गंगा की बाढ़: इलाहाबाद के 5 लाख से ज्यादा लोग चपेट में, स्कूल-कॉलेज बंद, आर्मी बचाने आई
इलाहाबाद। गंगा-यमुना से घिरी संगम नगरी प्रयागराज में बाढ़ से कोहराम मच गया है। नदी के तटीय इलाके पूरी तरह डूब चुके हैं। इलाहाबाद के 5 हजार घरों में पानी घुस आया है। 5 लाख से ज्यादा लोग इस बाढ़ की चपेट में हैं। सैकड़ों घर कटान में ढह चुके हैं। करीब डेढ़ लाख लोगों को दूसरे स्थानों पर शरण लेनी पड़ी है। हजारों की संख्या में लोग अपने घरों की छतों एवं टीलों पर राहत के इंतजार में हैं। इस संकट से आमजन को उबारने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस एवं पीएसी के साथ ही आर्मी की टीमें जुट गई हैं।
5 हजार घरों में पानी घुसा, सैकड़ों मकान डूबे
संवाददाता के अनुसार, ये टीमें बाढ़ग्रस्त इलाकों में रेस्क्यू अभियान चला रही हैं। तटीय इलाके के गांवों से इस संपर्क टूटा हुआ है। लोगों को निकालने के लिये नावों का इस्तेमाल किया जा रहा है। जरूरत पड़ने पर हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। बीते 3 दिन से बहुत से लोग राहत शिविरों में शरण लिए हैं।
मुख्यमंत्री योगी करेंगे मौका-मुआयना
गंगा-यमुना दोनों नदियां खतरे को निशान से उूपर बह रही हैं। दारागंज में बक्शी बांध से नाग वासुकी मंदिर की ओर कुंभ में तैयार की गई सड़क पर दस फीट से ज्यादा पानी भर गया है। गुरूवार को डिफ्टी सीएम केशव मौर्य ने बाढ क्षेत्र का दौरा किया। सीएम योगी भी प्रयागराज का दौरा कर हालात से रूबरू होंगे।
एयरफोर्स और आर्मी की तैयारी शुरू
इसी बीच प्रशासन ने हालात से निपटने के लिय थल सेना व वायुसेना से मदद मांगी है। शुक्रवार को सेना ने प्रयागराज में राहत बचाव की कमान संभालने की तैयारी शुरू कर दीं। वहीं, एयरफोर्स की मीटिंग भी हुई है। इलाहाबाद के नदियों के पास वाले गली-मोहल्लों में चारों ओर पानी ही पानी नजर आ रहा है।
जहां गाड़ियां फर्राटा भरती थी, वहां नावें चल रहीं
शहर के दर्जनों मोहल्लों में पिछले चार-पांच दिनों से लोग फंसे हुए हैं। जिन सड़कों पर मोटर गाड़ियां फर्राटा भरती थी, उन सड़कों पर नावें चल रही हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के सभी स्कूल कॉलेजों व कोचिंग संस्थानों को बंद कर दिया गया है। प्राइवेट व सरकारी सभी तरह के 12वीं तक के स्कूल-कॉलेज नहीं खुल रहे। वहीं, कोचिंग सेंटर्स पर भी ताला नजर आया।
कहीं-कहीं छतों तक पानी पहुंचा पानी
शहर के मंदिरों, दुकानों और घरों में पानी भर गया है। लोग जान बचाने के लिए घरों की छतों पर पहुंचे, लेकिन कई लोगों के घरों की छत तक पानी पहुंच गया है। जिन लोगों के घर पानी में डूब गए हैं, वे घरों की छतों पर कैद हैं।
खुद ही एक-दूसरे की मदद कर रहे
लोगों का कहना है कि उन्हें न तो खाना मिल पा रहा है न ही पीने का पानी। जिनके पास सरकारी मदद नहीं पहुंच पा रही है, वहां पर लोग खुद ही अपनी और एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं।
प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया
छतों पर कैद लोग सीढ़ियों से नावों पर उतरकर सुरक्षित स्थान की ओर जा रहे हैं। फिलहाल नेशनल डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स (NDRF) बेहद तेजी से काम कर रही है और रेस्क्यू कराया जा रहा है। जबकि, बाढ़ प्रभावित इलाके में पुलिस ने बैरिकेडिंग से लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है।
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