68500 सहायक अध्यापक भर्ती में पुनर्मूल्यांकन के बाद सफल अभ्यर्थियों को दो महीने में नियुक्ति देने का आदेश
Prayagraj news, प्रयागराज। उत्तर प्रदेश में पिछले साल शुरू हुई 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में अभी और अभ्यर्थियों को नौकरी मिलेगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ऐसे अभ्यर्थियों के लिये नियुक्ति का रास्ता साफ कर दिया है, जिन्होंने पुनर्मूल्यांकन में सफलता हासिल की है। दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट में पुनर्मूल्यांकन के दौरान पास हुये अभ्यर्थियों ने याचिका दाखिल की थी, जिस पर हाईकोर्ट ने अभ्यर्थियों के हित में फैसला सुनाते हुये दो महीने में उन सभी अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का आदेश दिया है, जिन्होंने पुनर्मूल्यांकन के बाद कटऑफ के बराबर या अधिक अंक प्राप्त किये है।
विवादों में घिरी थी भर्ती प्रकिया
गौरतलब है कि इस भर्ती में बड़ी संख्या में सीटें खाली रह गयी हैं और भर्ती की पूरी प्रक्रिया ही विवादों में घिरी हुई है। यही कारण है कि एक ओर हजारों अभ्यर्थी नियुक्ति पाकर सैलरी उठा रहे हैं तो दूसरी ओर अभी तमाम पात्र अभ्यर्थी नियुक्ति की राह में जद्दोजहर कर रहे है। फिलहाल, यह भर्ती अभी अधर में ही लटकी हुई है।
67 अंक था कटऑफ
68500 सहायक अध्यापक भर्ती में सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के लिऐ कटआफ 67 अंक निर्धारित किया गया था। लेकिन बडी संख्या में इस कटऑफ के इर्द गिर्द ही अभ्यर्थी के अंक घूमते रहे। वहीं, भर्ती में धांधली की शिकायतों व साक्ष्यों के मिलने के बाद जांच शुरू हुई और पुनर्मूल्यांकन का दौर भी शुरू हुआ। पुनर्मूल्यांकन में हजारों की संख्या में अभ्यर्थी सफल हुये हैं, जिनमें से कुछ को नियुक्ति मिली है, जबकि बड़ी संख्या में अभी ऐसे अभ्यर्थी कोर्ट के सहारे उम्मीद लगाये हुये थे, जिनके पक्ष में हाईकोर्ट ने फैसला सुनाकर उनको नौकरी मिलने का रास्ता खोल दिया है। हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति प्रकाश पाड़िया ने अनिरुद्ध नारायण शुक्ल सहित दर्जनों अभ्यर्थियों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुये बड़ा फैसला सुनाया है और परीक्षा नियामक समेत सरकार को आदेश दिया है कि पुनर्मूल्यांकन के बाद सफल अभ्यर्थियों को दो महीने के अंदर नियुक्ति दी जाये।
बढ़े हैं नंबर
पुनर्मूल्यांकन के दौरान परीक्षार्थियों के नंबर बढ़ने का क्रम खूब दौड़ा है। 2 नंबर से लेकर 10 नंबर तक पुनर्मूल्यांकन के बाद बढ़े हैं, जिससे कुछ अंकों से चयन से चूक जाने वाले अभ्यर्थियों को अब कटऑफ में शामिल होने का मौका मिल गया है। कोर्ट में दाखिल याचिका में कुछ अभ्यर्थियों ने साक्ष्य के तौर पर इसे प्रस्तुत भी किया है, जिसके जवाब में परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव ने भी एक चार्ट हाईकोर्ट में प्रस्तुत किया है, जिसमें नंबर बढ़ने वाले अभ्यर्थियों के नाम व बढ़े हुये अंकों आदि का पूरा ब्यौरा दर्ज है। जिसमें अनिरुद्ध कुमार जिन्हें पूर्व में 66 अंक मिले थे, लेकिन जब पुनर्मूल्यांकन में उनकी कापी दोबारा जांची गयी तो उन्हें 67 अंक प्राप्त हुए हैं। यानी वह कटऑफ तक पहुंचने में सफल रहे हैं। ऐसे ही रितु वर्मा को 65 के स्थान पर 68 अंक, विनय कुमार मिश्र को 66 की जगह 67 अंक पुनर्मूंल्याकन के बाद प्राप्त हुए। ऐसे ही बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों के नाम सामने आये हैं, जिन्हे पुनर्मूल्यांकन के बाद कटऑफ के बराबर अथवा अधिक अंक मिला है।
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