विधायक विजय मिश्रा के अभी जेल में ही कटेंगे दिन, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार
प्रयागराज, 11 जून: भदोही विधायक विजय मिश्रा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विजय मिश्रा को जमानत पर रिहा करने से इनकार कर दिया है। बता दें, बाहुबली विजय मिश्रा के खिलाफ रिश्तेदार कृष्ण मोहन तिवारी ने भदोही के गोपीगंज थाने में मकान पर कब्जा करने, जान से मारने की धमकी देने और अपने बेटे के नाम वसीयत करने का दबाव डालने के आरोप में केस दर्ज कराया है। कोर्ट ने आरोपों की गंभीरता और अपराधों मे संलिप्तता को देखते हुए विधायक की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति ओम प्रकाश ने दिया है। याची अधिवक्ता का कहना था कि विजय मिश्रा सम्मानित व्यक्ति हैं। ज्यादातर मुकदमों में बरी हो चुके हैं या केस वापस ले लिए गए हैं, जो बचे है राजनैतिक प्रतिद्वंदिता के कारण दर्ज कराए गए हैं।
आगरा जेल में बंद है विधायक विजय मिश्रा
विधायक विजय मिश्रा पर उनके रिश्तेदार कृष्ण मोहन तिवारी ने प्रॉपर्टी और फर्म पर कब्जा समेत कई अन्य आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में विधायक विजय मिश्रा को मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किया गया था। इस समय विधायक विजय मिश्रा आगरा जेल में बंद है। इस मामले में विधायक के बेटे और पत्नी पर भी मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मुकदमे के बाद विधायक विजय मिश्रा, उनके बेटे और उनके एक रिश्तेदार पर वाराणसी की रहने वाली एक युवती ने रेप का मुकदमा भी दर्ज कराया था।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार
विजय मिश्रा ने जमानत के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी, जिसे खारिज कर दिया गया है। याची के वकील ने कोर्ट में कहा कि प्रश्नगत मामले में आरोप निराधार है। कोई वसीयत नहीं की गई है। मुकद्दमों का विचारण चल रहा है, जिसमें वह सहयोग कर रहा है। बरी केस में केवल एक के खिलाफ अपील लंबित है। वहीं, सरकारी अधिवक्ता ने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि याची की दबंगई के चलते कोई एफआईआर दर्ज कराने की हिम्मत नहीं करता। इस पर हत्या, दुराचार जैसे जघन्य आरोपों के केस दर्ज है। गवाह डर के मारे नहीं मिलते। अगर जमानत दी गई तो गवाहों पर दबाव डालेगा।