दिल्ली से 500 KM पैदल फतेहपुर जा रहे थे श्रमिक, सड़क हादसे में गई दंपति व चचेरे भाई की जान
अलीगढ़। लॉकडाउन में दिल्ली से उत्तर प्रदेश लौट रहे प्रवासी श्रमिक के परिवार के तीन सदस्यों की सड़क हादसे में मौत हो गई। यह हादसा अलीगढ़ जिले के मडराक क्षेत्र के बाईपास पर हुआ है। इस दौरान उनके साथ पैदल जा रही एटा की एक किशोरी गंभीर रूप से जख्मी हो गई, जिसका जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें एक दंपति व एक चचेरा भाई था। उनकी मौत की सूचना फतेहपुर में परिवार को दे दी गई है। देर रात तक पुलिस परिवार का इंतजार कर रही थी।
फतेहपुर जिले के घोस थाना क्षेत्र के ऐराया निवासी रंजीत सिंह (44) पुत्र जगन्नाथ, अपने चचेरे भाई दिनेश (37) पुत्र भागीरथ, व अपनी पत्नी रामवती (40), दिनेश की पत्नी संत कुमारी (32) संग दिल्ली के नरेला इलाके में रंगाई-पुताई का काम करते थे। लॉकडाउन के कारण वहां से निकल नहीं पा रहे थे। सोमवार को किसी तरह वहां से पैदल घर के लिए चल दिए। बताया कि ये लोग अपने गांव की 500 किलोमीटर की यात्रा में से करीब 130 किलोमीटर की यात्रा तीन दिन में पैदल कर गुरुवार की रात मद्रेक इलाके के परदियावाली गांव पहुंचे थे।
यहां से इनके साथ एटा बस स्टैंड की 16 वर्षीय उमा पुत्री देवराज भी चल दी। वह भी दिल्ली से पैदल ही आई थी और दिल्ली में किसी बटन फैक्टरी में मजदूरी करती थी। इसी बीच मडराक क्षेत्र में हाईवे बाईपास पर गांव पड़ियावली के पास गेहूं से भरी ट्रैक्टर-ट्राली मिल गई, जिसमें सवार हो रहे थे। तभी पीछे से आते कैंटर ने टक्कर मार दी। कैंटर के पहियों के नीचे आकर सभी जख्मी हो गए। इनमें से रंजीत व दिनेश की मौके पर मौत हो गई। जबकि संतकुमारी को तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उमा का इलाज चल रहा है। इस दुर्घटना में रंजीत की पत्नी रामवती बाल-बाल बच गई।
इंस्पेक्टर मडराक के अनुसार इनके पास मिले आधार कार्ड और रामवती से मिली जानकारी पर पहचान हो गई है। इनके परिवारों को सूचना दे दी गई है। जो महिला सुरक्षित बची है, वह इस कदर बदहवास हालत में है कि ज्यादा कुछ बता नहीं पा रही है। उसे संभाल पाना मुश्किल हो रहा है। शवों को जिला अस्पताल की मोरचरी में रखवा दिया गया है।
उमा
का
भाई
रहता
है
एटा
में
इस
दुर्घटना
में
जख्मी
हुई
उमा
का
भाई
एटा
में
रहता
है।
उसने
बताया
कि
वह
भी
दिल्ली
में
ही
बटन
की
फैक्ट्री
में
नौकरी
करती
है।
भाई
एटा
में
रहता
है।
घर
जाने
के
फेर
में
वह
भी
पैदल
ही
चल
दी
थी।
किसी
तरह
यहां
तक
पहुंच
गई
थी।
उसकी
दुर्घटना
की
खबर
पर
भाई
एटा
से
चल
दिया
था।
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