यौन उत्पीड़न आरोप में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर सूर्य नारायण सस्पेंड
Prayagraj news, प्रयागराज। टॉप 200 यूनिवर्सिटी की सूची से भी बाहर हो चुकी इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में विवादों का दौर खत्म नहीं हो रहा है। ताजा मामला यूनवर्सिटी प्रशासन से जुड़ हुआ है। यहां इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के जाने माने प्रोफेसर सूर्य नारायण को सस्पेंड कर दिया गया है। उनपर गेस्ट लेक्चरर से यौन उत्पीड़न करने का आरोप है। इसी मामले में जांच कमेटी ने एक्शन लेते हुए निलंबन की कार्रवाई की है। वहीं, इस मामले में मीडिया से बात करते हुये प्रोफेसर सूर्य नारायण ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुये कहा कि यह उनके खिलाफ साजिश है। उन्हें साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। फिलहाल, एक शिक्षक के इस तरह के आरोपों में निलंबन के साथ ही यूनिवर्सिटी में खराब माहौल और अर्श से फर्स पर पहुंच चुकी शिक्षण व्यवस्था का पूरा सच खुद-बा-खुद नजर आ रहा है।
क्या है पूरा मामला
अतिथि प्रवक्ता से याौन उत्पीड़न का मामला 2 साल पुराना है और अब जांच कमेटी की रिपोर्ट पर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक में निलंबन की कार्रवाई की गई है। यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से दी गयी जानकारी के अनुसार, 2017-18 सत्र के दौरान इलाहाबाद विश्वविद्वालय में अतिथि प्रवक्ता के तौर पर एक महिला ने हिंदी विभाग अपनी सेवाएं देनी शुरू की थी।
कार्यकाल के अखिरी दिन दर्ज कराई शिकायत
महिला प्रवक्ता ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिन यानी 30 अप्रैल 2017 को विश्वविद्वालय प्रशासन में शिकायत दर्ज कराई कि असोसिएट प्रोफेसर डॉ. सूर्यनारायण ने उनका यौन उत्पीड़न किया है। आरोप लगने के बाद यूनिवर्सिटी में हड़कंप मचा और विभागीय जांच के लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने जांच कमेटी गठित की, जिसकी जांच रिपोर्ट पर अब कार्रवाई की गई है।
2 साल का लंबा समय
अतिथि प्रवक्ता का वर्ष 2017-18 सत्र में हिंदी विभाग के अन्तर्गत 30 अप्रैल 2018 को कार्यकाल समाप्त हुआ था और इसके बाद ही उन्हे यूनिवर्सिटी छोड़नी पड़ी थी, लेकिन अपने कार्यकाल के आखिरी दिन ही उन्होंने शिकायत दर्ज करायी थी। हालांकि, यूनिवर्सिटी छोड़ने के पीछे तब पर्याप्त कारण भी थे। चूंकि हिंदी विभाग में स्थायी नियुक्तियां हो गईं थी और अतिथि प्रवक्ता का पद नहीं बचा था। इसलिये उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गयी थीं, लेकिन आखिरी दिन की गयी शिकायत ने यूनिवर्सिटी भूचाल ला दिया था और जांच के दौरान अब दो साल बाद प्रोफेसर सूर्यनारायण को निलंबित कर दिया गया है। फिलहाल निलंबित प्रोफेसर को हिंदी विभाग के डीन कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है।
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