कोरोना वायरस: 25 मार्च तक इलाहाबाद हाईकोर्ट और नीचली अदालतें 28 मार्च तक बंद
इलाहाबाद/प्रयागराज। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच इसके फैलाव को रोकने के लिए भीड़भाड़ वाले इलाकों व स्थानों को बंद करने का क्रम जारी है । 22 मार्च तक पूर्व में ही बंद किए गए इलाहाबाद हाईकोर्ट की प्रधान पीठ व खंडपीठ में अवकाश की समय सीमा बढ़ा दी गई है। नए आदेश के अनुसार अब 25 मार्च तक इलाहाबाद हाईकोर्ट में अवकाश रहेगा। यानी इलाहाबाद हाईकोर्ट अब 25 मार्च तक बंद रहेगा। यह आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट की प्रयागराज स्थित प्रधान पीठ व लखनऊ स्थित खंडपीठ दोनों पर लागू होगा। इस दौरान अवकाश की तिथियों पर सुने जाने वाले मुकदमों की सुनवाई अब अगले महीने की जाएगी।
कब
होगी
सुनवाई
इलाहाबाद
हाईकोर्ट
के
रजिस्ट्रार
आशीष
कुमार
श्रीवास्तव
की
ओर
से
जारी
की
गई
प्रेस
रिलीज
के
अनुसार
प्रदेश
में
कोरोना
वायरस
की
स्थिति
में
सुधार
न
होने
के
कारण
हाईकोर्ट
में
अवकाश
की
समय
सीमा
को
बढ़ाया
जा
रहा
है।
ऐसे
में
जिन
तिथियों
पर
अवकाश
हो
रहा
है
उनके
मुकदमों
की
सुनवाई
अप्रैल
महीने
में
होगी।
आदेश
के
अनुसार
23
मार्च
से
लेकर
25
मार्च
तक
के
मुकदमों
की
सुनवाई
क्रमशः
अप्रैल
महीने
में
बढ़ाई
गई
है
जिसमें
23
मार्च
के
मुकदमों
की
सुनवाई
6
अप्रैल
को,
24
मार्च
के
मुकदमों
की
सुनवाई
7
अप्रैल
को,
व
25
मार्च
के
मुकदमों
की
सुनवाई
8
अप्रैल
को
होगी।
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19
मार्च
से
बंद
है
हाईकोर्ट
उत्तर
प्रदेश
में
कोरोना
वायरस
के
कई
मामले
सामने
आने
व
हाईकोर्ट
के
एक
कर्मचारी
के
विदेश
से
लौटने
के
बाद
वायरस
के
लक्षण
दिखाई
पड़ने
पर
19
मार्च
को
3
दिनों
के
लिए
इलाहाबाद
हाईकोर्ट
बंद
कर
दिया
गया
था
।
इस
दौरान
प्रधान
पीठ
व
लखनऊ
खंडपीठ
में
सैनिटाइजेशन
का
कार्य
किया
जा
रहा
था
और
पूरी
तरह
से
परिसर
को
सैनिटाइज
किए
जाने
के
बाद
हाईकोर्ट
के
खुलने
की
तैयारी
की
जा
रही
थी
।
लेकिन,
इसी
बीच
प्रधानमंत्री
के
जनता
कर्फ्यू
के
आवाहन
और
प्रदेश
में
करोना
वायरस
की
स्थिति
में
सुधार
ना
होने
के
कारण
हाईकोर्ट
को
बंद
करने
के
लिए
निर्णय
लिया
गया।
जिसके
क्रम
में
अब
25
मार्च
तक
हाईकोर्ट
में
अवकाश
रहेगा।
28
मार्च
तक
सभी
निचली
अदालतें
बंद
करने
के
आदेश
कोरोना
वायरस
के
खतरे
के
बीच
उत्तर
प्रदेश
की
सभी
निचली
अदालतों
को
बंद
करने
का
आदेश
जारी
किया
गया
है।
इलाहाबाद
हाईकोर्ट
ने
प्रदेश
के
सभी
ला
और
सत्र
न्यायालय
बंद
रखने
को
कहा
है।
साथ
ही
सभी
प्रकार
के
ट्रिब्यूनल
और
दूसरे
कोर्ट
भी
बंद
रहेंगे।
यहां
कोई
भी
न्यायिक
कार्य
नहीं
होगा
और
अवकाश
रहेगा।
यह
आदेश
हालांकि
अत्याधिक
महत्वपूर्ण
केस
जिनमें
बेल
लगी
हो
उन्हें
डिस्ट्रिक
जज
सुन
सकते
हैं,
लेकिन
इस
दरम्यान
परिस्थितियां
ऐसी
होनी
चाहिये
कि
याचिकाकर्ता
जेल
में
बंद
हो
और
उसके
बाद
बेल
दाखिल
हुई
है।
साथ
ही
अवकाश
के
दौरान
उसकी
गिरफ्तारी
हुई
हो।
ऐसे
ही
मामलों
में
केवल
बेल
सुनी
जायेगी।
अन्यथा
हर
तरह
के
मुकदमे
अगली
डेट
पर
आगे
बढ़ा
दिये
जायेंगे।
हालांकि
जिला
कचहरी
आदि
में
पिछले
काफी
दिनों
से
न्यायिक
कार्य
लगभग
ठप
हैं।
मुकदमों
की
तारीखे
बढ़ाने
का
कम
चल
रहा
था।
प्रयागराज
में
भी
लोगों
का
प्रवेश
बंद
कर
दिया
गया
था
और
केवल
वकील
ही
परिसर
में
प्रवेश
पा
रहे
थे।
हालांकि
अब
अवकाश
को
पूर्णत:
लागू
किया
जा
रहा
है।
ये
कोर्ट
रहेंगी
बंद
कोरोना
वायरस
की
स्थिति
को
नियंत्रित
करने
के
लिये
यूपी
की
सभी
निचली
अदालातों
को
बंद
किया
गया
है।
इसमें
सभी
जिला
आदालतें,सेशन
कोर्ट,
सीजीएम
कोर्ट,
सिविल
कोर्ट,
कमर्शियल
कोर्ट,
मोटर
एक्सीडेंट
क्लेम
अधिकरण,
भूमि
अधिग्रहण
मुआवजा,
रिहैबिलिटेशन
ऐंड
रिसेटेलमेंट
अथॉरिटी
आदि
कोर्ट
बंद
रहेंगी।
आदेश
पालन
करने
का
निर्देश
इलाहाबाद
हाईकोर्ट
के
रजिस्ट्रार
जनरल
की
ओर
से
यह
आदेश
जारी
किया
गया
है।
जिसे
सभी
सभी
जिला
जजों
को
भेजा
गया
है।
आदेश
में
कोराना
वायरस
का
जिक्र
करते
हुये
एहतियातन
कोर्ट
बंद
करने
व
कड़ाई
से
निर्देशों
का
पालन
कराने
को
कहा
गया
है।
बताया
गया
है
कि
राज्य
सरकार
की
एडवाइजरी
के
अनुसार
लोगों
की
भीड़
एकत्रित
नहीं
होनी
चाहिये
और
ट्रासंपोर्ट
आदि
से
ट्रेवल
करने
के
माध्यम
से
होने
वाली
समस्या
का
उल्लेख
किया
गया
है।
आदेश
में
केंद्र
सरकार
की
एडवाइजरी
का
भी
जिक्र
करते
हुये
सभी
स्टाफ
को
भी
अवकाश
पर
रखने
को
कहा
गया
है।
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