
याचिका
दाखिल
की
थी।
राज्य
सरकार
व
राजीव
शुक्ला
की
संयुक्त
याचिका
पर
सुनवाई
पूर्व
में
ही
पूरी
कर
ली
गयी
थी
और
फैसला
सुरक्षित
रखा
गया
था।
जिसे
आज
जस्टिस
रमेश
सिन्हा
और
जस्टिस
डी
के
सिंह
की
खंडपीठ
ने
सुनाया
है।
लंबी
दुश्मनी
में
हुआ
था
प्रकरण
हमीरपुर
की
राजनीति
में
राजनैतिक
दबदबा
बनाने
के
दौरान
दो
गुटों
का
लंबे
समय
से
विवाद
रहा
था।
इनमें
जिले
से
सदर
विधायक
अशोक
सिंह
चंदेल
और
भाजपा
नेता
राजीव
शुक्ला
का
नाम
आये
दिन
सुर्खियों
में
रहा
करता
था।
लंबी
रंजिश
के
बाद
ही
26
जनवरी
1997
को
देर
शाम
भरे
बाजार
राजीव
शुक्ला
के
दो
सगे
भाइयों
और
भतीजों
समेत
पांच
लोगों
की
हत्या
हुई
थी।
इसमें
राजीव
शुक्ला
के
बड़े
भाई
राजेश
शुक्ला,
राकेश
शुक्ला,
राकेश
का
पुत्र
गणेश
के
अलावा
वेद
प्रकाश
नायक
और
श्रीकांत
पांडे
थे।
वेद
प्रकाश
और
श्रीकांत
इनके
निजी
सुरक्षाकर्मी
थे।
इस
सामूहिक
हत्याकांड
में
विधायक
अशोक
सिंह
चंदेल
के
निजी
गनर
समेत
12
नामजद
आरोपियों
के
खिलाफ
मुकदमा
दर्ज
हुआ
था।
मुकदमे
में
विधायक
समेत
11
लोगों
को
अपर
जिला
एवं
सत्र
न्यायाधीश
अश्विनी
कुमार
ने
बरी
कर
दिया
था।
लेकिन
22
साल
तक
चले
इस
मामले
में
हाईकोर्ट
ने
बडा
फैसला
सुनाया
और
सामूहिक
हत्याकांड
में
भाजपा
विधायक
अशोक
सिंह
चंदेल
को
आजीवन
कारावास
की
सजा
सुनाई।
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