42 साल बाद यूपी की इस सीट पर जीती है महिला प्रत्याशी, प्रतिद्वंद्वी को हरा दिया 1.71 लाख वोटों से
Prayagraj news, प्रयागराज। फूलपुर लोकसभा सीट और इलाहाबाद संसदीय सीट पर हमेशा से पुरुष प्रत्याशियों के दबदबे का मिथक आखिरकार चकनाचूर हो गया। भाजपा प्रत्यााशी रीता जोशी और केशरी देवी पटेल ने पुरुष वर्चस्व वाली सीट पर कमल खिलाकर इतिहास के पन्नों पर अपना नाम दर्ज कर दिया है। यह पहली बार नहीं था कि इन सीटों से कोई महिला प्रत्याशी जीती हो, लेकिन यह पहली बार था जब दोनों सीटों से महिला प्रत्याशी जीती हैं। इससे पहले दो बार फूलपुर व एक बार इलाहाबाद में महिला प्रत्याशी ने जीत हासिल की थी, लेकिन उस जमाने को गुजरे दशकों हो चुके हैं। भाजपा ने इलाहाबाद व फूलपुर दोनों सीटों से महिला प्रत्याशी को टिकट देकर बड़ा दांव खेला जोकि सही साबित हुआ है। फूलपुर व इलाहाबाद दोनों संसदीय सीट पर भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में पहली बार महिलाओं को पूर्ण प्रतिनिधित्व मिल रहा है।
42 साल बाद फूलपुर में महिला के हाथ कमान
फूलपुर
लोकसभा
सीट
पर
महिला
प्रत्याशी
को
जीतने
के
लिए
42
साल
का
लंबा
वक्त
लग
गया।
इस
सीट
पर
भाजपा
प्रत्याशी
केशरी
देवी
पटेल
ने
2019
का
लोकसभा
चुनाव
जीत
लिया
है।
वह
देश
की
सर्वोच्च
पंचायत
में
अब
नेहरू
की
कर्मस्थली
का
प्रतिनिधित्व
करेंगी।
फूलपर
में
पहली
बार
महिला
प्रत्याशी
के
तौर
पर
नेहरू
जी
की
बहन
विजयलक्ष्मी
पंडित
उतरी
थीं।
वह
नेहरू
जी
के
देहांत
के
बाद
उप
चुनाव
लड़ी
और
1964
का
उपचुनाव
जीतकर
लोकसभा
पहुंची।
इसके
बाद
1967
का
आम
चुनाव
हुआ
जिसमें
फिर
से
विजयलक्ष्मी
पंडित
जीतकर
लोकसभा
पहुंची।
हालांकि
इस
जीत
के
बाद
लंबा
इंतजार
करना
पड़ा
और
1977
में
महिला
प्रत्याशी
के
तौर
पर
भारतीय
लोकदल
की
प्रत्याशी
कमला
बहुगुणा
ने
जीत
हासिल
की
थी।
इसके
बाद
से
इस
सीट
पर
पुरुष
ही
जीतते
आए
हैं।
महिला
प्रत्याशियों
को
इक्का
दुक्का
मौका
मिले,
लेकिन
किसी
भी
बड़े
दल
ने
उन्हें
प्रत्याशी
नहीं
बनाया
और
यह
सीटें
महिलाओं
से
दूर
हो
गईं।
केशरी पटेल की बड़ी जीत
2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर केशरी देवी पटेल को भाजपा ने प्रत्याशी बनाया और 42 साल बाद इस सीट पर आखिरकार महिला प्रत्याशी को जीत मिली। इस सीट पर दशकों से एक ही मिथक था कि यहां से जीत सिर्फ पुरुष प्रत्याशी को ही मिलती है, लेकिन केशरी देवी ने इसे गलत साबित कर दिया। फूलपुर लोकसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी केशरी देवी पटेल को 5,44,701 वोट मिले हैं, और वह 1 लाख 71 हजार 968 वोटों के भारी अंतर से जीतने में सफल रही हैं।
इलाहाबाद में एक बार ही जीती थी महिला प्रत्याशी
आजादी के बाद देश में जब लोकतंत्र स्थापित हुआ और इलेक्शन का दौर शुरू हुआ तो दशकों तक इलाहाबाद संसदीय सीट किसी महिला प्रत्याशी की जीत का इंतजार करती रही। लेकिन इलाहाबाद संसदीय सीट पर पहली बार 1991 में सरोज देवी ने जनता दल के टिकट पर जीत हासिल की थी और उस वक्त उन्होंने बीजेपी के प्रत्याशी श्यामा चरण को चुनाव मैदान में हराया था। हालांकि इलाहाबाद संसदीय सीट पर 1991 के बाद कोई भी महिला प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत सकी थी। भाजपा ने रीता बहुगुणा जोशी को इस सीट पर 2019 के लोकसभा चुनाव में उतारा था और भाजपा का यह फैसला बेहद ही सफल साबित हुआ। ना सिर्फ इस चुनाव में रीता जोशी जीती, बल्कि आधी आबादी के प्रतिनिधित्व का सूखा भी रीता ने खत्म किया और वह इलाहाबाद से लोकसभा सीट से जीतने वाली दूसरी महिला बन गई हैं। डॉ.रीता बहुगुणा जोशी को कुल 4,94,454 वोट मिले हैं और वह 184275 वोटों से जीती हैं।
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