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15 साल पहले एनकाउंटर में मारे गए इकलौते अपराधी बेटे के पापों का यूं प्रायश्चित कर रही 97 साल की मां

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प्रयागराज। 97 साल की एक महिला प्रयागराज में पिछले 15 सालों से रोज थानों और कोर्ट-कचहरी में गंगाजल लिए लोगों को प्रसाद बांटती है। सीने में दर्द छिपाए कंपकपाते हाथों से लोगों को आशीर्वाद देती है। कभी एक समृद्ध परिवार के साथ रह रहीं पार्वती पांडेय आज अकेली हैं। पति की मौत के बाद इकलौता बेटा ही बचा था, लेकिन उसने भी साथ छोड़ दिया। ​फिर एक दिन 15 ​साल पहले पुलिस ने दरवाजा खटखटाया और पार्वती की मानों दुनिया ही उजड़ गई। उन्हें एक ऐसी बात पता चली जिसका प्रायश्चित वह आज तक कर रही हैं।

एक-एक कर छूटता गया अपनों का साथ

एक-एक कर छूटता गया अपनों का साथ

मूल रूप से बिहार के भोजपुर की रहने वाली पार्वती पांडेय 97 साल की हैं। पार्वती का परिवार प्रयागराज आकर गंगा किनारे के मुहल्ले दारागंज में बस गया था। शिक्षा पूरी कर स्कूल में पढ़ाने लगी थीं। इसके बाद गाजीपुर में शादी हुई। समृद्ध ​परिवार धीरे-धीरे खत्म होता चला गया। पहले पिता, फिर भाई और पति की मौत हो गई। पार्वती को इकलौते बेटे श्लोक पंडित का सहारा था, जिसके लिए वह जी रहीं थीं। 19 साल का होते ही श्लोक भी मां को छोड़कर चला गया और अलग रहने लगा। पार्वती बेबस हो गईं, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने खुद का घर बेचकर रसूलाबाद के पास कांशीराम आवास योजना में बने घर में एक कमरा लिया और वहीं रहने लगीं। किसी तरह गुजारा होता रहा।

पुलिस ने खटखटाया दरवाजा, और...

पुलिस ने खटखटाया दरवाजा, और...

साल 2004 का दिसंबर महीना। एक दिन कुछ पुलिसवाले पार्वती के घर पहुंचे। उन्होंने बताया कि डॉ. कार्तिकेय शर्मा का अपहरण करने वाले उनके पुत्र श्लोक को वाराणसी में एसटीएफ ने मार दिया है। पार्वती पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। इकलौता बेटा भी अब उन्हें हमेशा के लिए छोड़कर जा चुका था। इससे बड़ा दुख ये था कि वह अपराधी था, उसपर हत्या के कई आरोप थे। पार्वती बुरी तरह टूट गईं। तभी से उन्होंने बेटे के पापों का प्रायश्चित करने के लिए संकल्प लिया।

बेटे के पापों का कर रहीं प्रायश्चित

बेटे के पापों का कर रहीं प्रायश्चित

तब से वह प्रायश्चित करने के लिए रोज सुबह शिवकुटी घाट पर गंगा स्नान कर बेटे के किए पाप का प्रायश्चित करने लगीं। वहां मंदिर में पूजा-अर्चना कर स्टील के छोटे डिब्बे में गंगा जल लेकर जिला मुख्यालय भी पहुंचती हैं। यहां एसएसपी कार्यालय और कलेक्ट्रेट में अधिकारियों, कर्मचारियों और कचहरी में वकीलों को गंगा जल से आचमन कराकर प्रसाद देती हैं। लोग श्रद्धा से गंगा जल ग्रहण कर उनका आशीर्वाद भी लेते हैं। कोई पूछे तो कहती हैं, हमें अपना दुख किसी को नहीं बताना, सब जन सुखी रहें बस।

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English summary
97 year old mother atoning for the sins of the guilty son with gangajal
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