शहीद नेत्रपाल सिंह की शहादत पर जहां बह रहे थे आंसू, वहीं पर भाजपा और सपा नेताओं के ठहाके का वीडियो वायरल
Shahid Netrapal Singh Funer, अलीगढ़। शहीद सीआरपीएफ के एएसआई नेत्रपाल सिंह (Netrapal Singh) का पार्थिव शरीर बुधवार की शाम सवा छह बजे पैत्रक गांव पिसाय पहुंचा तो हजारों की संख्या में लोग शहीद को श्रद्धांजलि देने उमड़ पड़े। शहीद नेत्रपाल के पार्थिव शरीर को शाम करीब साढ़े सात बजे बड़े बेटे यतिन कुमार ने मुखाग्नि दी। इस दौरान भारत माता की जय, वंदे मातरम् और नेत्रपाल सिंह अमर रहें के उद्घोष के बीच शहीद अंतिम विदाई दी गई। हालांकि, इस दौरान अलीगढ़ जिले के भाजपा जिलाध्यक्ष ऋषि पाल सिंह और सपा नेता बिजेंद्र सिंह का एक शर्मनाक वीडियो सामने आया है। वायरल वीडियो के मुताबिक, समर्थकों व कार्यकर्ताओं से घिरे दोनों नेता ठहाके लगाने में मशगूल थे। वीडियो वायरल होने पर लोग इसे शहीद की शहादत का अपमान बता रहे हैं। दरअसल, दोनों नेता नेत्रपाल के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए पहुंचे थे।
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बता दें, 23 दिसंबर को जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के गांदरबाल में आतंकी हमला हुआ था। आतंकियों ने सीआरपीएफ पार्टी को निशाना बनाकर ग्रेनेड हमला किया था, जिसमें एएसआई नेत्रपाल सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। सात दिनों तक जिंदगी व मौत की जंग लड़ते हुए 29 दिसंबर को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। तो वहीं, नेत्रपाल के शहीद होने की जानकारी मिलने के बाद परिजनों में मातम पसर गया। हालांकि, 23 दिसंबर को जब वह घायल हुए थे, तब से सेना के अधिकारी लगातार उनसे वीडियो कॉल करा रहे थे। बता दें कि नेत्रपाल सिंह का जन्म अलीगढ़ जिले के इगलास थाना क्षेत्र के गांव गड़ा खेरा पिसाय में हुआ था। नेत्रपाल 18 साल की आयु में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे और पांच भाइयों में चौथे नंबर के थे। नेत्रपाल की तीन बहनें हैं।
शहीद सीआरपीएफ के एएसआई नेत्रपाल सिंह का पार्थिव शरीर बुधवार (30 दिसंबर) की शाम सवा छह बजे 104 बटालियन आरएएफ लेकर पैतृक गांव पहुंची। यहां 139 बटालियन सीआरपीएफ के जवानों ने शहीद एएसआई को गार्ड आफ ऑनर दिया। इस दौरान प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री संदीप सिंह, डीएम चंद्रभूषण सिंह, सीडीओ अनुनय झा, इगलास विधायक राजकुमार सहयोगी, भाजपा जिलाध्यक्ष चौ. ऋषिपाल सिंह ने भी गांव पहुंचकर शहीद के शव पर श्रद्धांजलि अर्पित की। शहीद के अंतिम संस्कार के लिए सीआरपीएफ की ओर से पचास हजार रुपए की राशि परिवार को दी गई।