अब्दुल्ला आजम को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दी बड़ी राहत, गिरफ्तारी पर लगाई रोक
Prayagraj News, प्रयागराज। पूर्व मंत्री व समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान के बेटे अबदुल्ला आजम को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने अब्दुल्ला आजम पर दर्ज मुकदमें में गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। गौरतलब है कि रामपुर में भड़काऊ भाषण देकर वोट की राजनीति कर रहे अब्दुल्ला पर मुकदमा दर्ज कराया गया था और संज्ञेय अपराध की श्रेणी में रिपोर्ट लिखे जाने के कारण उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी। गिरफ्तारी से बचने के लिये अब्दुल्ला ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में शरण ली थी और अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की थी। जिस पर हाईकोर्ट ने उन्हें बड़ी राहत देते हुये गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। साथ ही राज्य सरकार से मुकदमे के बावत जवाब मांगा है। याचिका पर अगली सुनवाई 30 मई को होगी।
डबल
बेंच
में
हुई
सुनवाई
अबदुल्ला
आजम
ने
गिरफ्तारी
से
बचने
के
लिये
इलाहाबाद
हाईकोर्ट
की
डबल
बेंच
में
याचिका
दाखिल
की
थी।
जिस
पर
न्यायमूर्ति
मनोज
मिश्र
एवं
न्यायमूर्ति
वीके
श्रीवास्तव
की
खंडपीठ
ने
सुनवाई
शुरू
की
तो
अदालत
को
बताया
गया
कि
पुलिस
जो
एफआईआर
दर्ज
किया
है
वह
संज्ञेय
नहीं
प्रतीत
हो
रहा
है,
ऐसे
में
अब्दुल्ला
की
गिरफ्तारी
पर
रोक
लगाई
जाये।
हालांकि
सरकार
की
ओर
से
याचिका
पर
बताया
गया
कि
अब्दुल्ला
पर
आईपीसी
की
धारा
171
जी
व
जनप्रतिनिधित्व
अधिनियम
की
धारा
125
के
तहत
रामपुर
कोतवाली
में
मुकदमा
दर्ज
हुआ
है।
जो
संज्ञेय
श्रेणी
के
अपराध
में
ही
दर्ज
होता
है।
हालांकि
कोर्ट
ने
सरकारी
वकील
की
ओर
से
उपलब्ध
कराये
गये
साक्ष्यों
को
अपूर्ण
माना
और
अगली
डेट
पर
विस्तृत
जवाब
दाखिल
करने
को
कहा
है।
साथ
ही
हाईकोर्ट
ने
अगली
सुनवाई
तक
अब्दुल्ला
की
गिरफ्तारी
पर
रोक
भी
लगा
दी
है।
क्या
है
मामला
रामपुर
में
चुनावी
भाषणा
के
दौरान
अब्दुल्ला
आजम
ने
जातिगत
धार्मिक
उन्माद
भडकाने
वाला
भाषण
दिया
था,
जो
खूब
सुर्खियों
में
रहा
था।
इसी
में
मामले
में
उन
पर
रामपुर
कोतवाली
में
आईपीसी
की
धारा
171
जी
व
जनप्रतिनिधित्व
अधिनियम
की
धारा
125
के
तहत
मुकदमा
दर्ज
किया
गया
था।
चूंकि
यह
धारा
संज्ञेय
अपराध
की
श्रेणी
में
ही
आती
है,
इसलिये
पुलिस
अब्दुल्ला
की
गिरफ्तारी
भी
करती।
जिसके
कारण
अबदुल्ला
ने
बचाव
के
लिये
हाईकोर्ट
की
शरण
ली
और
गिरफ्तारी
पर
रोक
लगाने
में
सफल
रहे।
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