इलाहाबाद / प्रयागराज न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

किसान की बेटी ने हासिल किया तीसरा स्थान, कहा- 1 घंटे से ज्यादा नहीं पढ़ा कोई विषय

Google Oneindia News

Prayagraj News, प्रयागराज। UP Board 2019 की परीक्षा में झंडे गाड़ने वाली बेटियों में से एक बेटी प्रयागराज शहर से करीब 80 किलोमीटर दूर कोरांव तहसील के सरदार पटेल इंटर कॉलेज की आकांक्षा शुक्ला भी है। आकांक्षा शुक्ला ने यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट की परीक्षा में 500 में से 474 अंक (94.80 प्रतिशत) पाकर पूरे प्रदेश में तीसरा स्थान हासिल किया है। आकांक्षा का कहना है कि छात्र 1 घंटे से ज्यादा किसी एक विषय को ना पढे। क्योंकि 1 घंटे बाद उब लगने लगती है और हम उतना अच्छा प्रदर्शन पढाई में नहीं करते, जितना की कर सकते हैं।

ग्रामीण परिवेश में रहकर की पढ़ाई

ग्रामीण परिवेश में रहकर की पढ़ाई

अकांक्षा शुक्ला प्रयागराज जिले से करीब 80 किलोमीटर दूर कोरांव के रवनिया गांव की रहने वाली हैं। ग्रामीण परिवेश में रहकर अकांक्षा ने यूपी बोर्ड में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। अकांक्षा के पिता अवधेश कुमार शुक्ला पशे से एक किसान है और मां अंजू गृहिणी हैं। आकांक्षा ने बताया कि इंटर में गणित, भौतिकी और रसायन विज्ञान जैसे कठिन विषयों के लिये कभी कोचिंग की मदद नहीं ली। स्कूल का मार्गदर्शन और स्व-अध्ययन से यह मुकाम हासिल किया है। आकांक्षा के पिता बताते हैं कि बेटी ने हाईस्कूल की परीक्षा में काफी मेहनत की, लेकिन 90 फीसद अंक ही हासिल कर सकीं, लेकिन इस बार उसे टॉप करने की धुन सवार थी और उसने अपनी मेहनत से खुद को साबित किया है।

IAS बनना चाहती हैं आकांक्षा

IAS बनना चाहती हैं आकांक्षा

आकांक्षा कहती है कि यह तो तय था कि मेरिट में उसका नाम आयेगा, लेकिन तीसरा स्थान मिलेगा यह नहीं सोचा था। अकांक्षा अब आईआईटी में दाखिले के लिए मेहनत कर रही हैं और उनका सपना आईएएस (IAS) अफसर बनकर समाजसेवा करने का है। अकांक्षा को भौतिक विज्ञान विषय सबसे अधिक पसंद है। अकांक्षा बताती है कि स्कूल में यदि ठीक से पढ़ाई करें तो ट्यूशन की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने कभी कोई क्लास नहीं छोडी और चीजों से अधिक वरीयता पढ़ाई को दी। जो भी स्कूल में पढ़ती उसे घर पर दोहराती और स्व-अध्ययन सब सीखने का प्रयास करती इससे उन्हें सबकुछ अच्छे से व लंबे समय तक याद होता था और जो एक बार में याद न होता उसे कई बार पढ़कर याद करती थी। अपनी सफलता का श्रेय आकांक्षा अपने स्कूल के शिक्षकों और अभिभावकों को देती हैं कहती हैं अगर इनकी मदद न होती तो यह उपलब्धि नहीं होती।

पढ़ाई के लिये लिया था किराये पर कमरा

पढ़ाई के लिये लिया था किराये पर कमरा

आकांक्षा बताती हैं कि गांव में जब उन्हें पढ़ाई के दौरान समस्याएं आने लगी तो पिता ने परेशानी उठाने के बावजूद भी स्कूल के बाद कोरांव में किराये पर कमरा ले लिया। पिता को बेटी पर अथाह भरोसा था और उस भरोसे पर खरा उतरने के लिये वह अपनी छोटी बहन और मां के साथ कोरांव में ही रहने लगी और पूरी ईमानदारी से पढाई करने लगी। अकांक्षा हर अध्याय को चार से पांच बार पढ़ती थीं और हर बार नयी जानकारी जोडकर अपनी तैयारी को और बेहतर बनाती रही।

ये भी पढ़ें:- इलाहाबाद सीट पर क्या हैं जीत-हार के पुराने सियासी आंकड़े

Comments
English summary
akanksha shukla third topper in up board intermediat exam
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X