गैंगस्टर मामले में बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की जमानत खारिज
प्रयागराज। मऊ के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की जमानत याचिका को स्पेशल कोर्ट (एमपीएमएलए) ने खारिज कर दी है और उन्हें जेल में ही रखने का आदेश दिया है। बता दें कि मुख्तार ने स्पेशल कोर्ट में द्वितीय जमानत अर्जी प्रस्तुत की थी। इससे पहले भी विधायक की गैंगस्टर में जमानत विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर एक्ट मऊ द्वारा आठ जुलाई 2016 को खारिज की जा चुकी है।
अदालत
में
क्या
दी
गई
दलील
पूर्व
विधायक
कृष्णानंद
राय
की
हत्या
के
मामले
में
दिल्ली
की
सीबीआई
कोर्ट
ने
पिछले
दिनों
मुख्तार
अंसारी
को
बरी
कर
दिया
था।
जिसके
बाद
मुख्तार
अंसारी
की
ओर
से
प्रयागराज
की
सांसद
विधायक
स्पेशल
कोर्ट
में
जमानत
याचिका
दाखिल
की
गई
थी।
जमानत
अर्जी
में
मुख्तार
अंसारी
की
ओर
से
बताया
गया
कि
उन
पर
गैंगस्टर
एक्ट
के
तहत
मुकदमा
दर्ज
किया
गया
है।
लेकिन,
इस
एक्ट
में
जितनी
सजा
का
प्रावधान
है
उतना
समय
वह
जेल
में
काट
चुके
हैं।
ऐसे
में
उसे
जमानत
पर
रिहा
किया
जाना
चाहिए।
हालांकि
सरकारी
वकील
की
ओर
से
बताया
गया
कि
मुख्तार
अंसारी
पर
गाजीपुर
के
मोहम्मदाबाद
थाने
में
मुकदमा
दर्ज
है
और
जिस
में
यह
पाया
गया
था
कि
वह
अवैध
गिरोह
चलाता
है
और
जेल
के
अंदर
से
ही
इस
गिरोह
का
संचालन
कर
रहा
है।
सरकारी
वकील
ने
मुख्तार
अंसारी
के
लंबे
आपराधिक
इतिहास
का
भी
जिक्र
किया।
अदालत
ने
आपराधिक
इतिहास
के
मद्देनजर
ही
मुख्तार
अंसारी
की
जमानत
याचिका
खारिज
कर
दी
है।
2009
से
जेल
में
अंसारी
बता
दें
कि
मुख्तार
अंसारी
2009
से
ही
जेल
में
बंद
है।
लेकिन,
उनका
राजनैतिक
रसूख
लगातार
बढ़ता
ही
जा
रहा
है।
आलम
यह
है
अंसारी
कि
1996
से
लगातार
विधानसभा
का
सदस्य
चुना
जा
रहा
है।
जिसका
क्रम
इस
बार
भी
जारी
रहा
है।
वहीं,
अंसारी
के
आपराधिक
मुकदमों
की
बात
करें,
तो
अब
तक
मुख्तार
अंसारी
पर
49
से
अधिक
मुकदमे
दर्ज
किए
जा
चुके
हैं।
फिलहाल
स्पेशल
कोर्ट
ने
लगातार
अपराध
करने
व
आपराधिक
प्रवृति
के
साथ
अपराधों
की
गंभीरता
देखते
हुए
जमानत
देने
से
इनकार
कर
दिया
है।
याचिका
पर
सुनवाई
स्पेशल
कोर्ट
के
जज
पवन
कुमार
तिवारी
ने
की
है।
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