UPTET 2018 : हाईकोर्ट ने एक विषय के सभी अभ्यर्थियों को दिया 1 अंक का लाभ
uptet latest news (प्रयागराज)। उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा 2018 में गलत प्रश्नों को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल की गई याचिका पर फैसला आना शुरू हो गया है। हाईकोर्ट ने उर्दू विषय के प्रश्न को लेकर दाखिल याचिका में अभ्यर्थियों को बड़ी राहत दी है और एक प्रश्न को गलत मानते हुए सभी को समान अंक दिए जाने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने उर्दू विषय के प्रश्नपत्र में सीरीज डी के प्रश्न संख्या 61 को भ्रामक माना है और कहा है कि यह प्रश्न ही गलत पूछा गया है। ऐसे में इस प्रश्न पत्र की परीक्षा देने वाले सभी अभ्यर्थियों को समान रूप से एक एक अंक प्रदान किए जाएं। याचिका पर सुनवाई न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने की है।
1 अंक से चूकने वालों को मिलेगा लाभ
उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा में 1 अंक से चूकने वाले अभ्यर्थियों को अब सीधा लाभ मिलेगा। उर्दू विषय में परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों के प्राप्त अंकों में 1 अंक और जोड़ दिया जाएगा। अगर एक अंक से अभ्यर्थी मेरिट में आने से चूक गए होंगे तो अब उन्हें पास कर दिया जाएगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव को इस बाबत निर्देश दिया है कि वह उर्दू में परीक्षा देने वाले सभी अभ्यर्थियों को एक-एक अंक दे दे।
गलत प्रश्नों को लेकर हाईकोर्ट में याचिका
गौरतलब है कि गलत प्रश्नों को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में शिल्पा सिंह सहित दर्जनों अभ्यर्थियों ने याचिका दाखिल की है। जिस पर सुनवाई का दौर चल रहा है। आज यानी 19 दिसंबर को हाईकोर्ट सभी प्रश्नों को लेकर चल रहे विवाद पर अपना फैसला सुनाएगा। इसे लेकर हाईकोर्ट ने परीक्षा नियामक सचिव से व सरकार से उनका पक्ष जानना चाहा है।
लंच के बाद हाईकोर्ट सुनाएगा फैसला
आज जवाब दाखिल करने का आखरी दिन है और आज लंच के बाद हाईकोर्ट इस पर फैसला सुनाएगा। फिलहाल उर्दू विषय के प्रश्न पत्र को लेकर फैसला आ चुका है, जिसके आधार पर अब अभ्यर्थियों को एक एक अंक प्रदान किया जाएगा।
किन प्रश्नों पर है विवाद
उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा में इस बार परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ओर से 8 सवालों में बदलाव किया गया था, लेकिन उसके बाद भी तीन प्रश्नों को लेकर विवाद नहीं सुलझा है और मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में पहुंच गया है। जिन प्रश्नों को लेकर विवाद है उनमें 'सी' सीरीज के प्रश्न संख्या 66, प्रश्न संख्या 75 और 78 शामिल है। इन प्रश्नों पर अब इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के विषय विशेषज्ञ अपनी राय देंगे और प्रश्न और उनके दिए गए विकल्पों की सही स्थिति कोर्ट को बताएंगे। जिसके आधार पर हाईकोर्ट अपना फैसला सुनाएगी।
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