आजम खान की यूनिवर्सिटी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से लगा झटका, खारिज हुई याचिका
प्रयागराज। रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है। हाईकोर्ट ने आजम के ड्रीम प्रोजेक्ट मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के गेट गिराए जाने के खिलाफ दाखिल याचिका को खारिज कर दिया है। सवा तीन लाख के हर्जाने के एसडीएम के आदेश के खिलाफ याचिका दाखिल की गई थी। हालांकि कोर्ट ने याची को आदेश के खिलाफ जिला जज के समक्ष अपील दाखिल करने की छूट दी है। जिला जज चाहे तो इस मामले में सुनवाई कर वैधानिक रूप से राहत दे सकेंगे। फिलहाल हाईकोर्ट से उम्मीद लगाये आजम खान की उम्मीदें खत्म होने के बाद एक बार फिर से आजम पर कानूनी शिकंजा और अधिक कसे जाने की संभावना तेज हो गयी है।
क्या है मामला
गौरतलब है कि रामपुर में बने मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी का गेट सार्वजनिक जमीन पर बनाया गया है। इसे लेकर रामपुर के एसडीएम ने 25 जुलाई को जौहर विश्वविद्यालय पर 3.27 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाते हुये 15 दिन के अंदर यूनिवर्सिटी का गेट तोड़ कर अवैध कब्जा हटाने को कहा है। इसी आदेश को लेकर आजम खान जुर्माना व गेट टूटने से बचाने के लिये इलाहाबाद हाईकोर्ट की शरण में पहुंचे थे।
बुरे फंसे हैं आजम
आजम खान की मुश्किल मात्र गेट विवाद को लेकर ही नहीं है। वह किसानों की जमीन अवैध रूप से हथियाने के आरोप में भी बुरी तरह से फंस चुके हैं और इस ममाले में भी एसडीएम ने आजम खान के खिलाफ आदेश दिया है। जिसके अनुसार जब तक यूनिवर्सिटी का कब्जा किसानों की जमीन पर होगा, यूनिवर्सिटी को नौ लाख 10 हजार रुपये प्रति माह की दर से लोक निर्माण विभाग को हर्जाना देना होगा। इसके अलावा एसडीएम ने गेट को लेकर सख्त आदेश जारी करते हुये कहा है कि अगर 15 दिन में विश्वविद्यालय का गेट नहीं हटाया गया तो उसे तोड़ दिया जाएगा।
डबल बेंच का फैसला
आजम खान की याचिका पर जस्टिस शशिकांत गुप्ता और जस्टिस एसएस शमशेरी की खण्डपीठ ने सुनवाई की तो सरकार की ओर से पेश हुई वकील ने याचिका की अधिकारिता पर ही सवाल उठा दिये और एसडीएम के आदेश के विरूद्ध जिला जज के समक्ष अपील करने के नियम को बताया। वहीं, तत्कालिक राहत आदि की दलील देकर याची की ओर से भी दलीले दी गयी। हालांकि समुचित प्रक्रिया का पालन न करने व विकल्पों से आगे बढ़कर हाईकोर्ट में अपील दाखिल करने को लेकर हाईकोर्ट ने भी जिला जल की कोर्ट में मामले की अपील करने को कहा और याचिका खारिज कर दी।
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