मिर्ची बाबा से 3 हजार लोगों ने फोन कर पूछा एक सवाल, परेशान होकर अखाड़ा अध्यक्ष नरेंद्र गिरी के खिलाफ दर्ज कराई FIR
प्रयागराज। बीते लोकसभा चुनाव के दौरान भोपाल से साध्वी प्रज्ञा सिंह की हार व दिग्विजय सिंह की जीत के लिये मिर्ची यज्ञ करने वाले व दिग्वजय की हार पर समाधी लेने का ऐलान कर चर्चा में आये स्वामी वैराग्यानंद उर्फ मिर्ची बाबा लोगों के फोन कॉल्स से परेशान हो गये हैं। लोग उन्हें फोन कर पूछ रहे हैं कि बाबा जल समाधि कब लोगे? हजारों फोन आने से परेशान मिर्ची बाबा ने अब मदद के लिये कानून का सहारा लिया है और थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। मिर्ची बाबा ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी महाराज को इस मामले में नामजद किया है। अपने एफआईआर में मिर्ची बाबा ने आरोप लगाया है कि उन्हें मोबाइल पर धमकी दी जा रही है, गाली-गलौच देकर आत्महत्या के लिए उकसाया जा रहा है। अपने एफआईआर के लिये बाबा ने 3 हजार मोबाइल नंबर की सूची भी पुलिस को कॉल डिटेल निकलवाकर दी है।
3000 लोगों ने कॉल कर किया परेशान
38 वर्षीय वैराग्यानंद गिरी उर्फ मिर्ची बाबा मध्यप्रदेश के भोपाल में अयोध्या नगर थानान्तर्गत के अनुसार मीनाल रेसीडेंसी में रहते हैं। वहीं, इस मामले में अब भोपाल पुलिस की एक टीम को प्रयागराज भी भेजा जा रहा है, जो नरेंद्र गिरी से पूछताछ करेगी। इस मामले में जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर यशवंत सिंह की ओर से मीडिया में दिये गये बयान के अनुसार एफआईआर दर्ज होने के साथ अब मिर्ची बाबा को की गईं सीभी कॉल्स की जांच हो रही है। स्वामी वैराग्यानंद गिरी के वकील सैयद मजीद अली ने 100 पन्ने के दस्तावेजों में तीन हजार फोन कॉल्स की डीटेल दी और सभी के द्वारा धमकी दिये जाने का आरोप लगाया है।
वायरल हुआ था ऑडियो
मिर्ची बाबा की जल समाधि को लेकर सोशल मीडिया पर खूब हो-हल्ला मचा था। 25 मई को तो बीजेपी के समर्थकों ने प्रतीकात्मक जल समाधि तक आयोजित कर दी थी। जबकि कुछ ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी, जिसमें बाबा से जल समाधि को लेकर बातचीत हुई थी और बाबा को परेशान किया जा रहा था। हालांकि मिर्ची बाबा ने भी 16 जून को दोपहर 2 बजकर 11 बजे जल समाधि लेने का दोबारा ऐलान कर जिला प्रशासन से जल समाधि के लिये जगह बताने को कहा था। हालांकि जिला प्रशासन ने उन्हें अनुमति देने से इनकार कर दिया था। अब इसी मामले में बाबा की ओर से एफआईआर दर्ज कराई गयी है।
मिर्ची बाबा हुये थे निष्काषित
वैराग्यानंद निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर पद पर थे। लेकिन, मिर्ची यज्ञ व जल समाधि की देश व्यापी चर्चा के बाद उनके इस चर्चित कांड से नाराज निरंजनी अखाड़े ने उनसे अपने संबंध तोड़ दिये थे। मिर्ची बाबा को पिछले मई महीने में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक के दौरान निरंजनी अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया है। अखाड़े के पंच परमेश्वर की बैठक के बाद उन पर कार्रवाई की गयी थी। तब सर्वसम्मति से उन्हें निष्कासित किया गया था। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने बताया था कि निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्यानंद ने राजनीतिक विद्वेष से ग्रसित होकर किसी के अहित के लिए पूजा किया था। यह संत आचरण के खिलाफ था। यह अर्मायादित था और उनका यह कार्य पूरी तरह से गलत था। इसी के चलते अखाड़े से वैराग्यानंद के सभी तरह के संबंध विच्छेद कर दिये गये थे।
क्या था मामला
लोकसभा चुनाव के दौरान मध्य प्रदेश के भोपाल से कांग्रेस के दिग्गज नेता व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह चुनाव लड़ रहे थे। उनके खिलाफ भाजपा ने प्रज्ञा सिंह को टिकट देकर मैदान में उतार दिया था। प्रज्ञा सिंह मोदी लहर पर सवार होकर अपने प्रचार-प्रसार में जुटी थीं। इसी दौरन दिग्विजय सिंह के बेहद करीबी व निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्यानंद ने एक ऐलान कर देशभर में सुर्खियां बटोरनी शुरू कर दी। वैराग्यानदं ने ऐलान किया कि वह प्रज्ञा सिंह की हार व दिग्विजय सिंह की जीत के लिये मिर्ची यज्ञ करेंगे। जिसमें कयी क्विंटल मिर्चा से हवन होगा और उसका परिणाम यह होगा कि दिग्विजय सिंह जीत जायेंगे। हालांकि वैराग्यानंद यहीं नहीं रुके, उन्होंने अपने ऐलान कर कहा कि अगर दिग्विजय सिंह हार गये तो वह जिंदा ही समाधि ले लेंगे। बाबा के इस ऐलान को मीडिया और सोशल मीडिया पर खूब हवा मिली और रातों रात बाबा पूरे देश के सबसे चर्चित बाबाओं में शुमार हो गया। हालांकि चुनाव का परिणाम आने के बाद प्रज्ञा सिंह जीत गईं और दिग्विजय सिंह की हार हुई।
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