नरेंद्र मोदी की बायोपिक फिल्म रिलीज रोकने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग से किया जवाब तलब
प्रयागराज। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बायोपिक फिल्म 'नरेंद्र मोदी' की रिलीज को रोकने का मामला एक बार फिर हाईकोर्ट की दहलीज पर रिलीज की उम्मीदों के साथ खडा हो गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग से पूछा किस प्रावधान के तहत फिल्म की रिलीज पर रोक लगाई है। इससे निर्माताओं को होने वाले नुकसान की भरपाई कैसे की जाएगी।
डबल बेंच में चह रही है सुनवाई
इलाहाबाद हाईकोर्ट में भीम सेना के नेता सन्ना उल्ला ने याचिका दाखिल की थी और पीएम मोदी की बयोपिक पर रोक लगाने की मांग की थी। इस याचिका पर न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और न्यायमूर्ति राजेंद्र कुमार चतुर्थ की पीठ ने सुनवाई शुरू की, लेकिन इस बीच मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा गया। जिसके कारण हाईकोर्ट ने इस मामले पर कोई फैसला नहीं सुनाया। इधर चुनाव आयोग ने फिल्म की रिलीज पर बैन लगा दिया, जिसके बाद अब इस मामले पर फिर से सुनवाई शुरू हुई तो हाईकोर्ट ने रिलीज रोकने संबंधी प्रावधानों का अवलोकन किया और चुनाव आयोग के अधिकार को भी जानना चाहा। हाईकोर्ट में चुनाव आयोग की ओर से पेश हुये अधिवक्ता बीएन सिंह ने कोर्ट को बताया कि आयोग ने लोक सभा चुनाव तक फिल्म की रिलीज पर रोक लगा दी है। आचार संहिता खत्म होने के बाद फिल्म रिलीज की जा सकती है। चुनाव आयोग की दलील पर हाईकोर्ट ने आयोग से रोक लगाने संबंधी अधिकार का विस्तृत जवाब मांगा और पूछा कि आखिर किस आधार पर आयोग ने फिल्म रिलीज पर रोक लगाई है।
आयोग की और से याचिका खारिज की मांग
इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने दलील दी कि इस याचिका का अब कोई मतलब नहीं है। चूंकि याचिका में फिल्म पर रोक लगाने कि मांग की गयी थी और फिल्म पर रोक लगाई जा चुकी है। ऐसे में यह याचिका अर्थहीन है और इसे खारिज कर दिया जाना चाहिये। हालांकि हाईकोर्ट ने एक तरफा हुये फैसले को सहीं नहीं माना और चुनाव आयोग की दलील से असंतुष्ट रहा। मामले में हाईकोर्ट ने 26 अप्रैल को इस केस की अगली सुनवाई डेट मुकर्रर की है। उस दिन चुनाव आयोग को अपना विस्तृत जवाब दाखिल करना होगा।
11 अप्रैल को होनी थी रिलीज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन पर बनी यह फिल्म लोकसभा चुनाव के दौरान 11 अप्रैल को रिलीज हो रही थी। गौरतलब है कि यह डेट लोकसभा चुनाव के पहले चरण की मतदान डेट है। इसे लेकर विरोधी दलों की ओर से खूब हो हल्ला मचा और अदालत में भी मामला पहुंचा। इसी बीच मतदान से एक दिन पहले यानी 10 अप्रैल को इस फिल्म की रिलीज पर रोक लगा दी थी। फिल्म की रिलीज रोकने की मांग करने वाले लोगों का कहना था कि इस फिल्म में पीएम मोदी का महिमामंडन है, जिसका प्रभाव मतदाताओं पर पडेगा और चुनाव निष्पक्ष नहीं हो पायेगा।
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