अब कैसे होगा इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में छात्र परिषद का चुनाव, 70 पदों के लिए केवल 1 प्रत्याशी
इलाहाबाद / प्रयागराज । इलाहाबाद यूनिविर्सटी में छात्रसंघ को बैन करने व छात्रसंघ की जगह छात्र परिषद को लागू करने पर चुनाव कराने जा रही यूनिवर्सिटी को बड़ा झटका लगा है। छात्र राजनीति के मठाधीशों की धमकी व आंदोलन के बाद 70 पदों के सापेक्ष सिर्फ एक प्रत्याशी मैदान में है और उसके नाम पर भी आपत्ति दाखिल की है।
70 पदों के सापेक्ष कुल 17 लोगों ने नामांकन किया था, जिसमें 15 ने अपने नाम वापस ले लिये हैं, जबकि एक प्रत्याशी की पर्ची खो जाने के कारण वह नाम नहीं ले सका। हालांकि उसने चुनाव लड़ने से साफ इनकार कर दिया है। ऐसे में अब यूनिवर्सिटी प्रशासन के सामने चुनाव कराना मुश्किल होगा, क्योंकि सारी योजनाएं पूरी तरह से फ्लाफ हो गयी हैं।
चल
रहा
था
विरोध
बता
दें
कि
पिछले
तीन
महीने
से
छात्र
नेता
लगातार
छात्र
परषिद
लागू
किये
जाने
का
विरोध
कर
रहे
हैं।
शांतिपूर्ण
अनशन
व
विरोध
के
साथ
उग्र
घेराव,
प्रदर्शन,
पथराव,
तोड़फोड़
भी
हुआ
है।
पुलिस
ने
दर्जनों
की
संख्या
में
प्रदर्शनकारियों
को
जेल
भी
भेज
दिया।
लेकिन,
छात्र
नेताओं
के
खुल्लम
खुल्ला
विरोध
और
धमकियों
का
व्यापक
प्रभाव
अब
देखने
को
मिला।
छात्र परिषद के चुनाव में अब यूनिविर्सटी प्रशासन को चुनाव लडने के लिये प्रत्याशी नहीं मिल रहे हैं। आलम यह है कि लाख कोशिशों के बावजूद भी 70 पदों के सापेक्ष मात्र 17 लोगों ने नामांकन किया और अब उसमें भी मात्र एक प्रत्याशी मैदान में बचा हुआ है, जिसके चुनाव लड़ने पर भी संशय है।
प्रदर्शनकारियों
ने
मनाया
जश्न
इलाहाबाद
यूनिवर्सिटी
में
छात्रपरिषद
चुनाव
के
लिये
12
से
15
अक्टूबर
तक
70
कक्षा
प्रतिनिधि
पद
के
लिए
नामांकन
फार्म
की
बिक्री
शुरू
हुई
थी।
16
अक्टूबर
को
नामांकन
पत्र
दाखिल
करना
था,
जिसमें
कुल
17
उम्मीदवारों
ने
नामांकन
किया
था।
लेकिन
शुक्रवार
की
सुबह
जो
कुछ
भी
हुआ
वह
हैरान
करने
वाला
था।
जैसे ही छात्रसंघ भवन पर आपत्ति दर्ज कराने और नाम वापसी के लिए काउंटर खोला गया, अचानक से नामांकन वापसी का दौर शुरू हो गया। एक-एक कर 15 प्रत्याशियों ने नाम वापस ले लिया। इस बीच 16 वें प्रत्याशी की पर्ची खो जाने के कारण उसका नामांकन वापस नहीं हुआ। लेकिन उस पर आपत्ति दाखिल कर दी गयी है।
यूनिवर्सिटी के पास मात्र अब एक प्रत्याशी और इसे छात्र नेताओं ने अपनी जीत बताते हुये जमकर जश्न मनाया और अबीर गुलाल उड़ाकर एक दूसरे को बधाई दी। निवर्तमान अध्यक्ष उदय प्रकाश यादव, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष रोहित मिश्र, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह समेत सैकडों की संख्या में छात्र नेताओं ने कहा कि विश्वविद्यालय की तानाशाही पर छात्रों ने अंकुश लगा दिया। अब कुलपति को नैतिकता के आधार पर अपनी पूरी टीम के साथ इस्तीफा दे देना चाहिये।
चुनाव
रूकना
तय
अचानक
से
प्रत्याशियों
के
नाम
वापसी
के
बाद
अब
यह
तय
है
कि
यूनिविर्सटी
में
छात्र
परिषद
का
चुनाव
रूक
जाये।
हालांकि
इसकी
अभी
आधिकारिक
घोषणा
नहीं
हुई
है,
लेकिन
औपचारिक
तौर
पर
यूनिवर्सिटी
प्रशासन
की
देर
शाम
हुई
बैठक
में
इस
पर
चर्चा
हुई
है।
इस बावत इलाहाबाद विश्वविद्यालय के चुनाव अधिकारी प्रो आरके सिंह ने बताया कि 17 में से 15 प्रत्याशियों ने नामांकन वापस लिया है। एक प्रत्याशी पर आपत्ति आई है, उसकी जांच कराई जाएगी। चुनाव कराने न कराने को लेकर लेकर बैठक हुई, लेकिन अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। वहीं यूनिवर्सिटी के संबद्ध कालेज श्यामा प्रसाद मुखर्जी डिग्री कालेज में एक भी प्रत्याशी के नामांकन न किये जाने के कारण यहां की चुनाव प्रक्रिया रद्द कर दी गयी है।